पिडैपिडामे बाँचल मोहनपुर

सागर कुस्मी
२ चैत्र २०७९, बिहीबार
<strong>पिडैपिडामे बाँचल मोहनपुर</strong>

पिडैपिडामे बाँचल मोहनपुर
सागर कुस्मी

कैलाली जिल्ला गाउँ, गाउँसे भरल जिल्ला हो । यहाँ १३ ठो स्थानीय निकाय बा । ओहे निकाय मन्से कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ३ मोहनपुर (साविक हसुलिया–४) फेन एकठो थारु जातिनके किल बस्ती रहल गाउँ हो । मोहना लडियक् ढिकुवामे हुइलेक ओर्से इ गाउँक् नाउँ मोहनापुर परल हो कहिके गाउँ बासिनके कहाइ बा । मोहनापुर कहटि कहटि पाछे जाके मोहनपुर हुइलक हो । विक्रम सम्वत् २०३६ सालमे टमान गाउँ, ठाउँसे बसाई सर्के आइल गाउँ हो मोहनपुर ।

डख्खिन ओर भारतके, उत्तर ओर घुरहा लडिया, पुरुब ओर शिवरत्नपुर गाउँ ओ पस्छिउँ ओर मोहना लडिया परठ । सुरुमे बस्ती बैठेबेर यहाँ खाली डँरुवा किल रहे । कौनो फेन मनैन्के बास नै रहे । डख्खिन ओर भारतके बनुवाँ बा । जब मनैंनके बसाइ हुइ लागल टे जम्मा १८ घर किल रहे । पाछे ढिरेढिरे बर्हटी गैल । जम्मा ७ सय जनसंख्या रहल इ गाउँमे अब्बेसम ९२ घर परिवार बटैं । यहाँ पुरा थारुन्के किल घर बा । टमान ठाउँसे कमाके आइल कमैयनके बस्ती हो मोहनपुर ।

मोहनपुर गाउँबासीनके बैठल ४० बरससे ढेर होगैल मने अभिनसम लालपुर्जा नैपैले हुइँट् । अपन हाँठम् लालपुर्जा नैहुइलक ओर्से बैंक, बित्तीय संस्था, सहकारीसे ऋृणके सुविधासे बन्चित हुइल बटैं । ओहेमारे आर्थिक कारोबार करे नैसेक्के आर्थिक स्थिति बहुत नाजुक बटिन । स्थानीय निकाय अभिनसम कौनो सुनुवाइ नैकैले हो ।

इ गाउँमे एक्ठो जनता प्राथमिक बिद्यालय किल बा । २०५२ सालमे स्थापना हुइल कक्षा ५ सम किल पर्हाइ हुइठ । लेकिन उहिसे उप्पर शिक्षा लेहक लाग हसुलिया बजार कि टे के गाउँ जाइ पर्ना बाध्यता बटिन मोहनपुरके लर्कापर्कनहे । बर्खाके समयमे मोहना लडियामे बार्ह आइल समयमे स्कुल जाइ नैसेक्ठैं । महिना दिनसम स्कुल जाइ नैपाके पर्हाइमे बहुत समस्या भोग्टी आइल बटैं । माध्यमिक विद्यालय संचालनके लाग अभिनसम स्थानीय निकायसे कौनो सुनुवाइ नैहुइल हो ।

थारुनके अपन छुट्टे पहिचान बा । अपन अपन सबके रिट्भाँठ, संस्कृति बा । अपन रहनसहन, चालचलन, परम्परा फेन बा । ओहे ओर्से यहाँक् ठारु ओइने सर्ट, पैन्टर, कट्टु, सुरवाल लगैठैं कलेसे महिला ओइने लहँगा, बिलोज, सारी, अघरान, सुरवाल कुर्ता लगैठैं । मने अझ्कल ढिरे ढिरे पुरान संस्कृति लगाम हेरैटी गैल बिल्गाइठ । पहिले पहिले गाउँ हरेक मेरके नाचगान होए । आब ढिरे ढिरे समय परिवर्तन संगे सखिया, झुम्रा, हुरडुंगुवा, मघौटा ना फेन सब लोप होसेकल बा । टरटिहुवारमे कबुकाल्ह झम्रा नाच भर हुइठ । पुरान पुस्टा ओइनसे लावा पुस्टामे हस्तान्तरण हुइ नैसेकठो । हमार थारु संस्कृति बचाइक लाग अब्बक् युवा लोग जागरुक हुइना जरुरी बा ।

