कविताः टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?

ऋष्टिणा करियाप्रधान थारु
१५ बैशाख २०८०, शुक्रबार
कविताः टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?

टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?

टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?
टिरिया टुँ अट्रा छोट लुग्रा घालके कहाँ जाइटो ?
टिरिया टुँ घरक किल काम करो
टिरिया इ नैकरो, उ नैकरो
चारुओरिक अइसिन हल्ला सुनके
टिरिया टुँ अपनहे डुब्बर मन्ठो का ?
टिरिया टुँ एक लवन्डी, छाइ, ओ डाइफें हुइटो
फेन काहे डरैठो ?

टिरिया टोहाँरहस बलगर कोइ नैहो
फेन अपनहे कमजोर मन्ठो का ?
टिरिया टुसाहस ओइनके कम्लहरीया, छेगह्रीनियाँ ओरगिनियाँ फेन हुइटो
टिरिया टुँ शसक्त गर्भि, सुखली, लहिया, रमदैया हुइटो ।

टौनफें,
टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?
टिरिया टुँ झमक, पासङ्ग लाह्मु, भृकुटी हुइटो
चुनौतीसे नजर मिलैहो
टिरिया टुँ जननी, शसक्त टिरियनक् आत्मशक्तिके आवाज हुइटो
टिरिया टुँ अपनहे कबु फेन कमजोर नैमन्हो
टुँ एक्ठो शक्तिपिठके स्रोत हुइटो
टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?

ऋष्टिणा करियाप्रधान थारु
धनगढी १ शिवनगर कैलाली

अध्ययनरतः ऐश्वर्य विद्या निकेटन
धनगढी कैलाली (कक्षाः १०)

कविताः टिरिया टुँ अपनहे कमजोर मन्ठो का ?

ऋष्टिणा करियाप्रधान थारु