गोचाली सबके मैगर संघारी

महेश चौधरी
८ चैत्र २०७९, बुधबार
गोचाली सबके मैगर संघारी

गोचाली सबके मैगर संघारी
(स्मृतिम गोचाली भाग २)
महेश चौधरी

हम्र गोचालीरुपी ढुंगाह समाजरुपी तलवम एक्ठो ढुंगा फक्ली तब पानीम एक्ठोर तरंग उत्पन्न ह्वाए गइल । जेहिह चेन रियाक्सन कठ । यह तरंग हो जौन तरंग हमार शोषित पीडित थारू समाजमसे प्रगतिशील साहित्यकार पैदा करल । बेस संस्था जन्माइल । काठमाडौंसे थारु संस्कृति पत्रिका निक्र भिरल । माओवादी जनयुद्धक् लाग लडाकुदस्ता तयार करल । जस्त चैत बैशाखक गर्मीले बन्वम रहल सब पातपतिंगर खरम एक काटी सलाइक डाँरी कोर्क फाक देलसे सारा बन्वम राह लागसक झट्ट ‘गोचाली’ थारू भाषिक आन्दोलनक सशक्त आवाज बन गइल । गोचाली आवाजविहिनक आवाज बन गइल । ‘गोचाली’ शद्वविहिनक शद्व बन गइल । अत्रम धेरसे थारू युवाहुक्र गोचालीक् समर्थनम आगइल । समाजह बदल्ना प्रेरणा हुक्र पाक अभियानम जुट गइल ।

ऊ समय हमन युवाम अन्याय अत्याचारक विरोध कर्ना प्रवृतिके विकास हुइटी रह । हमारम अन्याय अत्याचारक सहन सीमा नाङ्घसेकल रह । हम्र हमार नेपाली समाज, संंस्कृतिक विभेदकारी पर्खालह भत्काक समतामूलक समाज व संस्कृतिक् निर्माण कर चाहतलही । हम्र युवा हुक्र समाजम रहल पुरान अन्धविश्वास, कुसंस्कार, कुप्रथा, सरकारक विभेदकारी नीति, सामन्तवाद व राजतन्त्रके जगह जरसे उखार्क फाक्क नेपालम वैज्ञानिक समाजवाद स्थापना कर्ना अभियानम जुटल रलहि । लेकिन ऊ समय पुरान जगह एक्चोट्टिए भत्काक भत्काई सेक्ना स्थिति नैरह । लेकिन यी बातह मान परठ कि ऊ समय पुरान जग भत्कनाक्रम अवश्य शुरुहुइल रह । मनैनम लावा चेतना, लावा विचार, बलिदानिपूर्ण भावना निर्माण हुइटी रह । यी समाजह परिवर्तन करक लाग एकदम महत्वपूर्ण व सकारात्मक पक्ष हो । महान लेखक् राहुल सांस्कृत्यायन एक्ठो किताव लिखल बाट “भागो नहि दुनियाको बदल डालो ।” हम्र आपन युद्ध मैदानह छोड्क अमेरिका, बेलायत, क्यानाडा, जापान, अष्ट्रेलिया ओ अन्य देशम पलायन हुइना नै हो । बल्कि कठिनसे कठिन परिश्रम यह कर्क, संघर्ष कर्क, विकट परिस्थितिसे सामना कर्क आपन समाजह बदल्ना हो । यह ठाउँह सुन्दर बनैना हो ।

