राकेस ओ विशाल

लाछु डंगौरा
३१ जेष्ठ २०७८, सोमबार
राकेस ओ विशाल


राकेस ओ विशाल संगे पर्हना मिल्ना संघरिया रठैं । एक्के गाउँक हुइलेक ओर्से संगे शिशु ठन्से पर्हटि मावि तहमे पुग्सेकल रठैं । एकदिन राकेस विशालहे कहठ । विशाल काल्हिक दिन टो सनिच्चर हो काल्ह कोहोरु घुमे जाइ ना टंै ओ मै संगे ? ओस्टे फे हमार डुनु जाने संगे घुम्लेक फे ढेरे दिन हुइ गैल बा । कत्रा घरे किल रहिके गोरु भैंसिन पल्ना हो । आब टो भारी भारी हुइगैल बटी जे बाहेरके फे टो चहल पहल बुझ्ना सिख्ना हम्रन ओत्रै जरुरि बा जत्रा की हम्रन पर्हना जरुरत बा । विशाल टुँ टुवर मुह कैले राकेसके बात ओरैलेक बराबेर पाछे अन्कनाइ हस कर्टी मुह खोलठ । हुइना टो टैं बरा मजा बात कर्ले राकेस हम्रे इ उमेरमे नाइ नेगब घुमब टो कब घुमब ओ आउर बात सिखब । टहिँ कहटे कलेसे चोल्टो काल्हिक दिन हम्रे डुनु जाने घुम्हिँ जाब । तर कहाँ जैनाहो घुमे अब टहिँ बटा ना ?

राकेस हाँसेहस् कर्टी मुह चुमै्रटी टनिक उँच स्वरमे खुसिक झारे फोँहैंटी । अरे टंै का चिन्ता करटे मै बटुँ जे । काल्हिक दिन आउर कहुँ नाइ लग्गे फे ओ सुन्दर फे टीकापुर पार्क टैं ओ मै संगे घुमे जाब । ओहाँ हरियर बनुवँक् भिट्टर नुकल सुन्दर फुलरिया ओ पहिलेक हमार देशके राजनके बन्वाइल सुग्घुर सुन्दर घर बा । उ हेरे बहुत मनै जम्मा हुइल रठैं । ओक्रे पाछे कर्णाली लडियामे अपन सुस्कार लेले फटिक पानी फे बहटी रहठ । अत्रा बेरसम राकेसके बातेमे ध्यान ढर्ले विशाल मुह बैले सुन्टी रहल । पाछे हौसल्ले कहठ ठिके बा । ले काल्ह ओहँरी जाब घुमघाम करे । डोसर दिन बिहान खनापिना खाके डुनु संघरियन घरेसे नेंगे जैठैं ।

डुनु जाने हाँसी खुसिक बात बट्वइटी बयालके मच्ढारहे छल्टी भर्खरिक जामल दिनके अनारी घामके मजा लेटी जैना क्रममे डुनु जाने अस्नेरी कना ठाउँमे पुग्जैठैं । टब्बहिं राकेस अरे विशाल महिन बरा प्यास लाग्टा चोल अट्ठे पानी पिलि टब जाब । आब पुग्चुक्ली नाइहो दुर । विशाल लेले ठिके बा चोल पानी पिलि टो जाब । डुनु जाने पकर्या रुखुवक् तरे बम्मामे पानी पिके उहे चौतारीमे नम्मा नम्मा साँस टन्टी बिसैना निहुँ लैके बैठजैठैं । आँजर पाँजर जुर जुर बयालके ग्रहण कर्टी दुई चार जाने बुर्हाइल मनै उहे चौतारीमे सुटल रठैं । साइट ओइने उ ढुप्पन घामेमे रुखुवक् सिट्टर जुर कानु पाके छोट लर्काहस् निंडा सेकल रठैं । कोइ आँखी टुम्ले फुसफुस साँस लेहट फँकाइट् तटे कोइ खटियक् मचुवा खरिडेहस् नाक बोलाइट् । इ सब सुन्के डुनु जाने हँस्ठैं । इहे बखत विशालके आँखी उहे रुखुवामे टाँसल छोट्मोट पानामे परजैठिस ।

