फोकटके माल

लाहुराम चौधरी
२ असार २०७८, बुधबार
फोकटके माल


फोकटके माल
आठ कलास पर्हके डाइबाबाके कहल बाट नैमानके छोटेसे कलुवा घरसे इन्डिया कमाइ भागठ । सुरुमे एक डु साल बर्हियासे काम करठ । छावा कहाँ भागल बा । कैसिक रहठुइ कैहके घरे डाइबाबाहिन चिन्टा रहठिन । पैंसा डेखके कलुवक् मनमे पाप जागे लग्ठिस । अपन सहुवाके आँखीक् ओल्टार हुइटिकिल पैंसा सुट्काइ लागठ ओ अपन सुट्ना पठरिन पैसाके सिरन्नी बनाइ लागठ ।

आउर टो सहुवा कलुवाहे बलाके कहठिस्–कल्लु, मै कुछ कामसे सिंगापुर जा रहा हुँ, नोकर को चलाना और हिसाब अच्छासे रखना तेरा काम । कलुवक् पाँचु अंगरी बराबर होजैठिस् । कखौरी बोलाइठ ओ कहठ,–आब टो मोर पैसा कमाइना सपना पुरा होगइल ।

जब सहुवा सक्कु जिम्मा कलुवाहे डेहठ । टबसे कलुवा एकसे सोझे डस निकारके पंैसइ पैंसा करा लेहठ । आब कैसिक पैसा घरे पठाउँ चिन्टा होजैठिस । डाइबाबाहिन सम्झे लागठ । कैसिक कैसिक घरे फोन करके कलुवा अपन डाइबाबाहिन इन्डिया बला लेहठ । पैसा डेखके कलुवक् डाइबाबा खुस होजैठैं ओ कहठंै स्याबस छावा । पंैसा टो टैं कमैले बटे । आब घरे जाइ परल ओ भोज करे परल । ठिक बा जैम कहटी कलुवा अपन डाइबाबाहिन बस पार्कमे पठा आइठ ओ कहठ बाबा बर्हियासे जैहो । पंैसा फेन नुक्वाके लैजेहो । डोसर महिनम् पैसा लेहे फेनसे अइहो । समय बिट्टी रहठ । कम्टीमे पन्ढ्रा बरस पुगजाइठ् । एक कान डुइ कान मैडान होजाइठ । टब कलुवाहे सहुवा कहठ–बेटा टु टो बहुट होसियार निक्ला । जा किया ठिक है पर गलत भी है । आझसे तेरा खेल खटम । अपना बिस्टर बाँढ और चला जा घर ।

कलुवा डराजाइठ ओ नमहा भागेहस् अपन घर आजाइठ । पंैसाके बलमे कलुवा बरवार डुकान खोलठ् । साठमे डुइ चार नोकर ढारठ् । सुरुमे एकडम बर्हिया चल्ठिस् । व्यापार जमके करे परल कैहके बैंकसे रिन फेन लैलेहठ । समयके खेल मौजमस्टी, उढार, किहु सापट, बैंकके ब्याज, घर खर्च, जन्नीक इच्छा पुरा करटी करटी कलुवा परेसान होजाइठ । हिसाब किटाब करठ होसे उरजैठिस् । पंैसा कहाँ गइल कहठ । जस्टे कलुवा पंैसा नन्ले रहठ ओस्टहे कलुवक् पैंसा गायब होजैठिस् । कुछ सालमे डुकान सब खलर मलर होजैठिस् । केकरो पुछवार नाइ, रीनमे डुब जाइठ । टब कलुवक् मनमे, डिमाकमे याड अइठिस् जस्टे काम करले रहँु, आझ ओस्टे डाम फेन ओस्टही मिलल । फोकटियक् पंैसा फोकटियम् चलगइल ।
लाहुराम चौधरी
भजनी–९ पहलवान

फोकटके माल

लाहुराम चौधरी