बेस संस्थक अध्यक्ष डिल्लीबहादुर चौधरीजी महिह धेर फ्यारा कह सेकल बाट, “दादु २०२८ सालम प्रकाशन हुइल गोचाली पहिला अंकम छापल अप्नक् लेखके शीर्षक ‘पिछडल थारू जाति बिग्रलक कारण व सुधर्ना उपाय’ पर्हक हम्र ब्याकवार्ड सोसाइटी एजुकेशन बेस खोल्ली । शिक्षा जो समाज परिवर्तनक आधार शिला हो । संस्थाह दर्ता कर्ली ।” म्वाँर लेखक सार रह, पिछडल थारू जाति बिग्रलक प्रमूख कारण अशिक्षा हो । शिक्षा विहिनताके प्रमूख कारण चेतना विहिनता हो । शिक्षा मनैनम चेतना जागृत करठ । पिछडल थारू समाजह सुधर्ना प्रमूख आधार हो साक्षरता । आधारभूत शिक्षा हो । आधारभूत शिक्षा उच्च शिक्षक आधारशीला हो । उच्च शिक्षा हासिल कैक केल थारू समाजह हम्र आघ बरहाइ सेकजाइ । आउर विकसित समाजके तुलनाम थारू समाजह लैजाइ सेकजाइ । हमार समाजह समतामुलक समाजओर डो¥याई सेकजाइ कहना म्वाँर धारणा हो । म्वाँर लेखके सार रह ।

२०३१ सालवर मै त्रिभुवन विश्वविद्यालय, कीर्तिपुर, काठमाडौंम एम.ए. भूगोल बिषय लेक पर्हटनहुँ । मै कीर्तिपुर होस्टेलम बैठँु । महिह एक्ठो मनैयाँ बिहानक कीर्तिपुर होस्टेलम बलाए आइल व महिह कहल अप्नह महान्यायाधिवक्ता रमानन्दप्रसाद सिंहजी बलाइल बाट । अप्न काल्ह शनिवार बिहान ८ बजेओर पुल्चोक, ललितपुरस्थित हुकाहार घरम अवश्य अइबी । महिह अत्रा बात कहिक ऊ मनैयाँ चलगइल । दोसर दिन मै बिहान ८ बजे महान्यायाधिवक्ता रमानन्दप्रसाद सिंहजीके घरम गइनु । हुकार घरके बैठक कोठाम सप्तरिक त्रिभूवन चौधरीजी व उदयपुर जिल्लाक तेजनारायण पन्जीयारजीफे बैठल रलह । महिह रमानन्दप्रसाद सिंहजी कहल, “टुह्र २०२८ सालसे थारू भाषाम गोचाली पत्रिका प्रकाशन कर्टि आइटो, टुह्र बहुत मज्जा काम करटो । पहिला त यहिसे थारू भाषक् विकास हुइटा । दोश्रा दाङ ओर थारू जातिम बहुत थिचोमिचो, अन्याय अत्याचार, शोषण दोहन बा । जेहिह टुह्र गोचाली पत्रिकामार्फत यी बिषयह उजागर करटो । याकरविरुद्ध लडकलाग टुह्र जनताम चेतना जगाइटो । जनताम चेतना जगैना काम बहुत महान काम हो । टुहन हमार तरफसे धेर–धेर धन्यवाद बाट, बधाई बाट । हम्रफें टुहन्से प्रेरणा पाक काठमाडौंसे थारू भाषाम “थारू संस्कृति” पत्रिका प्रकाशन कर जाइटी । हर शनिवार टुँफें हमार कार्यक्रमम आक हमन सहयोग करहो कहल ।”

साहित्यम असिन जादु रहठ जे हज्जारौ हजार मनैन्क मनह, भावनाह सहज रुपसे छु लेहठ । जीत लेहठ । कहाइक अर्थ कत्रा मनैनक लाग गोचाली प्रेरणाक स्रोत बनल । जेकर बयान कैक साध्य नै हो । थारू भाषी हुकहनक् लागकेल नाही नेपाली भाषिन्क लागफेन गोचाली मैगर संघारी बनल । ओह त २०५३ सालम कवि युद्धप्रसाद मिश्र प्रतिष्ठान, काठमाडौं, गोचालीह कवि युद्धप्रसाद मिश्र पुरुस्कारसे सम्मानित करल रह । क्रमश ः (हमार पहुरा अनलाइनसे)
(पूर्व राज्यमन्त्री चौधरी गोचाली पत्रिकाके संस्थापक प्रधानसम्पादक रहिंट् ।)

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महेश चौधरी