बिना बौंरक् लडाबड

विन्ति राम महतो
१४ चैत्र २०७९, मंगलवार
बिना बौंरक् लडाबड

निबन्ध
बिना बौंरक् लडाबड

ओजरिया रातके बद्रीमे गुचमुचाइल फुच्ची फुइया टोरैं डेख्के बुडी जनौनी डारी । बिना बांैरक लडाबड काहो लरको जानो ? कबो अत्रा ढेर फचफचाइल टोरंै डेख्के अचम्म मानी ओ कही । का चिज होंइ यी टोरैं ? भुजा फुटलहस ओजरारे बद्रीमे टंगल बाटंै कैहके ? कबो ढवाढीक ओजरार जोनिह्या (चन्द्रमा) डेख्के कही, जोनह्याँमे एकठो बर्गडके रुखुवा बा काहँु । छोटछोट लरका मुठंै टो उहैं जाके बर्गडके रुखुवामे झुर्के दुध पिठंै काहुँ । जोनह्याँमे ग्रहण लागे टो टठिया ओ ढोल ठठैटी छोरडे चमरा छोरडे चमरा कैहके चिल्लाई लागंैह हमार पुर्खाहुक्रे ।

हमार बुडु बुडीक पालाठेसे किल नाही मानव जातिके जनम कालठेसे जो बद्री ओ भुइया बीचके सम्बन्धके बारेमे कौनो ना कौनो रुपमे चर्चा हुइटी आइल बा । हमार आजा पुर्खाहुक्रे बद्री ओ भुइया बीचके सम्बन्धके बारेमे सदियौंसे चास डेखैटी आइल बाटंै । अपन अपन बुद्धि ओ क्षमता अन्सार दिन जोनह्याँ टोरैंके बारेमे टमान बटकुही बटवैटी आइल बाटैं ।

एकठो मनैया बद्री ओ भुइयक जर खोजे निकरल काहँु । सिधा सामा बाँधल काहुँ ओ भटौर लैके निकरल बद्री ओ भुइयक जर खोजे । नेगट नेगट भुख्ले प्यासे सेहरके मरगैल । टभु नाइ भेटाइल बद्री ओ भुइयक जर । यी कहानी हम्रे छोटेमे सुन्ले रही । हमार आजी कही । इ धर्ती बराभारी खेचुइह्याके खेचुइहियक पिठीमे अटकल बा । बराभारी खेचुइहिया अपन पिठीमे बोक्ले नेगटा काहुँ । जब खेचुइहियक पिठ पिरैठिस टब उ करोट लेहट पिठ सांटठ टब धर्ती हिलठ ओ भुइचाल आइठ काहुँ ।

बद्रीमका तीन गठिया टोरंैयाँ डेखके, रातके समयक अन्दाजा लगावैह हमार पुर्खाहुक्रे बद्रीमका खटोल्ना टोंरंैयाँ डेख्के मेरमेरिक कहानी रचैं । उ खटोल्नामे एकठो बेरम्ह्याँ रहठ काहुँ । चारजे खटिया बोक्ले रठैं हुकनमसे एकजे डगर डेखुइया रहठ ओ दुइजे उ बेरम्ह्यँक आपन मनै रहठैं ।उ बेरम्ह्याँहे गुरुवाकठे पारन लैजैठै टबेमारे उ सातठो टोरैं चरकोन्नाह ओ पुछी नमलहस रहठंै ।

यी बातमे सत्यता रेहे चेहे नाइ रेहे । मने बुडु बुडीनकेफें कल्पना करैं कि जीवन सीर्फ धर्तीमे किल नाइहो । उप्पर झिलमिलैना लाखौं लाख टोरंैन्मेफें जीवन हुइसेकठ कना बातके संकेत करठ जौन आझकाल्हके भारी भारी बैज्ञानिकहुक्रे खोजके विषय बनैले बाटैं ।

