बर्किमारके चर्चा

केवि चौधरी
२९ चैत्र २०७९, बुधबार
बर्किमारके चर्चा

बर्किमारके चर्चा

थारु समुदायम रहल ढ्यार मेह्रिक लोक सम्पदामसे बर्किमार एक्ठो महत्वपूर्ण लोक महाकाव्य हो । यी काव्यम थारु लोक महाभारतके चित्रण कैगिल बा । पूर्वीय सभ्यताम महाभारत युद्ध कथाके भारी महत्व बाटस् । पारिवारिक सम्बन्धम छिरल राजनीति ओ कुटनीतिके कारण महाभारत के मुख्य पात्र कौरावन ओ पन्डावनके बीच म चलल भारी युद्ध अर्थात बर्किमारके सविस्तार कथानक बट्वागैल बा बर्किमार म । कौरावनके भारी भारी षडयन्त्रके बिच्च म पन्डावनके संघर्ष, बौद्धिकता ओ त्याग प्रसंशनीय डेख्परठ । ढ्यार जसिन पन्डावनके दुष्टिकोणसे कथा बट्वागैल बा । ओसिन ट हमार डिउठन्वम पन्डावनके प्रतीक फें ढैगिल रहठ । गुरै कर बेर पन्डावन के पुजा कैजिठा । अट्वारी ठें भेंवक पुजा कर्ना चलन फें बा । उहमार महाभारतहँ थारु सभ्यता के भारी इतिहास मान्जाइठ ।

जम्मा १२ (बाह्र) पैढारम समेट्गैल यी गितीनाट्य सम्रौटीसे शुरु होख स्वर्गारोहणके पैढार म ओराइल बा । बर्किमार म जुढिस्टिलहँ ढरमसे चल्ना ओ जिरिजोढन (दुर्योधन) हँ सकुनि मामा से राज लेना उपाय खोजैना कटि कौरावन ओ पन्डावनके बिचम राज खेलैना विषयम युद्ध हुइल कथा बट्वागैल बा ।
राजाजिरिजोढन कह जब लाग
सकुनि र मामा जोरो र उपाई
कौन बुढ्ढी मारी रे पन्चो र भाइ
राजा जुढिस्टिल ढरम से चलो
पाँचो पन्डो राज औटार ।।

ढरम ओ पापके द्वन्द्व कथा रहल बर्किमारम कौरावनके बर्का जिरिजोधन (दुर्योधन) ओ पन्डावनके बर्का जुढिस्टिलके बीचम राज के चलैना कना विषय झगरक गोंरी हो । उहाँक नियम अनुसार एक्क बाबक डुठो रानी ओरिक पाँच भाइ ओ सय भाईक सबसे बरा जुढिस्टिल (युधिष्ठिर) हँ राजगद्दी डेना बात कौरावनके मामा सकुनिक लाग सह निसेक्ना होख पन्डावन हुँकन लाखक घरम जराख मरैना, जुवा खेलाक राज हरैना, रानी डुरपटिक इज्जत लुटैना समके घटना षडन्त्र कैजाइट । पन्डावन वनवास के सजाय डे जाइठ । फें डोस्र १२ वरस पाछ पण्डावन घुमक आपन राज ख्वाजबेर भारी युद्ध चल्ठिन ट कौरावन हर्ठ ओ पन्डावनके ढरम राज शुरु हुइठन । यी सक्कु घटना एक एक कैख गिटम प्रस्तुत करना बर्किमार म रहल ढरम ओ इमान्दारिताके पक्ष थारुन्हक जीवनशैली म अंगिकार कैगिल डेखपरठ ।

बर्किमार गैटी गैटी ठाउँ अनुसार पैढार ओ लय टर उपर परस्याकठ् । ज्या हुइलसे फें समग्रम बर्किमार थारु लोकमहाभारत के बरवार काव्य हो । सम्रौटीसे शुरु हुइना पहिला पैढारम डिउटावन के नाउँ लेख सम्झना कैजाइट ।
पुरुब मैँ सामिराँै सुरुज भरार
पच्छिउँ मैँ सामिरौँ रुनझुन डेबिर अउटार
उट मै सामिरौँ हरि कबिलास
डखिन मैँ सामिरौँ सिउ जगरनाठ
अकास मैँ सामिरौँ इन्डूाछि इन्डूा डेउ
पटाल मैँ सामिरौँ बासुकि नाग
लङ्का पौन सामिरौँ हनुमान
भगमोटि सरन लिहेबुँ टोरनाउँ
डेखि ढरम डेबि बन्ढन बाट ।।…

ओस्टक लखागिनक पैढारम लाखक घर बनाक पन्डावन कुइला बनैना षडयन्त्र करल घटना
गागैल बा ।
चार भाइ सकुनी लखागिर डार
भैया डौनागिर कुन्जी लगाओ
भैया डुसासन जोंजा घुमाओ
पन्चो भाइ जरि जरि हुइहिं अङ्गार
राजा जुढिस्टिल ढरमसे चलो
पन्चो पन्डों राज औटार ।।

पाछ पन्डावन पटालसे निकर्ख आपन ज्यान जोगाइल कथा बा । जट्यक पैढार म जुन पन्डावन बन्वँम रहल ब्याला पानी पियासले छटपटाइल अवस्थाम पानीक खोजी करबेर डनुवा डैंटुरवा से चलल बातचित ओ लराइ बट्वागैल बा । राउबेढक पैढारम जुन राउ चिरैंया गिराख डुरपटी हँ जिटल (भ्वाज करल) कथा बट्वा राखल । ओस्टक पसावरक पैढारम पम्डावन जुवा पासा खेलाक जैटापुर राज लुटल ओ वनवास पठाइल विषय बा । वनवासक पैढारम पन्डावसकै वनवास संघर्ष वर्णन करगैल बा । घरवासक पैढारम जुन पैन्डावन ठाउँ ठाउँ घुमट् घुमट् बैराठक राजम पुग्ठ ओ काम कर्ठ । हठ्यक पैढारम बैराठ रज्वक घरम भेंवा हाँठिसे लरल कठा बा । किचकाक पैढारम किचका ओ भेंवक लराइ बा कलसे सक्सुर्मक पैढारम सक्सुर्मा रज्वसे लराइ परल बाट बा ।
डोस्र बर्किमारके पैढारम कौरावन ओ पन्डावनके कुरुखेत (कुरु क्षेत्र) म हुइल रक्तारुहुन लराइ बट्वागैल बा । अन्त्यम, स्वर्गारोहण पैढारम लराइ ओराख खानपिन कैख आपन आपन घर घुमल बाट ओ पन्डावन जैटापुर राज घुमाख फें डोस्र ढरम राज चलाइ सुरु करल विषय बा ।
असिक भारी लराइ हँ गिटके रुपम डस्यक गँवल्या टीका ओ राजा टीका लगाइबेर गैना, सुसैना कैजैठा । समग्रम बर्किमार हँ थारुन्हक इतिहासके भारी दस्तावेजके रुपमा अध्ययन अनुसन्धान कर पर्ना डेख्जाइठ ।

केवि चौधरी
घोराही, दाङ

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