कोइ घर डुवार हेरके कोइ झ्याल हेरके

सुवास चौधरी
३२ श्रावण २०७८, सोमबार
कोइ घर डुवार हेरके कोइ झ्याल हेरके

गजल
कोइ घर डुवार हेरके कोइ झ्याल हेरके ।
रुइटैं मनै पुहट गइल चार पर्खाल हेरके ।

गाउँओर अइटी रहठ, सहर भट्कटी रहठ,
महिफेन रुइनास लागठ डेसके हाल हेरके ।

राहतके रुपियासे घर किन्ठैं कोइ गारी,
बहिया पिरिट बैठ्ठैं पुरान किर्पाल हेरके ।

समाचार सुन्बो जिल्ला गाउँ, बस्टीके,
बँच्टी बटैं हुँ मनै घिच्वनके चाल हेरके ।

पहार पर्बट्वम् बन्डर भस्कठैं बेढक्,
तराईमे बैठल रबो पानीक् छाल हेरके ।

सुवास चौधरी
शोभानगर, बर्दिया

कोइ घर डुवार हेरके कोइ झ्याल हेरके

सुवास चौधरी