हमार आजा रोजदिन विहान लहाके उठटी रहल दिनहे (सुर्य) एक लोटा जल चरहाए । उहिन पटा रहिस कि दिन बिना धर्तीमे जीवन असम्भव बा । उहेमारे दिनहे सुर्य देवताके रुपमे पुजा करे । हमार आजा जनैफें लगाए । थारु जातिमे जनै घालल डेखल उ मोर पहिल ओ आखिरी अनुभव हो । मै अभिनटक थारु जातिक मनैन जनै लगाइल डेख्ले नाइ हुँ । जनै हिन्दु धर्मावलम्बी ओ ब्राम्हण क्षेत्रीक सांकेतिक चिन्ह हो । अगर थारु हिन्दु धर्मावलम्बी मध्येक ब्रामहण क्षेत्रीक मन्सेक एक हो कलेसे थारुन्के जनै लगैना चलन काहे हेराइल कना सवाल उठठ । हमार पुर्खाहुकरे एकर महत्वक बारेम हम्रहन बुझाइ नाइ सेकनै ओ संस्कारहे अपनाइ परठ कना बातहे सिखाइ नाइ सेकनै अथवा कौनौ अस्तित्वक सवालसे जुरल बात रेहे । जेकर कारण हुक्रे जनै सदाके लिए फेक्ना विवश हुइनै । जस्ते की हिन्दु मुश्लिमके लराइमे मुश्लिम समुदायक मनै हुकरे हिन्दुन्हे खोज खोज मारे लगनै । टब हिन्दुनके सांकेतिक चिन्ह जनै निकारके फेक्ना विवश हुइनै ओ आपन अस्तित्वके रक्षा करनै । थारु जात तराईके समथर ओ उब्जाउ भुमीहे छोरके अन्टे जाइ नाइ सेकनै ओ कृषि पेशाहे अपनाके अपन अस्तित्वहे जोगैनै ।

डोसर ओर हिन्दु मध्यके कोइ जे पहाडी ईलाकामे जाके अपन अस्तित्व बचाइल उहि जनै फेक्ना स्थिति नाइ आइल हुइसेकठ । काहेकी उ अन्कन्टार ओ विकट पहाडी जगहमे मुश्लिम समुदायक या औरे कौनो जातिक मनैन्के हमलाके त्रास नाइ रहल ओ हुकरे अपन जनैहे निरन्तरता डेनै ओ अपन धर्मके रक्षा करनै ।

अइसिके हमार पुर्खाहुकरे अपन अस्तित्वके सवालसे जुरके हरचीजके व्याख्या करंै । इ एकठो जीवनहे बुझना क्रम हो । भलेही चमराक क्रृणके बोझ तरे डुब्के जोनह्याँमे ग्रहण लागठ । धर्तीहे बराभारी खेचुइह्या अपन पिठमे लैकै नेंगटा उहेमारे भुइचाल आइठ कना बातमे सत्यता रेहे चेहे नाइ रेहे । हुकन बखुबी मालुम रहिन कि दिन जोनह्याँ बिना धर्तीमे हमार जीवन असम्भव बा । धर्ती हिलि टो हम्रे जिए नाइ सेकब दिन नाइ निकरी टो अन्धकारमे जीवन सम्भव नाइ हो । जव अन्धकारहे चिर्टि सुरजके जनम हुइल टब संसारमे ओजरार छाइल । सुरजके प्रकाशसे प्राणी जगतहे शतिm मिलल । सुरजके शतिm मेरमेरिक स्वरुप लेहल । कोइ पेडपौधा, कोइ कीट फटिंग, जलचर, थलचर पशुपंक्षी लगायत मनैन्के जनम हुइल । यी सब सुर्य देवताके देन हो । अभिनफे जब रात हुइठ टब हम्रे सुरक्षाके लग अपन अपन बास स्थानमे चलजैठी ।

