कबु अन्ढार कबु ओजरार आइठ काहे

सागर कुस्मी
७ बैशाख २०८०, बिहीबार
कबु अन्ढार कबु ओजरार आइठ काहे

गजल

कबु अन्ढार कबु ओजरार आइठ काहे ।
अइसिन समस्या लगटार आइठ काहे ।

गरिबनहे गरिबी सटैटी रना कबसम,
इ हालत सान सक्कार आइठ काहे ।

कहुँ भ्रस्टाचार कहुँ बलात्कार दिनदिने,
रोजदिन खराब समाचार आइठ काहे ।

मोर संस्कृति मोर भासा सैगर लागठ,
बिदेशी विकृति संस्कार आइठ काहे ।

बर्सौ बिट्गैल यहाँ सारा काम रुकल बा,
दलाली भ्रस्टाचारी ठेकेदार आइठ काहे ।

सागर कुस्मी
कैलारी–८ कैलाली

कबु अन्ढार कबु ओजरार आइठ काहे

सागर कुस्मी

कैलारी–८ कैलाली

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