जिन्गी एक्चो मिलठ डुबारा आइठ नाइ

तिलक डंगौरा
४ श्रावण २०७८, सोमबार
जिन्गी एक्चो मिलठ डुबारा आइठ नाइ

गजल
कोनोफें चिज अत्रा हाली निम्झाइठ् नाइ ।
जिन्गी एक्चो मिलठ डुबारा आइठ नाइ ।

रिसिबी, शंका आउर घमण्डके सेट्टिकसे,
सक्कु जहन कबु एकजुट कराइठ नाइ ।

यहाँ हर कोइ चोरी करके रुखवा काटठ,
मने एक बोट फेन कोइ लगाइठ नाइ ।

डाइक् ठ्न बाबा कहठ कहुँ टोर छावा,
अत्रा कमाइठ मने कुछफें बचाइठ नाइ ।

मैयाँ करुइया मनैन एक जहन सजाइठ,
हजार जहन दिलमे कबु सजाइठ नाइ ।
तिलक डंगौरा
जानकी गाउँपालिका १ दुर्गौली कैलाली

जिन्गी एक्चो मिलठ डुबारा आइठ नाइ

तिलक डंगौरा