गजल
कबु अन्ढार कबु ओजरार आइठ काहे ।
अइसिन समस्या लगटार आइठ काहे ।
गरिबनहे गरिबी सटैटी रना कबसम,
इ हालत सान सक्कार आइठ काहे ।
कहुँ भ्रस्टाचार कहुँ बलात्कार दिनदिने,
रोजदिन खराब समाचार आइठ काहे ।
मोर संस्कृति मोर भासा सैगर लागठ,
बिदेशी विकृति संस्कार आइठ काहे ।
बर्सौ बिट्गैल यहाँ सारा काम रुकल बा,
दलाली भ्रस्टाचारी ठेकेदार आइठ काहे ।
सागर कुस्मी
कैलारी–८ कैलाली