गजल
हमार पुरान गीतबाँसमे नाचे पर्ना बा ।
अमुल्य उ सम्पति फेन साँचे पर्ना बा ।
दुस्मन हमन घोचघोच करबेर समाजमे,
हाँठमे हाँठ मिलाके बाँचे पर्ना बा ।
गुरुवा बैडवा तन्त्रमन्त्र छोरके सबजाने,
सद्भाव विचार मनमे चाँसो पर्ना बा ।
हमार बनाइल हम्रे बैठल् उर्वर भूमि तराइके,
ठाउँ–ठाउँमे सिमा पोस्टर टाँसे पर्ना बा ।
एक ढिक्का सय बल उत्साह जगाके,
धनी गरिब एक्के मालम् टाँसे पर्ना बा ।
अशोक चौचरी
पुनर्वास–२ मोतीबस्ती कंचनपुर