बहादुरके देश

मानबहादुर चौधरी
११ जेष्ठ २०८०, बिहीबार
बहादुरके देश

कविता
बहादुरके देश

वीर पुर्खनके देश
वीर गोर्खालिन्के देश
वीर विराङ्गानाके देश
जित बहादुर, मान बहादुर, कृष्ण बहादुर,
वीर बहादुर, शेर बहादुर, राम बहादुर,
लोक बहादुर, ठोक बहादुर सारा बहादुरके देश
अत्रा ढेर बहादुर रटि रटि फेन
ओह फें बहादुरके कमि हुइलसक लागठ
सक्कु बहादुर हुक्र आफन घरबारम भुललसक लागठ
सब बहादुर हुक्र देश परदेशम झुललसक लागठ
आफन छाइछावन्के भविष्यक लाग
आफन मेढारुक अङ्ग्या, गोन्या फ्यारक लाग
बुह्राइल डाइबाबक एकठो सिटामोल किनक लाग
सारा बहादुर हुक्र प्रचण्ड घामम ढिक्टी बाट
जान ना जान परदेशम कामम खट्टी बाट
जान ना जान आनक भाषा सिक्टी बाट
आफन ज्यान दाउम लगाक
भुख पियासम मुवटी बाट

यहर हेरी
बचल खुचल बहादुर हुक्र गाजा चरेसओर लागल बाट
डाइबाबन डम्कैटी, २२० ठेसे उपर ढिढिंर्या बाइक भुलल बाट
पुर्खनक पस्नाम धुवाँ उरैटी बाट
हुक्र फें बहादुर हुइट
काखर कि यी बहादुरन्के देश हो
आफन रिटभाँट, आफन संस्कृति
आफन पहिचानके कुछ वास्ता नि हुटिन
लौव पुस्ता हुक्र पह्र पाख फें
ज्ञान, गरिमा पाख फें निदाइल बाट
चारुओरसे सटावा पाख फें चिमाइल बाट
सक्कुओर्से प्रताडित हुइलम फें सुस्ताइल बाट
अधिकार हनन हुइल ब्यालाम फे अस्ताइल बाट
हिक्र फें बहादुर हुइट ।

जुन जुन बहादुर सत्तासीन बाट
ज्वाक असक ढुकुटीम लीन बाट
विकासके नाउँम, उपचारके नाउँम
कृषि अनुदान, पर्यटनके नाउँम
बिलार असक पट्के दाउम बाट
देशक विकास नाही सब बहादुर खाउम बाट
जोहर हेरो,
शासन, प्रशासनम भष्ट्र बहादुर केल बाट
ठेक्का पट्टाम छल बहादुर केल बाट
यी बहादुरनके काम हेरी
बिल भर्पाइम सडक पिच हुइट
हर काम सत्ता ओ भत्ताम केन्द्रित हुइट
इमान ओ स्वाझ बहादुरके कमि बा
सही ओ सक्षम बहादुरके अभावम देश रुइट ।

ओह मार,
हमार समाजके सही नेतृत्व कर्ना बहादुरके खाँचो बा
देश बनैना बहादुरके खाँचो बा
हमार पहिचान बचैना बहादुरके खाँचो बा
हमार संस्कार बचैना बहादुरके खाँचो बा
हे मोर डाइ हुक्र
आप असिन बहादुर छावा जन्मादेउ
कि सारा दुनियक र्वाग, भोक ओ शोक हटाए
गौतम बुद्धसक संसारभर शान्ति लान स्याक
हर गाउँ, हर सहरम शान्ति विकास लान स्याक
हमार देशक इज्जत प्रतिष्ठा बचाए स्याक
आफन साँध सिमानक रक्षा कर स्याक
बहादुरके देशम बहादुरके कमि ना ह्वाए ।

मानबहादुर चौधरी “पन्ना”
वीनपा–९, सुर्खेत

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मानबहादुर चौधरी