नयाँ बिचारहे काम डेउ

सन्जीप चौधरी
८ असार २०७८, मंगलवार
नयाँ बिचारहे काम डेउ

मुक्तक १
नयाँ बिचारहे काम डेउ ।
पुरान सोचहे विश्राम डेउ ।
बिछुल जेबो टे गिरजैबाो,
सिहरल जिउहे अराम डेउ ।
मुक्तक २
कुछ करके डेखाउ का मिली बोलके ।
कुछ नैमिली भाइमे डुस्मनी मोलके ।
लावा डेस बनैना जोस जाँगर चाहि,
कुछ नैमिली लावा पार्टी खोलके ।
सन्जीप चौधरी
कैलारी ६ बेंडौली कैलाली

नयाँ बिचारहे काम डेउ

सन्जीप चौधरी