मेलामे हड्बडाइल जिउ

रामचरण ‘अजराइल’
८ श्रावण २०७८, शुक्रबार
मेलामे हड्बडाइल जिउ

मेलामे हड्बडाइल जिउ
कंचनपुर टोली अइटी रहिंट । मै अपन काममे व्यस्त कारण बर्दिया बह्रैयाताल जाइक लागफें सौकिन रहँु । बिहन्नेसे अपन कामके छुट्टी मिलइटी रहँु । ओहरसे सागर झबाझब फोन कैले रहिंट । मै जुन गोचाली एफएम ९० मेगाहर्जमे कार्यक्रम चलइना हुइना हुइलक ओरसे डट्करल रहुँ । कार्यक्रम टे सुक्के रात नौ बजे बोल्ना रहे । मने मै बिफेक् तयार कैलेले रहुँ । बिफेक् माघ ४ गते बह्रैयामे रात रहे पुगना रहे । बिहन्ने अपन काम भैयाहे जिम्मा लगाके मै बिहान आठ बजे गोचाली एफएममे जाके हलिहलि रेकर्ड कैनु ओ मिक्स कैके सेकले नैरहँु । फेन फोन कै ढरलैं सागर हलि लम्की पुगी । हम्रे कंचनपुरसे नेंगगैली ।

मोर जिउ आउर हड्बडा गैल । मै हलि घर गैनु ओ हटरपटर हाँठगोर ढोइनु ओ कल्वा खैना तयार हुइटी रहुँ । फें फोन आगैल । हम्रे सुख्खड पुग्ली अप्ने काकर्टी हलि आइ । अप्ने घाटा लगैबी कहे लगलंै । लि आब कल्वा फें नैखैम कनु ओ हलि लुग्गा बडल्नु ओ खाली झोला पकर्के बिन् कल्वा खैले नामडेनु । टीकापुर बस पार्क ओर नैजाके अगोछी काट्के लम्की रोड टिएमसि होके बस रोक्ना ठाउँ गुल्मा लावा बसपार्क पुग्नु । हलि बसम् डौरके चहुर्नु ओ डैबरवा पुछल् कहाँ सम जाइटी कहल । मै कनु चलि हलि जहाँ जाइ वहाँ उट्रबे करम । बसजुन् असिन पर्गील रहे कि डगर ओस्टे कना हो । रोडफें फुटल फुटल रहे । ओस्टहे डैबरवा फें ढिला गारि हाँके । एक किलोमिटर पार कैना फें टिन चार मिनेत लगाए । कि जबकी बाइकमे एक मिनेटमे एक किलोमिटर पार करट सोच्टहुँ ।

सागर फेन फोन करके मचैले रहिंट । मै कहटँु आइटँु आइटँु । कहट कहट बलटल लम्की पुगाइल । हलि बसेम्से उट्रनु फोन कर्नु सागरहे । कहाँ बटि कनु । मै पुग्गैनु । कहाँ बटि अपने एक बोटल पानी लि ओ बिस्कुट लि कलैं ओ पोख्रेल होटल आघे आइ । मै सोंच्नु मै खाना नैखैले हँु टबे बिस्कुट लेहे कहलै । मै हलि बिस्कुत ओ पानी लेलँु । बिस्कुत डुठो लेनु । एक बिस्कुत खोलके खाइ लग्नु । एकघचिक पाछे सागर लोगफें पुगगैलंै ।

टब सोंच्नु मै आब लम्कीसे मोर ओ कंचनपुर टोलीसे मोर मजा यटा« सुरु हुइ । चिसापानीमेफें फोटु खिचैली कर्णाली पुलमे । फोटु खिचकेफें यात्रा सुरु हुइल । बाँसगढीके चोकमे उटरके बाँसगढीके डख्खिन ओरसे अटोमे बैठ्के बह्रैयाताल ओर हमार आठ जहनके यात्रा सुरुहुइठ् । अटोमे असिक बैठ्गैलि कि डुइजे अटोक् पाछेक् सिटके डिग्गीम बैठ्गैलंै । चार जे सिटमे ओ डुइजे डैबरवक् आँजर पाँजर बैठ्गैलंै । अटो जस्टेक् झट्के ओस्टक् सीता ओ सिमाके मुन्टामे ठक्कर लागिन खभक्का खभक्की अइटी किल । टरे मुन्टा कैले रहिंट । खुचुङ खुचुङ करट पुगैली बह्रैया टल्वा । टल्वा किनारे मघहा बजारफें लागल रहे । ओहे लग्गे पाल लगाइल रहे । राष्ट्रिय थारू साहित्यिक मेला ३ के कार्यक्रम हुइनाफें टेन्ट लगैटी रहिंट । हम्रे पुग्ली कहोर हो हमार कार्यक्रम पहुनन्के बैठ्ना पुछ्टी रहिंट । फें टल्वा ठन्से डख्खिन ओर लग्ली गाउँक् एक्ठो घर जाके पानी पिली ओ बसेरा लेना ठाउँओर लगली ।