अन्धकारमे मेरमेरिक डर त्रास शंका उपशंकाके बातसे हम्रे बेचैन हुइठी । काहेकी अन्धकारमे कुछफें हुइ सेकठ । दिन हमार रात भुत बैतालके कहना कहकुटे बा । अभिनफें दिन बुरजाइ कलेसे संसारमे भयंकर अन्धकार छाजाइ । धर्तीमे जीवनके नामो निशान मेटजाइ । अन्धकार सबसे भारी चीज हो । यी ब्राह्मण्डमे सबसे भारी कोइ चीज बा कलेसे उ हो अन्धकार । अरबांै खरबांै दिन जोनह्याँ टोरैन्के रोशनीसे दुर केवल अन्धकार बा । वहाँ अनन्त अन्धकार राज कैले बा । शायद भगवानफें उहे अन्धकार भिटटर नुकल बा टबेमारे हम्रे उहिन पटटा लगाइ नाइसेकठी ।

हम्रे जबजब भगवान जैसिन शक्तिके बात कर्ठी उहिन बद्रीमे उप्पर रहना शक्तिके रुपमे चर्चा कर्ठी । भगवानके घर बहुत उप्पर बा । बहुत दुर जहाँसे आइ जाइ नाइ सेक्जाइठ कैहके कहठी । जब कोइ मनै मुअठ टो हम्रे कहठी कि उ उप्पर चलगैल भगवानके घर । भगवान उहिन उप्पर बोला लेहनै । यी उप्पर कहना चीज का हो टो । जे उप्पर रहठ, धर्तीसे उप्पर रहना चीजहे हम्रे परग्रही यानिकी एलियन कहठी । जब भगवनाके बास स्थान धर्तीसे उप्पर अन्टे बा कहलेसे उ जरुरफें परग्रही हो । उ यहाँक बासिन्दा नाइहो । अस्टेके देवी देवताफें परग्रही एलियन हुइटैं कना बातके संकेत करठ । हुक्रे बहुत विकसीत ओ बुद्धिमान प्राणी हुइटंै । ज्ञान ओ टेकनिकके क्षेत्रमे महारत प्राप्त प्राणी हुइटैं ।

प्रकाशके गतिमे नेगेसेक्ना, क्षणभरमे जहाँफें आइ जाइ सेक्ना, वायुके गतिमे नेंगना प्राणी, असाधारण प्राणी हुइटैं । नारदमुनि जहाँफें प्रकट हुइना, हनुमान वायुके गतिमे नेंगे सेकैह काहुँ कैहके हम्रे कहानी सुन्ठी । हुकन्ठे इ शक्रि रहिन । हुक्रे टमान उद्धेश्यसे धर्तीमे आइँ ओ चमत्कार कैके चलजाइँ । मानव जगतके लग मजा करुइया प्राणीहे हम्रे देवी देवता ओ नाइ मजा करुइया प्राणीहे हम्रे भुत वैतालके दर्जा डेली । हुक्रे धर्तीबासीन्हे सभ्यता सिखाइक लग मजा मजा बात सिखैनै । पापी ओ अत्याचारीन्के नाश कैके धरमके बात सिखैनै । टबेमारे हुक्रे देवी देवताके स्थान पैनै ।

शायद उ प्राणी अभिनफें बाटंै । अनन्त ब्राह्मण्डके सुदुर अन्धकारमे हुकन्के बासस्थान बा । ब्राह्मण्डके सबसे विशाल क्षेत्र अन्धकारमे हुक्रे नुकल बाटंै । हुक्रे डार्क म्याटरके रुपमे अपनहिन स्थापित कर्ले बाटंै । ब्राह्मण्डके चौथा आयाम समयमे हुक्रे आघेपाछे जाइ सेक्ना होसेकल बाटैं । पलभरमे एक युग आघे ओ क्षणभरमे सदियांै पाछे जाइसेकना शक्ति बनसेकल बाटैं । हुक्रे डार्क ईनर्जीके रुपमे स्थापित होके सृष्टि संचालन कर्टी बाटैं । भगवान हम्रहन अपनठे बलाइक लग एक परिस्थितिक सृजना कर्ले बा, उ हो मृत्युके अवस्था । मृत्युके बाद किल हमार सुक्ष्म शरीर उप्पर भगवानकेठे जाइसेक्ना सक्षम बनठ । उहिसे पहिले हमार स्थुल शरीर उप्पर जाइ सेक्ना असमर्थ रहठ ।

