चनाक गेंवँरिया

लाहुराम चौधरी
३१ जेष्ठ २०७८, सोमबार
चनाक गेंवँरिया


गेंवँरिया ओ बक्लाके मिट मैगर रठिन । संगे बैठ्ना संगै उठ्ना जेहोर गैलेसे संगे । एकडिन गेंवँरिया बक्लाहे कहठ, ‘मिट जि, हमार जिन्गी टो बेकार बा, अन्डा परठी घोरठी बच्चा बरवार हुइठंै, छोरके चलजैठैं ।’ सुनके गेंवँरिक बाट बक्लाके मनमे ठेस लग्ठीस् टब कहठ, ‘मिट जि एकडम जायज बाट कली । आबसे अन्डा टो पारब मनो बच्चा नैफोरब, हमरेहे पिइलेब । टेन्सन डुर हो जाइ ।’ समय जल्डी आजैठिन । टब गेंवँरिया कहठ, ‘मिट मिट, पहिले टोहाँर अन्डा खाइ टब मोर खाब ।’ ठिक बा मिट पहिले मोरे अन्डा खाइ, बक्ला कहठ् ।

गेंवँरिया ओ बक्ला हाँसके नाचके अन्डा खैठैं । डुनु जाने अघा जैठंै । डोसर डिन गेंवँरियक अन्डा खैना पाला हुइठिन । बक्ला अन्डामे ठोंर्ह लगाके चुह्के जाइ लागठ, टब गेंवँरिया कहठ, नै नै मिट जि, पहिले अपन ठोंर्ह ढोके आइ, अपनेक ठोंर्ह टो बरा फुहर बा । बक्ला डौरके लड्यम् ठोंर्ह ढोइ जाइठ । टब लड्या कहठ, ‘नै नै बक्ला भैया, टोर ठोंर्ह बरा फुहर बा, सक्कु पानी फुहर हो जाइ । पहिले माटीक् भुरकी नान, पानी भरडेम ठोंर्ह ढोलिस् । डौरके बक्ला कुम्हाँरिन्ठन जाइठ । बिन्टी करठ, कुम्हरन कुम्हरन डेहे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया । सुनके कुम्हरा कहठ, भुरकी टो मै डैडेम मनो अब्बा भुरकी ओरा गइल बा । माटी लेके आ भुरकी पारडेम लैजाइस् । डौरके बक्ला माटीक् ठन जाइठ । बिन्टी करठ, माटीम् माटीम् डेहे माटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया ।

माटी सुनठ् टब कहठ्, बक्ला भैया माटी टो मै डेम मनो टोरठन माटी कोर्ना कुछ नैहो, एक काम करे परल । जा हर्नक् ठन सिंघ मांगके नान्ले, टिस्लोर सिंघसे माटी कोरके लैजाइ सेक्बे । डौरके बक्ला हर्नक् ठन जाइठ ओ बिन्टी करठ, ‘हर्नम् हर्नम् डेहे सिंघिल्ला कोरे माटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया ।’ सुनके हर्ना कहठ, बक्ला भैया सिंघ टो मै डैडेम मनो महिन मरबे कैसिक । एक काम कर, जा कुकराहे बलाइ । महिन मारी टबेटो सिंघ लैजिबे । फेनसे बक्ला डौरके कुकरक् ठन जाइठ ओ बिन्टी करठ, ‘कुकरम् कुकरम् मारे हरिल्ला डेहे सिंघिल्ला कोरे मटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया ।’ सुनके कुकरा कहठ, मर्ना टो मारडेम मनो मै बरा डोंगिल बटँु । एक काम कर, जा गैयक् ठन डुढ लेहे, डुढभाट खैम टबे टो बलगर होके हर्नाहे मारम, टब सिंघ लैजिबे । फेनसे बक्ला डौरके गैयक् ठन जाइठ ओ बिन्टी करठ, ‘गैयम् गैयम् डेहे डुढिल्ला खाए कुटिल्ला मारे हरिल्ला डेहे सिंघिल्ला कोरे मटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया ।’

सुनके गैया कहठ, डुढ टे मै डैडेम मनो महिन घाँस डटके खवाइ परी । ढेर खैम टबे टो ढेर डुढ डेम, लैजिबे । बक्ला डौरके घाँसक् ठन जाइठ ओ बिन्टी करठ, ‘घाँसेम् घाँसेम् डेहे घसिल्ला खाए गइल्ला डेहे डुढिल्ला खाए कुटिल्ला मारे हरिल्ला डेहे सिंघिल्ला कोरे मटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेंवँरियक् जोरे हर मिटैया ।’ सुनके घाँस कहठ, डेना टो डैडेम मनो महिन कटबे कैसिक । जा भैया लोहरक् ठन हँसिया बन्वाँइ, टब टे घाँस काटके लैजिबे । फेनसे बक्ला डौरके लोहरक् ठन जाइठ ओ बिन्टी करठ, ‘लोहरम् लोहरम् डेहे हँसिल्ला काटे घाँसिल्ला खाए गइल्ला डेहे डुढिल्ला खाए कुटिल्ला मारे हरिल्ला डेहे सिंघिल्ला कोरे मटिल्ला पारे भुरकिल्ला भरे पनिल्ला ढोए ठोरिल्ला बापु रि गेवरियक जोरे हर मिटैया ।’ सुनके लोहरा कहठ, ठिक बा भैया, बैठ अब्बा बना डेम लैजाइस् ।

बक्ला एक डुइ घन्टा बैठठ् । लोहरा हँसिया बनाइठ । जब बनाके सेकठ टब लोहरा कहठ, बक्ला भैया हँसिया बनगैल, लाल हँसिया लेबे कि करिया हँसिया ? मन मनमे बक्ला साेंचठ् ओ कहठ, मै उज्जर बटँु, करिया हँसिया लेम कलेसे, कौवाहस् करिया होजैम, नै नै लोहरा जि महिन लाल हँसिया चाही । सुनके लोहरा आगिम् एकडम लालसे ढिका डेहठ ओ कहठ, ले बक्ला भैया डैना पसार, ढैडेम, लेके चल जाइस् । बकुल्ला अपन डैना पसारठ, लोहरा ढिकल लाल हँसिया बक्लक् डैनम् ढारडेहठ कि बक्ला भकसे डमक जाइठ ।
लाहुराम चौधरी
भजनी ९ पहलवान कैलाली

चनाक गेंवँरिया

लाहुराम चौधरी

भजनी ९ पहलवान कैलाली