मोहनपुरके हावा पानी स्वच्छ बा । यहाँक माटी बल्खुसहा हुइलेसे फेन उब्जनी ओत्रा ढेर बिल्गाइठ । हिउँदे बालीसे फेन नगदे बाली फरगर हुइठ । अझ्कल बहुत युवा तरकारी खेटीमे पस्ना चुहैटी बटैं । मोहना लडियाके ढिकुवामे सैगर मेहनत कैके अपन गुजारा कर्टी बटैं । जमिन बलुहा हुइलक् ओरसे सोंचलहस् उब्जनी नैहुइठ् ।

अब्बे समय बहुत ढेर परिवर्तन होसेकल । गाउँ गाउँमे बिजली बत्ती, पक्की डगर, संचार पुगसेकल बा । स्थानीय निकायसे विकास हुइना काम रफ्तारमे बा । मने मोहनपुर अभिन यी सेवासे बहुत डुर बा । गाउँमे अभिनसम एकठो फेन प्राथमिक उपचार केन्द्र नैहो । स्वास्थ्य चौकी नैहो । ना टे कौनो मेडिकल हो । दुख बिमार परल अवस्थामे बहुत दुख भोगे परल बात मोहनपुरके भलमन्सा रामु चौधरी बटैठैंं । बर्खाके समयमे सुत्केरी हुइल महिलनहे सबसे जेडा समस्या हुइल बात भलमन्सा रामु चौधरी बटैठैं । उहाँ कठैं मोहना लडियामे बार्ह रहठ । यहाँसे बाहेर लैजैना कुछ उपाय फेन नैहो । नाटे जैना डगर हो ना कौनो उपाय । ओकर लाग झुलुंगे पुलके लाग स्थानीयमे जाके पहल करलेसे फेन अभिनसम कौनो सुनुवाइ नैहुइल हो । ओेहोर गाउँपालिकासे बात बुझेबेर प्रक्रिया आघे हुइटी रहल बा । सरकारी काम हुइलक ओरसे ठनिक काम ढिरेसे हुइलेसे फेन काम हुइ ।

गाउँक् सेवा करुइया समाजसेवी मनसे सोर्हिनियाँ फेन एक हुँइट् । मोहनपुरमे फेन अभिनसम ३ जाने महिला लागे निस्वार्थ रुपमे सेवा करटी आइल बटैं । सीतादेवी चौधरी (६५), ठगियादेवी चौधरी (६५) ओ रानीदेवी चौधरी (६७) मोहनपुरके सोर्हिनियाँ हुँइट् । ओस्टके मीनादेवी चौधरी (४५) वहाँके स्वयम् सेविका हुँइट् ।

हमार थारु समुदायमे अभिन फेन भसिन मनैं जियल बटैं । जे सदियौंसे हैजा, टाइफाइड, मलेरियासे लरके फेन यी समाजहे जिवित बनैलैं । गुरुवा हमार थारु समुदायके जिट्टी लिपी हुँइट् । हरेक समस्यामे अपन मन्टरसे जरिबुटिसे हरेक रोग बिरोगके बचैलैं । मोहनपुरमे फेन अभिन थारु गुरुवा बहुत बटैं । उहाँ लोग निस्वार्थ रुपमे गाउँक् सेवा करटी आइल बर्का गूरवा ठागुराम चौधरी बटैठैं । इ गाउँमे रहल थारु गुरुवनके नाउँ उमेर खुलाके यहाँ उल्लेख कैल बा । ठागुराम चौधरी (६७), अनिस चौधरी (४०), भागीराम चौधरी (६८), सुखलाल चौधरी (४३), मनिराम चौधरी (४६ंं), बुधराम चौधरी (३९), प्रदेशु चौधरी (४५), छेदालाल चौधरी (७०), जंगबहादुर चौधरी (६८), मेलाराम चौधरी (५२) मोहनपुरके गुरुवा हुँइट् ।

थारु प्रकृति पुजक् हुँइट् । थारु समुदायके अपन मेरिक पूजापाठ करना चलन बा । गाउँक् जम्मा काम कौनो फेन पूजा करक् लाग मरुवा चाहठ् । ढुरिया पूजा, हरेरि पूजा, असारि पूजा, लवाँगी पूजामे फेन मरुवामे जाके सक्कु गाउँक् किसनवन् जुटके करठैं । अब्बे यि गाउँमे कच्ची मरुवा बनाइल बा । हरेरि पुजामे रात भर भलमसाान घर नाचगान कैना चलन फेन जिवित बा ।