एकठो मनैयाँ हमार बैठ्ना ठाउँ डेखाइ संगे गैल । डगरी डगरी फोटु खिचैटि हम्रे पुग्ली । जहाँ हमार बैठ्ना व्यवस्था रहे । श्री नेपाल राष्ट्रिय इन्दिरा भुसाल माध्यमिक विद्यालय मैनापोखार ३ बढैया बर्दियामे । वहाँ गाउँक् मनंै भन्सा रहिट । थारू साहित्य मेलामे अउइया पहुनन् लाग खाना पकैटी रहिंट । हमार झोला ढर्ना एक्ठो कोठा डेखैला सुट्नाफें ओहैं रहे । हमार स्कुल पुगट सम सांझ हुसेकल रहे । ठोरचे लगैना मन लागटेहे । सागर जाइ लेहे कहैं । लग्लंै टे हम्रे सन्तोष सरसे गाउँमे खोजे निकरगैल रहि । बेरीजुनफें होगैल रहे । गाउँक् बेरी खैटी रहिंट । असर्वामे बैठ्के टे कोइ बहरिम । हमार खोजल चिज जुन टिन चार डुकान पुछ्ली टब मिलल् टे लेके अइली । हमार आइट सम सर हुक्रे बेरी खासेकले रहिंट । सुटल रहिंट । नै मै खाना खासेक्नु कलैं । मै चिरोरी कैनु टभु नैगिलै ।

मै कनु सर लगाइ । नै सर मै नैलगइठँु सनतोष कलैं । महिन जुन एक्केली नै मन लागटहे । पाछे बेरी खाके सक्कुजे कंचनपुर टोली बैठ्के परिचय कैली । मै गोझुम लेहल जुन पिएक लाग टोटा घुटघुटैटी रहे । टिना लेहे मै गैनु । भन्सरयन जुन ढेरे टिना प्याज मुरै ढेरे डैडेलै । मै जुन भित्तर बाहेर कर्र्टि रहँु । टमान संघरयन केके आइल बटंै कैके हेरेक लाग । पाछे सर्वहारी, सुसिल, सोम डाजु, दिल बहादुर, बालिका डिडि, छबिलाल डाजु, श्याम शराबी, बिनोद सर हुक्रे जुन पुक्के लगइटी रहिंट । ओम्हे मैफें मिलगैनु । लगालेनु मैफें गिलास । ओहोरजुन नाच जम्कल रहे । सोम डाजु हुकनके पुनाराम कर्याबरिक्का बालिका टमान मनैफें रहिंट मघहा गीतमे । खोब नाच जम्कैले रहिंट । पाछे मैफें सुट्ना ओर लग्नु ।

काल्ह कार्यक्रममे कैसिक जैना कैके ओ साहित्यिक बातफें चल्टी रहे । बात बट्वइटी क्रममे आउर कोठासे बालिका डिडीक् आवाज आइल सुटो रेउ लर्को कैह्के । उ रात मजासे निंड नैपुगल । बिहानकेफें औरेजे उठसेकल रहिंट । मै सुट्ले रहँु औरेजे पालिक पाला उठ्ठी रहिंट । मै टे पाछे उठ्नु । डोस्रे उठ्के चाय पिलि । गाउँ ओर घुमे गैल रहि । कोपिला डाजु ओस्टक् रमेश डङ्गाली, रामकुमार बिग्रल चुक्कु, गाउँक् डख्खिन ओर घुमे गैल रहि । घुम्के आके कल्वा खाकेफें कार्यक्रम ओर लग्ली ।

बढैयाटल्वाफें घुम्ली कार्यक्रम चालु रहे । डिनक् कार्यक्रम ओराके बेरी खाके डहिटान ढेंकी कुटे गैली । डहिटान ढेंकीफें कुटट्फें मजा आगैल । डहिटान ढेंकी कना नाटक रहे । हेरके पहिले खोब हँसाइल । पाछे टे आँस पोछाइल । ढेंकी नाटक हेरे पैनु बहुट खुसि लागल । नाटक पाछे जन्नी कनाफें नाटक हेर्ली । नाचगानफें रहे । दर्पण कुसुम्या के गीतमे । दर्पण अक्केली माइक पकरके पुरा समय अक्केली लेलैं । इ बात मन नैपरल महि । आपसे असिन ना होए । खबरदार । मैफें खोब नच्नु । मने सागर मै ओ औरेजे अपन प्रस्तुती डेखाइक लाग रहि । मने डेखाइ नैपैली ।

पाछे दस बजे ओर कार्यक्रमफें पाँच गतेक ओराइल । ६ गतेक कार्यक्रममे हम्रे अपन अपन प्रस्तुती डेखाइक लाग रहि । टमान गजलकार ओ गायककार हुकनफें टमान प्रस्तुती रहे । हम्रे जुन हाली घर घुमेक् लाग रहि । सागर हलि पाला मंगलेसेफें मने पाला हलि करट आउर संघरियन छुटगैलैं । सागर हलि अपन पाला लेलैं ओ मैफें हलि कनु सोम डाजुहे । मैफें घर जैना कैह्के हलि मैफें पाला मँग्नु । श्याम शराबीफें मोर नाउँ बोल्कार डरलैं । कंचनपुर टोलीहे लेके हलि स्कुल ओर चल्डेलैं ।

महिन जुन झबाझब फोन करे लगलैं । अपन टे हडबडाइल जिउ स्टेजमे मजासे प्रस्तुती डेखाइ नैपैनु । हलिहलि दुई मुक्तक ओ एक्ठो गजल सुनाके हलि स्कुल ओर लग्नु । संघरियन मिझनी खैटी रहिंट । मैफें पछ्पछ्हीं पुग्गैनु । कार्यक्रम ओर्वाके अटो बुकिङ कैके सक्कु जे अटोमे बैठ्ली । अटो बाँसगढीसम् छोरडेहल । हमार बगाल फेन नेंगल कैलाली कंचनपुर ओर ।
रामचरण ‘अजराइल’
टीकापुर १ कैलाली

मेलामे हड्बडाइल जिउ

रामचरण ‘अजराइल’