‘नाटक कर्टी जिन्गी बिटैना मोर लक्ष्य बा’

सुनिता चौधरी
१३ चैत्र २०७९, सोमबार
‘नाटक कर्टी जिन्गी बिटैना मोर लक्ष्य बा’

अन्तरवार्ता
‘नाटक कर्टी जिन्गी बिटैना मोर लक्ष्य बा’

बर्दिया जिल्लाके गुलरिया नगरपालिका वडा नम्बर १ बेलटाँरीमे बाबा पतिराम चौधरी ओ डाइ हिउंटी चौधरीके कोखसे २०५२ माघ १ गते जन्मल रंगकर्मी ओ मोडल सुनिता चौधरी थारु कलाकार मध्ये एक हुइटैं । थारु आधुनिक नाट्य कलाक्षेत्रमे चर्चित कलाकारके रुपमे स्थापित हुइल बटि । उहाँ मै टोहाँर दिवानी, गाउँ घरक् छैली, रहर, मेरो पनि मन छ, पागल मन, डौनक् माला डेहबु घलाइ लगायत एक दर्जनसे ढेर थारु ओ नेपाली गीतमे अभिनय कैसेक्ले बटैं । ओस्टेके भुरभरा रहर, गोतीयार फिलिम, करोट, दृश्ती नाटकमे फेन डमडार रोल बटिन । २०७४ सालमे बर्दिया कलाकार मंचसे उत्कृष्ट कलाकारके रुपमे सम्मान फेन पाइल बटैं । एहे क्रममे इ पत्रिकाके प्रधान सम्पादक सागर कुश्मीसे करल छोटमिठ बातचित यहाँ प्रस्तुत कैल बा ।

१.सुनिता बाबु अप्ने कलाक्षेत्रमे कहियासे लगली ? इ क्षेत्रमे लग्ना आशिर्वाद कहाँसे पैली ?

–मै ८÷९ बर्षक पुग्नु टे महिन नाटक कर्ना, नच्ना मोर बहुत रहर रहे । हमार मन्ल्ही दिदी महिसे आघे सडक नाटकमे जाए । महिनफें नाटकमे खेल्ना बहुत इच्छा रहे । घर काम कर्ना बेला, खेल्ना बेला अक्कल्हे अक्कल्ही नाचु ओ कौनो फिलिमके डाइलग बोलँु । दिदिक भोज हुइलिस टे २०७१ सालमे महिन बिष्णु थापा, नरेन्द्र श्रेष्ठ , शम्भु सुनार नाटकके लाग बलाइ अइलैं । पहिल नाटकमे मै सक्कु दर्शक हुकनके मन जिट्ना सफल हुइनु । ओठ्ठेसे मै कला क्षेत्रमे लगातार लागल बटँु ।

२.अप्नेक बाल्यकाल कैसिक बिटल बटाडिना ? जिन्गीमे सबसे यादगार पल कुछ बा, जौन कबु नैभुले सेक्ना ?

–मोर बाल्यकाल ठिक ठिके बिटल । मै ज्या कहुँ, हमार घरक् मनै मोर इच्छा पुरा कैडेहेंट । सक्कुनके मैयाँ पैनु कहपरल । विशेष कैक हमार काका गोपाल चौधरीके बहुट प्यारी रहुँ । मोर जिन्गीके सबसे यादगार पल कलक, मै जब १ कक्षामे पर्हु टब सद्द स्कुलसे भागके घर आजाउँ । कबु स्कुल जैना समय हुइल कलसे किउ फें निडेख्ना ठाउँमे जाके नुकु । जुन दिन बाबा स्कुल जिब्या टे पैसा डिहम कह ओ पैसा डेके स्कुल पठाए उ दिन स्कुल जाके फें १ घन्टि पहरके घर भागजाउँ । एकदिन बाबा मोर हाँठ गोरा बाहानके फोहोर फकैना खोल्भट्टिम फकाडेहेल । टट्टन मट्टन घाममे खोब रोइनु । बहुत पियास लाग । डाइ सुफ्लाइ कैके साेंचल रहुँ, डाइ फें नैसुफ्लाइल । सन्झ्या हुइल टे बाबा अप्पन्हे महिन छोरल । यी मोर बहुत यादगार पल हो । कब्बु फें बिस्राइ नैसेकम ।

३.अब्बेसम् थारु ओ नेपाली मिलाके सक्कु कैठोसम गीतमे अभिनय कैसेक्ली ?

–पाँचठो थारु गित ओ एकठो नेपाली कैके ६ ठो गीतम खेल्ले बाटँु । मै टोहाँर दिवानी, गाउँ घरक् छैली, रहर, पागल मन, डौनक माला डेहबु घलाइ ओ नेपाली गीत मेरो पनि मन । ओस्टेके आकुर गीत अइना क्रम जारी बा ।

४.कला संगीत क्षेत्रमे लागके का पैली ओ का गुमैली ?