हमार स्थुल शरीरहे गुरुत्वाकर्षण बल खिचले रहठ ओ उप्पर जाइ नाइ डेहठ । उप्पर जाइक लग गुरुत्वाकर्षण बलसे प्रभावहिन हुइना जरुरी रहठ । हमार शरीर मत्युके बाद सुक्ष्म इकाई इलक्टोन, प्रोटोन, न्युटोन ओ क्वार्कके रुपमे परिणत हुइठ । इ चीजन्हे गुरुत्वाकर्षण बल प्रभावित करे नाइसेकठ । इहे इलक्टोन, प्रोटोन, ओन्युटोन सुपर पोजिशनमे रहना चीज हो । इ कबु गायव कबु जहाँफें प्रकट हुइसेक्ना स्वरुपमे रहठ । जिहिन हम्रे हमार दुनियामे भुतसे तुलना करे सेक्बी । भुतफें एक शक्ति हो जौन कबु प्रकट हुइसेक्ना कवु गायव होजिना स्थितिमे रहठ । अइसिके हमार सुक्ष्म शरीर एटमके रुपमे स्रोत शक्तिमे विलिन होजाइठ । उप्पर रहना शक्तिमे मिल्जाइठ ।

टोरंैनके बारेमे हमार पुर्खाहुकन ढेर पटा नाइरहिन । टोरैंन्के आकार प्रकार डेख्के कल्पना शक्तिसे हुक्रे मेरमेरिक तर्क करंै । उ टोरैंन्मेफें जीवन बा । वहाँफें हमार जैसिन मनै दुख बिमार परठंै कना बातके कल्पना करैं । हुकन अत्राफें पटा नाइ रहिन कि उ टोरैं नाइ रहटंै टो शायद आझ हम्रे धर्तीमे मनै जाति नाइ रहटी ।

हमार धर्तीफें बद्रीमे डेखैना हजारांै लाखांै टोरंैनमसे एक हो । हमार धर्तीफें बद्रीमे टोरंै टंगलहस टंगल बा । हमार धर्ती बद्रीमे टोरै चमचमाइ हस चमचमाइठ । उहे टोरैं हमार जन्मदाता हुइटैं । हमार रगतमे रना आइरनके अणु, हड्डीम पाजैना क्यालसीयम हमार सांस, अक्सिजन, कार्वन, नाइटोजन फस्फोरस सब उहे टोरंैनमसे आइठ । जब टोरंै मरे लग्ठंै, हुकनके भिटटर बर्ना इन्धन ओराइ लागठ टब वहाँ भयंकर विस्फोट हुइठ । उ विस्फोटसे टोरैंन्के धुर धुँवा ओ ग्यास छिटराके ब्राह्मण्डके कोन्वाँ कोन्वाँसम पुगठ । उहे धुर धुँवा ओ ग्यास ढेर समयक बाद हमार शरीरहे चहना अक्सिजन, कार्वन, नाईटोजन फस्फोरस क्यालसीयम आइरनमे बदलठ । हमार शरीर उनान्सय प्रतिशत ग्यासके समिश्रण हो । हाईडोजन, हिलियम जैसिन हल्का ग्यास पाछे अक्सिजन, कार्वन, नाईटोजन जैसिन गरु ग्यासमे बदलठ ओ इहे गरु ग्याससे हमार शरीर बनठ । हमार मौतके बाद हमार शरीर सरगलके फेनसे ग्यास बन्के विल्लाजाइठ । जहाँसे आइल रहठ उहंै चलजाइठ ।

अझकलके वैज्ञानिक लोग धर्ती बाहेक औरे ग्रहमे जीवनके संकेत खोजे लागल बाटैं हमार पुर्खन्के बट्कुहीहस । फरक अत्रै बाट कि हुक्रे अपन कल्पना शतिmसे जीवनके अंश खोजैं कलेसे अझकल्के वैज्ञानिकहुक्रे साक्षात भौतिक प्रमाणके रुपमे । जाइसेकना ठाउँमे जाके ओ जाइ नाइसेकना ठाउँमे प्रविधिक माध्यमसे रेडियो टेलिस्कोप ओ यंत्र मानव पठाके । टमान ग्रहमे रोबोट पठाके वहाँक हालखबर लेटी बाटैं ।

