“हमार देश ओ नेपाल देशके थारुनके रोटी बेटीके सम्बन्ध बहुत बल्गर मैगर बा”

कर्मवीर चौधरी
२ चैत्र २०७९, बिहीबार
<strong>“हमार देश ओ नेपाल देशके थारुनके रोटी बेटीके सम्बन्ध बहुत बल्गर मैगर बा”</strong>

अन्तरवार्ता
“हमार देश ओ नेपाल देशके थारुनके रोटी बेटीके सम्बन्ध बहुत बल्गर मैगर बा”

देश भारत, उत्तर प्रदेश, जिल्ला श्रावस्ती, गाउँ भचकाही सिरसियाके थारु समुदायके, कर्मशिल व्यक्तित्व, समाजसेवी, शिक्षक, थारु कलाकार, सामाजिक अगुवाइ करुइया मध्य एक हुइँट्, कर्मवीर चौधरी । बाबा राम बहादुर थारु ओ डाइ सीता देवी थारुके कोखसे जल्मल कर्मवीर १९८९ जनवरी ७ टारिखके दिन उहाँ इ धर्तीमे गोरा टेक्लैं । उहाँक् अब्बे विगत ८ सालसे शिक्षण पेशामे सेवा करटी आइल बटैं । उहाँ शिक्षा क्षेत्रमे करल ढेर योगदान पुगाइल ओर्से उहाँ कैयो बार शिक्षण संस्थासे सम्मानित फेन हुइल बटैं । उहाँ श्रावस्ती जिल्लाके महामन्त्री फेन हुइँट । उहाँ एक पत्रकार, लेखक फेन हुइँट् । उहाँके टमान पत्रपत्रिकामे लेख रचना, गजल, मुक्तक, कविता प्रकाशित हुइल बटिन । उहाँ अपन गाउँ ठाउँमे सामाजिक काममे ढेर सक्रिय एक होनहार युवा हुइँट् । इहे क्रममे पत्रकार सागर कुस्मीसे समसमायिक विषयमे केन्द्रित होके करल छोटमिठ बातचित यहाँ प्रस्तुत कैल बा ।

१.अपने एक कुशल शिक्षक, वुद्धिजीवी ओ समाजसेवी हुइटी । समाजमे अपन परिचय कैसिक डेना रुचैठी ?
मैं अपन समाजमें सामाजिक, सांस्कृतिक जनजागरणके अभियानमे व्यापक रुपमें तत्पर बटुँ । पेशालेके मै एक शिक्षक हुइटुँ । मोर ढेर परिचय अत्रै हो ।

२.इ शिक्षण पेशामे कहियासे लग्ली ओ एम्ने लागक लाग कटरा संघर्ष करे परल ?
मोर शिक्षण पेशामें लगभग आठ बरस बिटे लागल । इ पेशामे छिरेक लाग बहुत संघर्ष करेक परल । रात दिन पढाइमे ध्यान डेके यहाँसम पुगल बटुँ । बहुत दुख कैके आझ यहाँसम पुयल बटुँ ।

३.भारतमे अब्बे शिक्षण अवस्था कैसिन बा ? भारत सरकार शिक्षामे का का सेवा सुविधा डेले बा ?
भारत देशमें अब्बा शिक्षण व्यवस्था पहिलेक लेके बहुत मजा हुइटि बा । खाना, जुटा, मोजा, ड्रेस किताब १ कक्षा से ८ कक्षासम सक्कु चिज निशुल्क मिलठ सरकारसे ।

४.अपने स्कुल, खेटीपाटी, समाजसेवा, घरक् काम इ सक्कु काम कैना समय कैसिक निकर्ठी ?
स्कूलके समयमें ड्युटी ओ बिदा मिलटी की समाज सेवाके काम करना छोट्टेसे मोर रुचि हो । खाली हुइल समयमे सामाजिक काममे समय बिटैठुँ ।

