मोर बस्ती मोर झोंपरी जरल कैसिक

सागर कुस्मी ‘संगत’
१५ असार २०७८, मंगलवार
मोर बस्ती मोर झोंपरी जरल कैसिक

गजल
मोर बस्ती मोर झोंपरी जरल कैसिक ?
ना चिट्गिन ना भौगर बरल कैसिक ?

भदौहुवा झरि झर्ना रहे हमार गाउँमे,
मने बैशाखी बेरुन्डर परल कैसिक ?

डौना, बेबरी, गेंडा फुलल फुलरियामे,
बिना भौंरक उ टेंम्ह्री झरल कैसिक ?

डेंउटनके कोन्टि डेहुवार ढारल बर्छि,
भाला टोहाँर छातीम् लरल कैसिक ?

जौन बस्तीमे बस्ती कर्फ्यु लागल रहे,
ओहे बस्ती बस्तीमे दम भरल कैसिक ?
सागर कुस्मी ‘संगत’
डख्खिन टेंर्ही, कैलाली

मोर बस्ती मोर झोंपरी जरल कैसिक

सागर कुस्मी ‘संगत’