अनन्त ब्राह्मण्डमे हमार धर्ती जैसिन बसोबास करे लायक ग्रह टमान हुइसेक्ठंै कना बात तर्क संगत बा । हमारहस अथवा हम्रहनसेफें ढेर बुद्धिमान प्राणी औरे ग्रहमे नाइ हुइही कैहके कहे नाइ सेकजाइ । हुइ सेकठ जैसिके हम्रे औरे ग्रहमे प्राणी रहलके बातके खोजी करटी ओ हुकनसे भेट करेक लग ललायीत बाटी ओस्टेके हुक्रेफें हम्रहनसे भेट करेक लग ललायीत हुइही । हुक्रेफें हमारेहस रेडियो सिग्नल डैके अपन अस्तित्वके संकेत करटी हुइही । बहुत दुर दराजके ब्राह्मण्डसे हमार विचार आदानप्रदान करेक लग बहुत आश लागके बैठल हुइही बना अस्वाभाविक नाइ हो । हमार अन्तरग्रहीय प्राणी बीच अत्रा ढेर दुरी बा की हम्रे चाहकेफें एक डोसरकेठे जाइ नाइ सेकठुइ ।

हमारठे अत्याधुनिक साधन नाइ हो । नविनतम प्रविधिक विकास करे नाइ सेक्ले हुइ । ओ हमार आपसी भ्रमण असम्भव बनल बा अब्बेक लग । इ फें हुइसेकठ कि हमार धर्तीबासीनके नजरिया अभिन ओत्रा फराक बने नाइसेकल हो कि हम्रे हुकन पहिचान करेसेकी । हुइसेकठ हुक्रे अटरा विकसित बाटंै कि हुक्रे हमार बीच रैहकेफें अपन मौजुदगीक ऐहसास हम्रहन हुइ नाइ डेहट होंइ । हम्रे हुकनके पटा पाइ नाइ सेकठुइ । हुके हमार वातावरणमे खलल पुगाइक नाइ चाहट होंइ शायद । हमार सभ्यताहे अपन ढंगसे आघे बरहे डेहेक चाहट हुइही । हमार गतिविधि पर कौनोफें मेरिक हस्तक्षेप करेक नाइ चाहट हो । हुकनके पटा पाइसेक्ना ओ हुकन डेखेसेक्ना दृष्टिकोणके विकास हम्रे करे नाइ सेक्ले हुइ शायद ।

कत्रा खुशी लागी हम्रहन उ दिन जब हम्रे धर्ती वासी औरे ग्रहके प्राणीनके घर पहुनी खाइ जाइ सेक्ना होब । हुकन अपन घर धर्तीमे पहुनी खाइक बलाब । हुके हमार घर ओ हम्रे हुकन्के घर जाइसेकब । विज्ञान ओ प्रविधिक विकास इहे गतिमे आघे बह्््््््््र््टी रही ओ धर्ती उपर कौनो मेरिक विनाश नाइ आइ कलेसे एकदिन हम्रे हुकनके घर जाइसेकब । इ धर्तीहे छारा कैके अन्टे जाइसेकब । औरे ग्रहमे गृहस्थी बैठाइ सेकब । औरे ग्रहके बासिन्दा बनेसेकब ।

हमार जीवनस्तर, शारीरिक रुपरंग, लवाइवाइ ओ विचार मिलि टो शायद हमार अन्तरग्रहीय प्राणी बीच भोज वियाहके सम्बन्ध चलेलागी । अन्तरग्रहीय प्राणी बीचके सम्बनधसे उन्नत नश्ल पैदा हुइ लगही । उन्नत नश्लके बंशज पैदा होके एक डोसरके ग्रहमे जीए सेकना होजैही । अइसिके हमार सभ्यता आघे बरहे लागी । इ कोइ असम्भव बात नाइ हो ।
विन्ति राम महतो
जानकी गाउँपालिका २ खर्गौली कैलाली

बिना बौंरक् लडाबड

विन्ति राम महतो