चाहे मर्निकर्नि रहे चाहे भोजबियाह गाउँक् सक्कु गरढुरियन् सबजे मिलके कैना चलन अभिन हेराइल नैहो । भोजम्से लेके मर्निकर्निसम कुल काठि पाटा करना, नेंउटा बँट्ना, भात भन्सा करना, कुलाही करना, भुरा खेल करना लगायत काम सक्कु जाने मिलके कैटि आइल बटैं । सामुहिक काम करट डेख्के इ गाउँक् सद्भाव रहल बिलगाइठ् ।

मोहनपुर गाउँ थारु भासा, साहित्य, लोकगीत, लोककथा, पुरान गीतबाँसके लाग खोज अनुसन्धान कैना एकडम उपयुक्त गाउँ बा । पुरान पुरान सिस्सा, बट्कुहि जन्ना मनैं अभिन टमान जियल बटैं । इ गाउँक् पुराने इतिहास हुइलक् ओरसे यहाँक् पर्हल लिखल् युवा लोग कलम चलाइ पर्ना एकडम जरुरि बा । अपन पहिचानके लाग आझुसे जुरमुरैना लावा युवा पुस्टन्के सबसे भारि जिम्मा आइल बा । थारु भासक् पोस्टा प्रकासन कैलेसे इ गाउँक् पहिचान ओ इतिहासके लाग दस्तावेज जरुर बनि । मोहनपुरके जरुर एक परगा आघे बर्हि ।

मोहनपुर गाउँक् पहिचान ओ विकासके लाग २०७८ पुस २० गते हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक ओ मोहनपुरके संयुक्त आयोजनामे मोहनपुर साहित्यिक विसेस कार्यक्रम हुइल बा । एकर व्यवस्थापन मोहनपुर कैले रहे । यि कार्यक्रममे दांग जिल्लांसे छविलाल कोपिला, नीमबहादुर थापा, बिन्तीराम महतो, कैलालीसे, तुलाराम सनम, रामचरण चौधरी, पुर्णिमा चौधरी, उर्मिला चौधरी, मनिसा थारु, सपना कुस्मी, लगायत साहित्यकार लोग अपन अपन रचना वाचन कैले रहिंट । कार्यक्रममे पूर्व मन्त्री गौरीशंकर चौधरी, राज समझ चौधरी ओ कैलाश चौधरी फेन हाजिर हुइल रहिंट । यि कार्यक्रम गजलकार सागर कुश्मीके विसेस अगुवाइमे हुइल रहे कलेसे भलमन्सा रामु चौधरी, सुनिल चौधरी, लगायत संघरियनके विसेस योगदान बा । यि कार्यक्रममे मोहनपुरवासी अइना दिनमे साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमके लाग निरन्तर रुपमे हरेक साल उत्सवके रूपमे कार्यक्रम कैना योजना बटिन् । साहित्यिक कार्यक्रममे मोहनपुर गाउँक् दिन नचुवा नाच फेन डेखागैल रहे ।

मोहनपुरके सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक ओ शैक्षिक अवस्था अभिन ओत्रा हिरगर नैबिल्गाइठ । सरकारी सेवा सुविधासे अभिन दुर बटैं । उच्च शिक्षाके लाग उ गाउँक् युवन्के बहुत समस्या बटिन । ओहे मारे सम्बन्धित निकाय सरोकार ओला लोग मोहनपुर गाउँक् विकासके लाग ध्यान डेहे पर्ना जरुरी बा । छिपल पाकल अग्रज ओइनसे पुरान पुरान लोक साहित्य जोर बिटोरके थारु लोकगीत ओ संस्कृतिके दस्तावेजीकरण कैना अब्बेक युवनके कन्ढामे आइल बा । ओहेमारे मोहनपुरबासी अपन गाउँ ठाउँ विकासके लाग ओइन्हे ढेर पाठ सिखके एकजुट हुइ पर्ना बटिन । चलि सक्कु जाने अपन अपन ठाउँसे जागी ओ लागि मोहनपुर गाउँ समाज विकास कैनामे ।
धनगढी कैलाली

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सागर कुस्मी