पटुहिया

संगम चौधरी
१० भाद्र २०७८, बिहीबार
पटुहिया

कथा
पटुहिया

चुल्हामे जुगुरजुगुर आगि बर्टि रहठ । सन्ढया घनिघनि चुल्हम लकेरल काठिहे ठिट्कोर्ठि । कोनम लर्काहे लेके छाटिम चप्काके डुढमे लगाके आगि हेर्टि रठि । आँखिमसे आँस बहके गाल पुगल रठिन । घर सुनसान भँयाइल भँयाइल लग्ना । कारण अविनास उ घरेमसे सडाके लाग बिडा लेके गैसेकल रहिंट ।

सन्ढया जिन्गिक एक एक पलहे सम्झठि । उ डिनके जोन डिन अविनासके बाबा सन्ढयाहे अपन पटुहिया बनाइक लग मागे आइल रहिन । सन्ढयाके बाबा ओ अविनासके बाबा जाँरक् खोरिया अगोरले खोपसे माँगर गैलक ओ उहे बेर सन्ढयाहे अविनासके उप्पर डेलक । यि बाट अविनासहे पटा चल्ठिन ओ भोजके लाग मनाहि कर्ठै मने डुनु ओरसे पक्का बाट होसेकल रहिन । बचन डेसेकल ओरसे बडनाम होजाइ कैह्के भोज करे पर्ठिन । बराटके उ डिन अविनास डोलामे बैठल मुस्कि मर्ठैं । पुर्खा ओइने अपन अपन ओरसे माँगर गैनामे लागल रठैं । अविनासहे संप्राइ बेर असिके माँगर गाइट सुन मिलठ ।

हाँसिहाँसि डुलहु भैया पगिया ना पहिरैं रे सुगनामे मंडिल झाँकि हेरैं रे ।
डेउडेउ डुलहु भैया माठसिर पगिया हमहुँ चलबि बरियाटे । ।
हाँसिहाँसि डुलहु भैया जमिया ना पहिरैं रे सुगना मंडिल झाँकि हेरैं रे ।
डेउडेउ डुलहु भैया हमहुँक अंगियाके जमिया हमहुँ चलबि बरियाटे । ।
हाँसिहाँसि डुलहु भैया सटकि ना पहिरैं रे सुगना मंडिल झाँकि हेरैं रे ।
डेउडेउ डुलहु भैया हमहुँक सटकि हमहँु चलबि बरियाटे । ।
हाँसिहाँसि डुलहु भैया जुटिया ना पहिरैं रे सुगना मंडिल झाँकि हेरैं रे ।
डेउडेउ डुलहु भैया हमहुँक जुटिया हमहुँ चलबि बरियाटे । ।

असिके पुर्खा ओइने माँगर गैटि सुन मिलठ । बराट जैना सारा जहनके अनुहारमे खुसि भरल रठिन । लवन्डिन लहंगा चोलियामे संपरल बरे सोहावन बिल्गैठैं । ओहोर डुलहि सन्ढयाके घर अंगना चैनार रठिन । बराटि डुल्हिक गाउँ पैंठटि रठैं ओ माँगर फेंन गैटि रठैं । माँगर अइसिक गैठैं ।

अगुवक घोरुवा रे आगुपाछु करैं रे भोजुवक घोरुवा रे बिचडाल ठाम्हें ।
डुलहक घोरुवा रे चले अगुवाइ साजी चलबी बरियाटे । ।

बरटियन डुल्हिक गाउँ पुग्जैठंै ढोंढों पोंपाें बाजा बोलल रहठ । एकओर माँगर फेन चलल रहठ । जब डुल्हा उ अंगनामे गोरा टेकठैं, वहाँ मनैनके मेला लाग जाइठ । डुलहा राजा अविनासहे हेरक लाग । बराटिनके स्वागट कार्यक्रम सुरु होजाइठ । हजारौंके बगाल लेके सन्ढयाहे लेहे आइल रहिंट अविनास । उहे हजारौंके लजरमे सन्ढया केक्रो पटुहिया बने जाइटहि । जब बराटि अंगनम पुग्ठैं टब अइसिक माँगर गाइठ सुन मिलठ । एकओर सम्ढिसम्ढा लग्ना कार्यक्रम चल्टि रहठ । एकओर माँगर चलठ ।

छेगरा टे छोट भैला, रुपिया टे खोट भैला, डेल्वक चुनरी मलिन भैला, डुल्हक बाबै बाँढडेउ ।
छेगरा सटाइ डेबु, रुपिया भँजाइ डेबु, डेल्वक चुनरी ढुवाइ डेबु, डुल्हक बाबै छोरडेउ । ।

असिके सन्ढया ओ अविनासके भोजक कार्यक्रम चल्टि रठिन । सन्ढया अपन घर डुवार छोर्के अपन जन्म घर छोर्के । अपन डाइ बाब सारा परिवार छोर्के । सन्ढया अपन भोजक सब रम्टा हेर्टि रहि । कोइ मट्वार होके कोन्वम् घोल्ट्याइल रहठ टे कोइ गीट गाइठ टे कोइ नाचठ । एकओर अविनास ओ सारा डुलहा बगाल खानपिनमे रठैं । सन्ढया खुसि रठि अविनास जाँरडारु कुछ नैपिठैं कैह्के । अपन रोजल ओ खोजल जसिन डुलहा सन्ढया भेटैले रठि ।

राट बिटठ बिहान हुइठ, डुलही लेके बराट फिर्टा हुइना रहठ । डुःखके बाट डुल्हीके परिवारमे सारा जहनके अनुहार डुखी, रुनछुन डेखा पर्ठिन । ओहोर कोंभोकोभो कोन्टिम एक डोसरहे उँक्वार लेके रोइटि रठैं । बिडाइके समय रहठ । यि बेला फेनसे माँगर गाइट सुनमिलठ ।