विशाल उ डेख्के डनिक लग्गे सरकके घुरे लागठ । जेम्ना छोट्मोट शंकर भगुवानके फोटो संगे भन्डारा खैना सुचना लिखल रहठ । मने मने विशाल दण्ड बात कर्टी सुचना पर्हे लागठ । इ डेख्के काहो कहिके राकेस टनिक लग्गे जाके टनिक बेर हेरके उहे फोटुमे पच्से ठुइ कहटी ठुकडेहठ । राकेसके असिन कर्मना डेख्के विशालके मनेम भारी चोट पुग्ठिस । जिहिन उ सेवा लग्ले रहट उहिने अपन संघरियइ ठुक्के घृणा अपमान करट डेखठ । कबु नै राकेसके पर रिसैना विशाल उबेर रिस लैके टप्टी टभु नरम स्वर कराके राकेससे पुँछठ । राकेस टैं काकरे इ भगुवानके फोटुमे ठुक्ले ? का बिगार कर्ले बा इ फोटु ? टुहिन का नाइ मन परल हँ टंै एम्ना ठुक्के अपमान कैले ? विशालके बात सुन्के राकेस भलाही खाइ हस कर्के डोसर ओर मुह घुमाके हाँसेहस् कर्टी । अरे मै इ के हो का हो नाइ चिहिन्ठुँ इ टोर भगुवान हुइ मनो मोर लाग कुछु नाइहो । महिन अइसिन टोर भगुवाननके कुछु मन नाइ परठ ओ मै एन नाइ मन्ठुँ ।

राकेसके इ बकल बात सुन्के विशालके मुटुमे बर्टी आगिम घिउ डारल हस हुइ जैठिस । विशाल अपन हाँठे लेके सम्मान पुर्वक् राकेसके ठुकल उ फोटु मनिक ठुक पोँछ्टी कहठ । राकेस टंै बरा भारी भुल कर्ले आझ अपन धर्म बडल्के । टुहिन याद हुइ राकेस जब हम्रे डुनु जाने छोट छोट रहि टो श्री भानुभक्त राष्ट्रिय प्राथमिक विद्यालय खकरौलामे पर्हे बरिक बात । जब टैं फे हरसाल हमार संग स्कुलके अंग्नामे लाइनमे ठर्हियाके हाँठेम् गेँडक् फुला लेले सरस्वती माता की जैहो जैहो कर्टी फुला चिँठचिँठ छिट्लेक ।

हाँ टैं आझ हिन्दु धर्म छोर्के डोसर धर्म लेले । मै खुसी बटुँ हरेक मनैन्के अधिकार हो इ । तर राकेस चहाँ जौन धर्मके इतिहास बिल्टाके हेर टैं । चोराके खाउ, ठाग्के खाउ, केक्रो अपमान करो, झैझगरा करो, कहिके कोनो धर्मके इतिहासमे नाइ लिखल भेटैबे । सब धर्म मजै सिखाइठ् । टैं इ फोटु मनिक भगुवानहे नाइ मनपरैठे टो टुहिन नाइ हेर्ना रहे नाइ ठुक्ना रहे । राकेस जेकर सम्मान नाइ करे सेक्लेसे अपमान फे नाइ करे परठ । टैं नाइ मन्लेसे फे मै टो मन्ठुँ । टैँ डोसर धर्म लेलेसे फे मै टो उहे प्रकृति पुजक् हुइटुँ । आब मोरो पर फे ठुक्डे राकेस ठुक्डे ।

चाहे अल्लाह कहिके बोल्कारो चाहे भगुवान कहिके बोल्कारो । सब्के मालिक एक हो । हमार उहिन सम्मान सम्बोधन कर्ना तरिका किल फरक बा । राकेस अपन आँखि मन्से आँसेक् ढेक्री झरैटी विशालहे उँकुवारमे भर्टी कहठ महिन माफ कर्डे विशाल । मै आझ टोर मन डुखैनु । आझ टंै मोर आँखी खोल्डेले विशाल । आँखी खोलडेले ।
लाछु डंगौरा
टीकापुर कैलाली

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