थारु भासक गीत

दिपक चौधरी असीम
२० बैशाख २०८०, बुधबार
थारु भासक गीत

थारु भासक गीत

टोहाँर लिल्हारिम् टिक्लि चम्के चम चम चम २
चुर्या बोले दिल पुकारे
कानेक बालि इसारा करे
टोहाँर हाँठेम् घरि चम्के चम चम चम २
ढर्कन डोले मन टरपे
पिया पिया नैना खोजे
टोहाँर लिल्हारिम् टिक्लि……..।
टोहाँर हाँठेम् घरि चम्के……..।

जस्टे चम्के बिज्लि टोँरङगन्
ओस्टे बर्से बर्खा सावन
बर्खा बिना सुख्ख सावन
सजनी बिना अढुरा साजन
पुर्वा बयालमे ओढ़नी उरे फर फर फर
टोहाँर गोरेम् पायल बोले छम छम छम २
बिछुवा बोले नैना डोले
पिया पिया ढर्कन बोले
टोहाँर हाँठेम् घरि चम्के………।

प्यारके पंक्षी उरैं निल गगनमे
टुँ दिलमे मै टोहाँर ढर्कनमे
आँढि आए चाहे टुफान आए
हमार मिलन कोइ रोक नापाए
साँस चलटसम दिल ढर्कि ढक ढक ढक
टोहाँर पट्ठम् घुङ्घना बोले छन छन छन २
अङ्ग्या चोल्या जोबन निहारे
हर जनम दिल टुहिन पुकारे
टोहार लिल्हारिम् टिक्लि चम्के……..।
टोहाँर हाँठेम् घरि……..।

दिपक चौधरी असीम
कैलारी २ बसौटी, कैलाली

थारु भासक गीत

दिपक चौधरी असीम