महि लागठ जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ् ।
सक्कु मनैनके विचार वस्ट वस्ट नैरहठ् ।
मन कहठ बिन काम कर्ल ऐस किल करुँ,
मुले संघर्ष बिनाके भविष्य स्पष्ट नैरहठ् ।
सायद सक्कु जहन्क सोंच अक्क हुइट ट,
इ समाज इ दुनियाँ कब्बु भ्रस्ट नैरहठ् ।
घुसखोरी ओ नातावाद जर नैगारट ट,
हमार डेस वर्षौंसे जस्टक टस्ट नैरहठ् ।
धनी गरीब बिचके डेवाल ढ्यांग नैरहठ ट,
इ `शराबी´ कब्बु शराब पिक मस्ट नैरहठ् ।
श्याम शराबी
राजापुर-४ बर्दिया