चित्रकारितामे थारु युबनके उपस्थिति

सागर कुश्मी
२२ पुष २०७९, शुक्रबार
चित्रकारितामे थारु युबनके उपस्थिति

सुरुवात

विश्वमे सबसे ज्यादा बुझ्ना भाषा कलक चित्र हो । चित्र हेरके नैपर्हल मनैयाँ फेन कहे सेकि ओ बुझे सेकि कि इ-इ चिज हो कहिके । हरेक मनैंनमे कुछ ना कुछ कला, सीप ओ ज्ञान डेके पठैले रठैं भगवान । हमार समाजमे फेन कुछ असिन कला रहल मनैं फेन जल्मल बटैं यहाँ । जे अपन छुट्टे पहिचान बनासेक्ले बटैं । आझ इ आलेखमे हमार थारु समुदायमे चित्रकारितामे अपन छुट्टे पहिचान ओ परिचय बनाइल थारु चित्रकारितामे योगदान करल कुछ चित्रकार ओइनके चर्चा कैल बा ।

मित्थु थारु

साविक दुर्गौली गाविस हाल जानकी गाउँपालिका वडा नम्बर २ भगतपुर कैलाली के बाबा खुशीराम थारु ओ डाइ अंगनी थारु के कोखसे २०४५ साल पुस महिनाके ९ गते जन्मल मित्थु थारु फेन थारु चित्रकार मध्य एक हुइँट ।

मित्थु थारु एक चित्रकार, मुर्तिकार, साहित्यकार ओ दृश्य चित्रकार फेन हुइँट । कैलाली जिल्लाके जानकी गाउँपालिका २ भगतपुरमे जन्मल मित्थु अज्कल ललितकला क्याम्पस काठमाडौंसे स्नातक समके औपचारिक शिक्षा हाँसिल कैले बटैं ।

मित्थु थारु दाङके चखौरामे रहल थारु संग्रहालयमे रास्स्त्रय आदिवासीमे संग्रहालय परियोजनामे धेर चित्र ओ मुर्ति बनैले बटैं ।

उहाँ बिस्वस्त बटैं कि संग्रहालयसे लर्कापर्का ओ आउर जन्हन थारु समुदायके संस्कृति बारेम मजासे सिखाइ सेक्जाइठ ओ इहिसे एक परिवर्तन फेन लाने सेक्जाइठ । उहाँ नेपाली कलाकार गेहेन्द्र मान अमात्यके अनुसन्धान मुलक पोस्टामे फेन ढेर योगदान बटिन । कैलारी पोस्टामे इलस्ट्रेट करल पहिल बाल खिस्साके पोस्टा हो ।

मित्थु थारु साहित्य, कला, संस्कृति ओ इतिहासहे कला ओ मूर्तिमार्फत प्रवद्र्धनके संगे स्थापित करक लागल बटैं । चित्रकला ओ मुर्तिकलामे लम्मा समयसे योगदान पुगैलकमे उहाँ आदिवासी जनजाति कला पुरस्कार २०७६/०७७ से पुरुस्कृत फेन हुइल बटैं ।

मित्थु चित्रकारिताके संगसंगे साहित्यमे फेन कलम चलैठैं । उहाँ खास कैके गजल, मुक्तक विधामे कलम चलाइल डेख्जाइठ ।

सुजु कुस्मी

गोदावरी नगरपालिका वडा नम्बर ६ कैलाली स्ठाइ घर रहल रामलाल चौधरी ओ राजकुमारी चौधरीके कोखसे २०५५ साल कुवाँर ८ गते जन्मल सुजु कुस्मी फेन एक अब्बल चित्रकारके रुपमे परिचित बटैं । अब्बे उहाँ पेशासे स्वास्थ्यकर्मी हुइलेसे फेन छोट्टेसे चित्रकारितामे रुची हुइल सुजु अब्बे चित्र बनैना काममे व्यस्त बटैं ।

चित्रकार सुजु कैलालीके अत्तरियामे रहल दुर्गालक्ष्मी बहुमुखी क्याम्पससे स्नातक पूरा कैले बटैं । उहाँ अझ्कल कैलालीके गोदावरी ०४ बुढीतोला सहरी स्वास्थ्य केन्द्रमे कार्यरत बटैं ।

छोट्टेसे चित्रकलामे रुचि रहल सुजु हरचाली त्रैमासिक, निसराउ, जोंजा, लगायत टमान किताबमे आवरण चित्र बनासेक्ले बटैं ।

उहाँ गजल, कविता, मुक्तक विधामे फेन कलम चलैटी आइल बिल्गाइठ । थारु महिलामे अभिनसम एक्केली चित्रकारके रुपमे अपन परगा बर्हैटी बटैं ।

मनिष चौधरी

कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ छुट्की पलियाके बाबा फिरु डंगौरा ओ डाइ कुमानीदेबी डंगौरा कोखसे २०५३ सालमे माघ महिनाके ६ गते जन्मल मनिष चौधरी चित्रकारके पंक्तिमे फेन डेखा पर्ठैं ।

कैलालीके धनगढीमे रहल मालिका कलेजमे स्नातक डोसर बरसमे अध्ययनरत उहाँ अज्कल एभरेष्ट एकडेमी अत्तरिया कैलालीमे कार्यरत बटैं ।

छोट्टेसे चित्रकलामे रुचि रहल मनिष हरचाली त्रैमासिक पत्रिका लगायत टमान किताबमे आवरण चित्र बनासेक्ले बटैं । उहाँके गायनमे फेन रुचि बटिन । अब्बे उहाँ अर्डर अनुसार चित्रकारिताहे आघे बर्हैटी बटैं ।

अन्तमे

हमार थारु समुदायमे अभिन फे टमान युवन्के प्रतिभा नुकल बा । हजारौं युवा अवसर नैपाके अपन कला डेखाइ नैसेक्ले हुइँट् । ओकर लाग स्थानीय सम्बन्धित निकाय ओ सरोकार ओला लोग ध्यान डेहे पर्ना बिल्गाइठ । ओस्टेके युवा लोग फेन अपन प्रतिभा प्रस्फुटन करक लाग अवसर खोजक लाग तयार हुइना अवस्था आइल बा ।

अपन अपन रुचि अनुसार काम कैलेसे हर काममे हलि सफलता पाइ सेक्जाइठ । ओहेमारे चली गोचागोची लोग आब अपन सीप हे समयमे सहि ठाउँ मे बेल्सना मौका आइल बा । हमार थारु समुदायके चित्रकार मित्थु थारु, सुजु कुस्मी ओ मनिष चौधरी जैसिन कला रहल संघरियनके गुण सिखे पर्ना जरुरी बा ।

कला मनैनके सौन्दर्य ओ जीवनपद्धतिसंगे जोरल हुइलेक ओर्से कलाकार अपन मौलिकता ओ पहिचानहे जोगैना काममे चिन्तन हुइना जरुरी बा । संस्कृति पहिचानके आधार हो । इहिहे सक्कुजाने मिलके संरक्षण, विकास ओ व्यवसायिक बनैनामे ढिल नैकैना चाहिँ। कलाकारके स्तरोन्नति, सशक्तिकरण ओ सीप विकासमे समेत हम्रे ध्यान डेना आवस्यकता बा ।

चित्रकारितामे थारु युबनके उपस्थिति

सागर कुश्मी