चाउमिन उद्योगसे फिरल रामचरणके जिन्गी

सागर कुस्मी
२४ असार २०८०, आईतवार
चाउमिन उद्योगसे फिरल रामचरणके जिन्गी

चाउमिन उद्योगसे फिरल रामचरणके जिन्गी

सागर कुस्मी
धनगढी । टीकापुर नगरपालिकाका १ टीकापुर कैलालीक रामचरण चौधरीके दैनिकी बिहान ५ बजेसे सुरु हुइठ । बिहन्नी मोटरसाइकलमार्फत् टीकापुर बजारसे सत्ती, खकरौला, भजनी हुइटी जोशीपुरसम चाउमिन पुगैठैं ।

बिहानभर चाउमिन पुगाके उहाँके दिन चाउमिन बनैनामे बिटठिन । पहिले कुछ बरस औरेक कम्पनीमे काम कर्टी आइल रहिंट । मने अपनही कुछ करुँ कना मनसायसे विदेश नैजाके स्वदेशमे स्वरोजगार हुँ कना निर्णय लेनैं । छोट पुँजीमे सुरु करल उहाँके चाउमिन बनैना उद्योगमे अब्बे २ जाने रोजगारीफे पैले बटैं ।

आर्थिक स्थिति एकदम कम्जोर हुइल ओर्से कक्षा ६ समके अध्ययन कैके २६ वर्षिय रामचरण चौधरी कौनो समय औरेक चाउमिन उद्योगमे सहयोगीके रुपमे ५ वर्ष काम कर्लैं । ओहे उद्योगमे सिखल सीपहे परिवारके सल्लाहमे चाउमिन उद्योग सुरु करल उहाँके कहाइ बा ।

‘ढेर समय बेरोजगार हुइल ओर्से डाइबाबा ओ गोसिनियाँसे सल्लाह कर्नु, उहाँ लोग मोर बाटमे सहमत हुइलैं,’ रामचरण कहलैं, ‘अब्बे सैगर चाउमिन उद्योगमे उत्पादन हुइल चाउमिन बजारमे मजा व्यापार लेले बा ।’ अपने कम्पनीसे उत्पादन हुइल चाउमिन अब्बे टीकापुरके आँजरपाँजरके बजार पुगैटी आइल उहाँके कहाइ बा ।

‘हाँंठमे सीप ओ जोखिम लेहे सेक्ना क्षमता हुइठ कलेसे छोट पुँजीमे फेन गाउँहिमे स्वरोजगार हुइ सेक्जाइठ,’ रामचरण कहलैं, ‘ओहेमारे बिदेश जैना किल विकल्प सोंच्ना नैचाहि ।’

घरक नाजुक स्थिति हुइल ओर्से पर्हाइ छोरके कामके खोजिमे टीकापुर ओर छिरलैं । भासा साहित्यमे फेन ओटरै रुचि रहल ओर्से थारु भासक दैनिक पत्रिका पहुरा दैनिकमे ३ बरस टीकापुर बजार बजारमे व्यबस्थापन करलैं । बिहानभर पत्रिका पुगाके दिनभर मार्केटिङ कैल उहाँके अनुभव बटिन । मने पत्रिकामे काम कैके परिवारके जिउ पल्ना उहाँक पत्रकारिता फेन ढेर दिन नैटिकल ।

पत्रिकामार्फत जिन्गी नैचलके उहाँ गोचाली एफएममे फेन ५ बरस पस्ना चुहैलैं । वहाँ फेन कुछ समय मजा हुइटी रहिन । मने जब लकडाउन लागल टबसे फेन हरेक समस्यासे जुझे पर्लिन । इ समयमे टे आउर पूरा बेहाल हुइल उहाँके ढेर पिर सुनैलैं । “लकडाउन ढेर समस्यामे बझाइल । ओस्टेके ढेर पाठ फेन सिखाइल,” उहाँ कहलैं ।

चाउमिन उद्योग सुरु करल ठनसे अब्बे दैनिक जीवनमे कुछ सुधार हुइल उहाँके कहाइ बा ।

स्थानीय लघुबित्तसे कर्जालेके ६ लाखसे सुरु करल चाउमिन उद्योग अब्बे बजारमे माग ढेर हुइल उहाँ बटैलैं । पहिले ६० रुपिया प्रतिकिलो बिक्री हुइल चाउमिन अब्बे ८० रुपियामे बिक्री हुइटी रहल उहाँ बटैलैं । उहाँ चाउमिन किल नाही संगे संगे चाउमिनमे डर्ना मसाला, अजिना, सस लगायत अउरे अउरे सामान फेन बेंच्टी रहल ओर्से कुछ थप आम्दानी बर्हल उहाँके कहाइ बा ।

लगानी खर्छ कटाके अझ्कल महिनामे ३० से ४० हजारसमके आम्दानी हुइटी रहल उहाँके कहाइ बा । उहाँक् गोसिनिया ललिता कठैं, “इ चाउमिन उद्योगसे घर व्यवहार चलैना सजिल हुइल बा । केक्रो पाउँ परे टे नैपरठ ।“ अपन चाउमिन उद्योगमे अब्बे उहाँक् गोसिनियाँ ललिता चौधरी ओ छुट्की भैया कृष्ण चौधरी फेन ओहैं काममे मद्दत कर्टी बटिन ।

रामचरणके साहित्यमे योगदान

डाइ लाटी देवी चौधरी ओ बाबा जगतराम चौधरी के बर्का छावा हुइँट् । रामचरण चौधरी एक मुक्त कमैयाँके छावा किल नाही । उहाँ एक साहित्यकार फेन हुइँटै । उहाँके टुटल झोंपरी गजल संग्रह (२०७०), दुखके हल्कोरा संयुक्त मुक्तक संग्रह (२०७२) प्रकाशित हुइल बटिन । ओस्टेके स्थानीय पत्रपत्रिकामे टमान कविता, गजल, मुक्तक छपल बटिन ।

रामचरणके डाइबाबा मुक्त कमैयाँ हुइँटैं । उहाँके डाइबाबा धनगढीके पुरान एयरपोर्टमे बैठाइ बटिन । रामचरणके तीन भाइ, दुई बहिनियाँ, गोसिनियाँ ओ एक छाइ बटिन ।

लावा पुस्टाके ठँरियनहे भविस्यमे औरेक काम करलसे अपन सीप सिख्के स्वरोजगार हुइना सल्लाह डेठैं । अपन ठाउँमे मेहनत कैलेसे हर काममे सफल हुइ सेक्जाइठ कना उहाँ एक उदाहरण हुइँट् ।

चाउमिन उद्योगसे फिरल रामचरणके जिन्गी

सागर कुस्मी