विदेश जाके किहिनोफे कमैना रहर कहाँ बावै

तिलक डंगौरा
९ जेष्ठ २०७८, आईतवार
विदेश जाके किहिनोफे कमैना रहर कहाँ बावै


विदेश जाके किहिनोफे कमैना रहर कहाँ बावै ।
बाहेर नाइ जाके कोनो औरे डगर कहाँ बावै ।

लेउ मानटुँ लावा लावा सिपके तालिम आइठ,
मने एकर बारेम हम्रहन यहाँ खबर कहाँ बावै ।

दिनरात काम कर्केफे पेट पल्नाफें ढौढौ रहठ,
यहाँ नेट्वनके महलहस हमार घर कहाँ बावै ।

जोकि चहेलेसे सब खुछ मिलजिना हमारहस्,
गरिब मनैनकेठन पैसा ओ पावर कहाँ बावै ।

आब सबजे मिलके खोजी ओ उँखारके फेंकि,
भष्टचार करुइया नेट्वनके एकर जर कहाँ बावै ।
तिलक डंगौरा
जानकी गाउँपालिका-१ दुर्गौली कैलाली

विदेश जाके किहिनोफे कमैना रहर कहाँ बावै

तिलक डंगौरा