–कला क्षेत्रमे लागके मै दर्शक हुकनके मैंयाँ पाइटुँ । सुनिता एकठो असल अभिनेत्री हो कैह्के परिचित हुइटि बटँु ।

५.अप्ने सक्कु मेराइक गीतमे भूमिका निभासेक्ली । खास कैके कसिन गीतहे प्राथमिकता डेठी ? खास कैके कैसिन गीतमे मन परठ ?

–मै सेन्टिमेन्टल गीतहे ढेर प्राथमिकता डेठुँ । काहे कि जत्रा फें मै नाटक गीत खेल्ले बटँु ढेरहस् सेन्टिमेन्टल किल बा । सायद महिन सेन्टिमेन्टल सुट करट कनाहस् लागठ । सायद मोर सेन्टिमेन्टल गाना, नाटक मन नैपरुइया कमे हुइहि । सेन्टिमेन्टलमे खेल्लेसेफें पुरान सांस्कृतिक गीत महिन बहुत मन परठ । आब आधुनिक गीतमे खेल्ना खेल्ना रहर बा ।

६.अपन अभिनय करल गीत मध्ये सबसे मन पर्ना गीत कौन हो ?

–महिन अपन अभिनय कर्लक गीत मसे मन पर्ना गित पागल मन ओ रहर हो । काहे कि इ गीतमे मोर सोंचलहस् रोल बा ।

७.नाटकमे खेलके यहाँसम् पुगली । इ समयमे कैसिन कैसिन दुख, समस्या, ओ बाधा अड्चन आइल ?

–नाटकमे सबसे पैल्हे टे मै करियर बनैना बहुट कर्रा परठ । नाटकके समयमे ना घाम, ना पियास, ना भुख सक्कु मैयाँ मारे परठ । जब महिन नाटकमे चाहे सुटिङमे बलैठैं, मै जौन ठाउँ जिठुँ टे सुरुम महिनसे केउ फें नैबोल्ठैं । महिन डेख्के यी का कर सेकि कना मनमे लग्ठिन । टब महिन बहुत दुःख लागठ । काहे कि मै ढेर नैबोल्ठु । काम लागक् भरिक किल बोल्ठुँ । जब मोर काम डेख्ठैं टब बल्ल महिनसे बोल्ठैं ।

८.एक्ठो सफल कलाकार बनक लाग का का करे परठ ? अभिनय कर्ना साधना कहाँसे सिख्ली ?

–एकठो सफल कलाकार बनक लाग टे सबसे पैल्हे मिठ बोलीवचन हुइ परल । किहिसे कसिक बोल्ना कैह्के साेंच्के बोले परठ । डोसर बात हमे्र का काम करटि ? यिहिन कसिक कौन हिसाबसे प्रस्तुत कर्लेसे मजा हुइ ? कैह्के साेंचे परठ । ता कि दर्शक हुकनके मन जित सेकि । अभिनय कर्ना टि.भी. हेरके, रेडियो सुनके मै सिख्नु । टब २०७४ सालमे काठमाडौं मण्डला थिएटरमे ६ महिनक् एक्टींग कोर्स सिख्नु । छात्रावृतिमे नाटक सिख्ना मौका पैनु ।

९.इ बाहेक आउर का काममे समय बिटाइटी ?

–कलाकार क्षेत्र बाहेक मै एक बर्ष सहकारीमे काम कर्नु । नाटकमे जाइ निपाके बहुट छट्पटाउ । कबुकाल्ह बिदा माँगके हुइलसेफे नाटकमे चल्जाउ । टब सहकारी छोरडेनु । आब ब्युटि पार्लर सिखक लाग बटुँ ।

१०.मनैंनके जिन्गीमे गीत संगीतहे कैसिक परिभाषित कर्ठि ?

–संगित एकठो मनैंनके मन बहलैना साधन हो । बैराग लागल बेला मन चौकस करैना एक मेरके औषधी हो कनाहस लागठ । जब मनैं दुखी रठैं, उराठ हुइल रठैं टब संगीत सुनके, भिडियो हेरके आनन्द लेठैं । संगीत सुनके अपन मन हल्लुक परठैं ।

११.ओरौनीमे कुछ बाँकि बा कि कहे पर्ना बात ?

–ओरौनीमे मै जत्रा बेराम रलेसेफे नाटक कर्ना बेला सुटिङ कर्ना बेला मजा होजैठँु । मोर इच्छा नाटक सुटिङ कर्टि कर्टि मुना हो । नाटक कर्टी जिन्गी बिटैना मोर लक्ष्य बा । अस्टेक मुए पैम टो मोर मन शान्ति पाइ कनाहस लागठ । कुम्हाँ चम्काके हिहि..। धन्यवाद ।

‘नाटक कर्टी जिन्गी बिटैना मोर लक्ष्य बा’

सुनिता चौधरी

error: Content is protected !!