झँक्याके हेरे डेउ

संगम चौधरी
१० माघ २०७८, सोमबार
झँक्याके हेरे डेउ


अपन कला संस्कृटि के लग भिरे डउ ।
किटे साठ् डेउ, किटे अरगरसे डौरे डेउ ।

लोप हुइटि बा पुर्खनसंगे हमार पहिचान,
थारुनके इटिहास एक् एक् कैके जोरे डेउ ।

छाटिठोक्के हिम्मट साठ कहेसेकम् थारु हुँ,
ओहे कारन अपन थारु भासा करे डेउ ।

चिन्हाइ पर्ना बा अपन भेस ओ जाट् हे,
लेहेँगा, चोलिया, ढोटि, पग्रि पारे डेउ ।

परिवर्टन हुइल युगमे लावा पुस्टक् चलन,
विचारक् लग मै संगम हे झँक्याके हेरे डेउ ।

-संगम चौधरी

झँक्याके हेरे डेउ

संगम चौधरी