गजल
महिन भुलाइ खोज्ना प्रयास सफल हुए टोहाँर ।
करेसेक्ना कामकाजफें शुभ मंगल हुए टोहाँर ।
धन सम्पत्ति सोनचाँदीक पाछे काहे लग्ठो टुँ,
फुरेसे शहरबजारमे छे तालक महल हुए टोहाँर ।
मस्टनिया पेशा छोरके साहित्यमे लग्ठो कटिहुन,
लाखौं बरससम जिटटी रहना गजल हुए टोहाँर ।
गरिब दुखी असहायके सेवा कर्नम एकदम हेरो,
फोकट्यम बिरुवा करे मिल्ना पसल हुए टोहाँर ।
उदारणीय ज्ञान उपदेश दुनियँम छिट्काइ मिल्ना,
भगन्वक फोटु कपि कैके फें नक्कल हुए टोहाँर ।
संगम कुस्मी
कैलारी ८, कैलाली