कठघोरी नाच संरक्षणमे ‘के’ गाउँक् परगा
सागर कुस्मी
हसुलिया । थारु नाचगान हेरक लाग कोइ होमस्टे जैठैं टे कोइ बाहेर जिल्ला । मने आब हमार स्थानीय थारु कठघोरी नाच हेरक लाग ढेर डुर जाइ नैपरि । थारु नाचगानसे भरिभराउ एकठो अइसिन गाउँ बा, जहाँ कैयो मेरिक नाचगान अक्के अंगनामे बैठके हेरे मिलठ, उ हो ‘के’ गाउँ ।
‘के’ गाउँ एक अइसिन गाउँ हो जहाँ हरेक मेरके नाच हेरके आइ सेकजाइठ । कठघोरी नाच, लठ्ठी नाच, सखिया नाच, झुमरा नाच, हुरडुंगुवा नाच, लगायत कैयोमेरिक नाचके नाचघर हो ‘क’े गाउँ । कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा लम्बर ४ मे पर्ना ‘के’ गाउँ थारु बस्ती रहल गाउँ हो ।
नेपालमे संस्कृतिमे सबसे धनी समुदाय थारु समुदाय हो । भासा, साहित्य, कला, संस्कृति संरक्षण कैना उद्देश्यसे इहे २०८० बैसाख २९ गते सुखके रोज ‘के’ गाउँक् समाजी कठघोरी नाचके विधिवत रुपमे सुरुवात कैले बटैं । जेकर उदघाटन कैलारी गाउँपालिकाके अध्यक्ष राज समझ चौधरी कैलैं । उहाँ नाच बगालहे, नाच लगटार कर्टी जैना अर्जि करलैं ।
‘थारु समुदायके कठघोरी नाच अझकल हेरा सेकल बा । इहिहे संरक्षण कैके युवा पुस्टासम हस्तान्तरण कर्टी जैना ओ लग्ढार गाउँमे डेखैटी गैलेसे नाचहे जोगाइ सेक्जाइ ।’ कार्यक्रममे नाचके सफलताके कामना करटि उहाँ कलैं, ‘थारु समुदाय भिट्टरके सीपकलाहे अझकलके जवान ठँरिया ओइने सिखके संस्कृतिहे लौसर्लेसे इहि बचाइ सेकजाइ ।’
उहाँ कलंै, ‘कैलारीमे थारु, रानाथारु, कठरियाथारु लगायत टमान जातिनके बस्टी बा । यहाँ केरमेरिक कला, संस्कृति, परम्परा बा । लेकिन ‘क’े गाउँ संस्कृतिमे धनी बा, ओ अपन पहिचान बनासेक्ले बा । यी गाउँकु सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शिक्षा, स्वास्थ्य, भौतिक विकाससंगे भासा, कला, संस्कृतिके विकासमे फेन पालिका काम करटी आइल बा । आब ‘के’ गाउँ एक सुन्दर पर्यटन गाउँ बने सेक्ना बटैलैं ।
अस्टेके ४ वडा लम्बरके अध्यक्ष ठागुराम चौधरी ‘के’ गाउँबासी लोप हुइल अवस्थामे फेन कठघोरी नाच फेरसे सुरु कैके यूवा पुस्टाहे सिख्ना मौका मिलल बटैलैं । उहाँ कलंै, नाचहे ढेर दिन टिकाइक लाग अपन कार्यकालसम खाजाके पैसा बचत कैके सहयोग कैना हामी भरलैं ओ वडासे उँजरा अन्सारके सहयोग करटी जैना बटैलैं ।
बुद्धिजिवि होमबहादुर गुरुङ, कला, संस्कृतिमे सबसे धनी थारु समुदाय रहल बटैलंै । उहाँ कलैं, ‘पुर्खनसे बहुट मेराइक सांँस्कृतिक सम्पति बा । ‘पुर्खा ओरैटी जाइटैं । पुरान गीतबाँस फें चलाजाइटा । आब जवान पुस्टा पुर्खनसे ज्ञान लेके बाचय पर्ना समय आइल बा । इहि बचाइक लाग युवा सचेत हुइना जरुरी बा ।’
चरा संरक्षण नेटवर्कके अध्यक्ष दयाराम चौधरी अइना दिनमे थारु संस्कृतिहे पर्यटनसे जोरे पर्ना बटैलंै । उहाँ कलैं, ‘संस्कृतिहे आर्थिकसे जोरके आघे बर्हे सेक्जाइठ । समुदायके पहिचान बनाइक लाग संस्कतिहे आर्थिकमे बडलके जाइ परठ ओ संस्कृतिहे लिखित रुपमे इतिहास बनैना जरुरी बा ।’
गाउँक् भलमन्सा जगलाल चौधरी कलैं, ‘हम्रे पहिले इ नाच करी मने पाछेक समयमे डेखाइ नैसेक्ले रहि । नाच पुरा भुटभुटा गैलरहे । सक्कुजे फेनसे जुटके सल्लाह कैके फेनसे सुरु कैरख्ली । आब इ नाचहे सेकटसम लग्ढार कर्टी जैना हमार योजना बा ।’
‘के’ गाउँ कुछ बरससे थारु होमस्टे संचालनके लाग कदम आघे बर्हैटी गैल बा । अइना दिनमे थारु समुदायके रीतिरिवाज, संस्कार, नाचगान लगायत मेरमेरिक अवलोकन करे मिल्ना होमस्टेके संयोजक सुनिता चौधरी बटैलैं ।
कार्यक्रममे जगमानु चौधरी, गणेशी चौधरी, राजेश सुनार, तिर्थप्रसाद नेपाल, अमिता चौधरी, हिरुलाल डंगौरा, नवबहादुर जिरेल अपअपन बात बटैलैं कलेसे कार्यक्रम सफल पारक लाग सहास नेपाल, ४ वडा कार्यालय, सुनिता ट्रेडर्स (फकलपुरान बुडी) सुनिता चौधरी, पंक्षी संरक्षण मञ्चके हिरुलाल डंगौरा, ८ वडाके सदस्य माघुराम चौधरी, नुक्लीपुर होमस्टेके उपाध्यक्ष चेतराम चौधरी, घोडाघोडी–८ के अध्यक्ष बासुदेव चौधरी आर्थिक सहयोग कैले रहिंट ।
कार्यक्रममे अस्टेके कार्यक्रममे थारु लोकगायक मनिराम चौधरी, मोडल आयसा चौधरीके नाचगान संगे, झुम्रा, सखिया, लठठी नाच, थारु आधुनिक नाच फेन डेखागैल रहे कलेसे स्वागत मन्तव्य जीतबहादुर चौधरी डेले रहिंट । स्थानीय नेता, बुद्धिजीवी, साहित्यकार, गीतकार, किसान, बिद्यार्थी लगायत जनगर मनैंनके सहभागी हुइल रहे । गाउँक भलमन्सा जगलाल चौधरीके घरगोसियाइमे हुइल कार्यक्रम सुनिता चौधरी ओ सागर कुस्मी संचालन कैले रहिंट ।