जरावर

असिराम डंगौरा
२९ असार २०७८, मंगलवार
जरावर

लघुकथा
जरावर

ओरगान छोट्की पुछ्ठिन असौंफें जरावर नाइ लैडेबो कि का हो ? पोरसाल नाइ लेलो लर्कनके एकएक जोर डिरेसे किल आटिन । मोर पेटीकोटमे सात अडरके पेउँडा बा असौं जैसिक लेहिहिक् परि ।

छोट्का सबके लग लैडेम कहठ् ओ गाउँ ओर जाइटुँ कैहके घरसे निकरठ् । का कामले जाइटुँ कैहके भर नाइ बटाइठ् मनो उ मनेमन कहुँ रिन पैंसा खोजे निकरल रहठ् । मनैनठें हाठँमुह जोरठ कोइ गाउँमे चलल ब्याज रेटसे चारपाँच हिँस ढेर ब्याजदर बटाइल टो कोइ सोझे नाइहो कैहके टारडेठिस । कुछ उपाय नाइ लागके छोट्का लाला महजनुवँकठें जाके उधारी जरावर लैजिना बात करल ।

महजनुवाँ लैजाउ टो कहल मनो पैंसक् बडला धान लेम कैहके कबुल कराइल । नाइ बनल पर गड्हाहे बाबा कहे परठ । छोट्का सबके लग जरावर लैके आइठ । एक बिगाहा जग्गा, पानी नाइ बर्सल धान कम फरल । धान डैंटीके आढासे ढेर महजनुवाँ लैगिल खैना बाहेक छोट्का कुछ नैबचलिस । छोट्का बैसाखी जोट्टी हिसाब करठ् उ खाली सालभरमे जरावरके लग किल कमा पाइल ।

मने सोंचठ् अइसिक कुवाँके मेघि कुवाँमे कबटक रहे सेकजाइ ? अपन जन्नीसे सल्लाह करके आढा जग्गामे टिना लगाइठ, सुवर पालठ् । ओरगान छोट्का बौराइटा कैहके पहिले मनै खोब हँसलिस् । टबफें ओइने अपन पसिनामे आस कैके खोब मेहनत करनै । मेरमेराइक टिनाटावन, ओ सुवर बेचके ढेर आम्दानी करनै । अझकल सालमे एकजोर जरावर नाइ बल्की हर महिना लुग्गा लेलेसेफें कमि नाइहो । ओइनके प्रगति डेखके गाउँक् मनै उहिसे टिना खेटी कर्ना सरसल्लाह लेठैं ।
असिराम डंगौरा
जोशीपुर ५ सिमराना कैलाली

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असिराम डंगौरा