५.भारतमे थारु भाषा, लोकसाहित्य, संस्कृति, कला फेन बा । एकर संरक्षण, सम्बद्र्धन ओ विकास कैसिक करटी बटि ?
हमार देशमें थारू भासा, सामाजिक, संगठन ओ परम्परा, रीतिरिवाज बहुत अनोखा बा । हमरे एकर बचाउ करक लाग सामाजिक संगठनके साथ साथे मिटिंग बैठक ओ समय समयमे सांस्कृतिक कार्यक्रम कैके बचैटी बटि । श्रावस्ती जिल्लामे हर साल सांस्कृतिक कार्यक्रम फेन कर्टी आइल बटि ।

६.भारतमे श्रावस्ती जिल्लाके भचकाही ग्राम पंचायतमे थारुनके सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक ओ शैक्षिक अवस्था के बारेम् बटा डि ना ?
हमार भचकाही गाउँमें हमार थारू जातिनके उत्थान बहुत मजा बा । हमार श्रावस्ती जिल्लामें सबसे ढेर सरकारी नौकरी पेशामें लागल बटैं । एक घरमे, कोइ ४ जाने, कोइ ३ जाने टे कोइ २ जाने हर घरमें सरकारी जागिरमे लागल बटैं । राजनीतिक ओ आर्थिक स्थितिमें बहुत मजा बा । पहिलेकलेके अब्बे आर्थिक स्थिति सुधार हुइटी गैल बा ।

७.अपनेक गाउँमे अझकल कौन कौन नाचगान ओ कैसिन कैसिन साँस्कृतिक कार्यक्रम हुइठ ?
अझकल हमार गाउँमे डसिया, माघ, ओ टरटिहुवारमे लहंगा, चोलिया, ढोटी लगाके मंडरामे झुमरा, दिन नचुवा नाचगान हुइठ । समय समयमे टमान मेरके सांस्कृतिक कार्यक्रम हुइठ ।

८.अपनेनके अपन गाउँघरमे नेपालके चेलीहे (अनुरागके गोसिनियाँ ओ शान्ती चौधरी) पटुहिया बनाके नाट जोरले बटि । नेपाल ओ भारतके थारुनके सम्बन्ध कैसिन हुइक चाही ?
हमार देशमे डहेज मुक्त बियाह कर्ठी । हमार भारत देश ओ नेपाल देशके नाता अब्बेसे किल नाही एकर सम्बन्ध सदियोंसे चल्टी आइल बा । हमार देश ओ नेपाल देशके थारुनके रोटी बेटीके सम्बन्ध बहुत बल्गर मैगर बा ।

९.नेपालके थारुनसे सम्बन्ध जोरना सोंच कैसिक आइल ? कि पहिलेसेफें नेपालके थारुनसे सम्बन्ध रहे ?
हमरे डुनु देशके थारु एक्के हुइटी । सक्कु चिज हमार मिलठ । बस एक डगर बनसेकल बा आझसे नाही आदिसे चलटी आइल बा । डुनु ओरसे आवाजाही हुइटी बा । नेपालके बेटी भारतमे अइटी बटैं कलेसे भारतके बेटी फें नेपाल जैटी बटैं । हमार पुर्खा ओइने फेन नेपालके दांगसे आइल हुइटैं ।

१०.ओरौनीमे जैटिजैटि इ पत्रिकामार्फत सक्कुहुनहे का सन्डेस डेना चाहटी ?
मोर सक्कु जहन इहे सन्डेस डेना बा कि हमरे थारू एक जाति एक खुन सक्कु चिज हमार एक्के बा । बस भुभागसे ठोरा दुरीमे बटि फरक अट्रे बा । आउर कुछ नैहो । हमार सक्कु रीतभाँठ, संस्कृति, भेसभुसा, पहिचान, खानपानके साठे शारीरिक संरचना ओ भासा लगायत गोत्र फें मिलल बटैं । धन्यवाद ।

<strong>“हमार देश ओ नेपाल देशके थारुनके रोटी बेटीके सम्बन्ध बहुत बल्गर मैगर बा”</strong>

कर्मवीर चौधरी