मेरमेरिक सपना इ मनमे सजाइटुँ डाइ

तनुजा कुस्मी
२७ जेष्ठ २०७८, बिहीबार
मेरमेरिक सपना इ मनमे सजाइटुँ डाइ


मेरमेरिक सपना इ मनमे सजाइटुँ डाइ ।
उटार चर्हाउ कर्टि इ ज्यान नचाइटुँ डाइ ।

बिना गल्तीके फे यहाँ बात सुनेक परठ्,
कर्टि रलेकसम मजा हाल बटाइटुँ डाइ ।

धुप्पन घाममे आँखर जार ओ ठेस लगैटी,
खुन पसना ओ ढुरसे सड्डे लहाइटुँ डाइ ।

टुटल झोप्री उप्परसे साहुनके कचकच,
सम्झटी रात दिन नैसुट्के कमाइटुँ डाइ ।

रिन क्रज समझके प्रदेश छिरल मै प्रदेशी,
फाटल चिँठल पेंउडाहा लुग्रा लगाइटुँ डाइ ।
तनुजा कुस्मी
कैलारी–४ भिटरहिया कैलाली

मेरमेरिक सपना इ मनमे सजाइटुँ डाइ

तनुजा कुस्मी