कहाँ लग मिल्बेरी ढनियाँ कहाँ सम भेंटबे, टोरे घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चालो अपने घरे ।।

एकओर महिलनके आवाजमे असिक सुन मिलठ ।
ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर, ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिलिलेउ सग्गे मयरी ससुइया टोहाँर लगही ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनियाँ कहाँसम भेंटबे, टोरे घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपन घरे । ।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिलिलेउ सग्गे बाबै ससुरुवा टोहाँर लगहि ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे, टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपने घरे ।।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन डाडुहे जेठन्वाँ टोहाँर लगही ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनियाँ कहाँ सम भेंटबे, टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपने घरे ।।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन भौजीहे जेठिन्याँ टोहाँर लगही ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनियाँ कहाँ सम भेंटबे, टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपने घरे ।।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन बाबुहे साली टुहाँर लगही ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे, टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपने घरे ।।

ठाह्री रहो प्रभु ठाकुर मिललिउ अपन भैयाहे साला टुहाँर लगही ।
कहाँ लाग मिल्बेरी ढनिया कहाँ सम भेंटबे, टोर घर परला उटेहली, चह्रो डोलीडाँरा चलो अपने घरे ।।

अस्टके माँगर पैढारके पैढार लगाके गैटि रहिंट । वहाँसे बिडाइ हुइठ । अविनास सन्ढया अपन डुलहीहे हजारौंके माझसे अपन घर नन्ठैं अपन जिन्गीक जोरिया बनैठैं । सन्ढया अपन सारा जिन्गी अविनासहे सांैप डेठिन । अविनासके उँक्वारमे सुटके अपन मनक् बाट कर्ना कर्ठि । अविनास यि जिन्गीक खेल जाने नैसेक्जाइठ । कब कहाँ कहाँ पुगाडेहठ कोइ जाने नैसेकठ । मै सोंच्ले फेन नैरहुँ मै टोहाँर जीवन जोरिया बनम ओ अइसिके हम्रे एक होप । मै यि घरक पटुहिया बनम सोंच्ले फेन नैरहुँ । अविनास टुँ टे महि केवल संघरियाके नाटासे हेरो ना । मने अविनास स्कुलमे कार्यक्रमके बेला टोहाँर प्रटिभा साहित्य रचना बहुट मन परे मनहे छुलेहे । टुँ पुछ्लेसे हरडम कहो । उपरवालाके आशिर्वाडसे हो । अविनास टुँ अपन कलासे साहित्य रचनासे ढेर जहनके मन जिट सेक्लो । हजारौं जहनहे टुँ खुसि पारेसेक्ठो । अविनास मै भगवानसे माँगु कि मोर पटि टोहाँर जस्टे होए । मने मोर भाग्य टुहिन पैना रहे । अविनास मै मनमे सोंचु मै अपन पटिके जिन्गि भर सेवा करम सुखमे डुखमे फेन हरडम साठ डेम । मै अपन ज्यानसे लरम कैह्के सोंचु । आझ मै अपन चाहल जसिन पटि भेंटैले बटुँ कैक सन्ढया अविनासके उँक्वारमे चपटके मनक बाट सुनैटि रठि ।

अविनासके डाइबाबा घरक मनै फेंन सन्ढया जसिन पटुहिया भेंटाके खुसि रठैं । सन्ढया काम कर्नाहा रठि । सारा घरक काम उसर्ले रठि । राट्टि उठ्ना खैना पिना टयार कर्ना, मुर्गी चिंगना, गोरु डांगर हेर्ना, गोबर कहर्ना, अंगना, घर बहर्ना सारा काम उसारिन सन्ढया । बहुट सुःख शान्टि परिवार रठिन ।

डिन अस्टे बिट्टि जैठिन । जब सन्ढया डुइ जिउक होजैठि । टब सरिर लुज हुइ लग्ठिन । आराम कर्नास लग्ठिन । मने सन्ढया पाइ पर्ना सेवा आराम करे पाइ नैसेक्ठि । कारण परिवारम काम कर्ना मनै नैरलक ओरसे । मने सन्ढयाके ससुइया बरे मजा रठिन । डाइबाबाके एक्कठो छावा अविनास किल रठैं । सन्ढयाके सास कठिन पटुहिया टैं मोर छाइ जस्टे हुइटे । मै छाइ टे पाइ नैसेक्नु । टबे आझ महि टुहिन अपन छाइ जस्टे लागठ । मै फेन एकडिन टोर जस्टे अपन घर अपन डाइबाबा, अपन जन्मलक घर गाउँ छोर्के यि घर अइनु । मै फेंन यि घरक पटुहिया हुँ । मोर पटुहिया टैं बन्ले । मै फेन एकडिन टोर जस्टे यि घरेम लावा अइनु टे काम नैजानु पुछे परे । नैजानु टे कहुवा मिले । आनक घर ठरुवा लेके हजार सुने परठ, सहे परठ । मनेम चोट लागठ डुःख लागठ । घरक याड आइठ डाइबाबनके याड आइठ । घरे अपन मनपर्डि घुम्लक खेल्लक जिउ भोज कर्लेसे कहाँ करे मिली । सस्सार अइलेसे यहाँक बाट माने पर्ना रहठ । सास ससुरुवक अपन ठरुवक अढिनमे रहे पर्ना रहठ । सब जहनके सेवा करे पर्ना रहठ । पटुहियक भूमिका यहे रहठ कैह्के सन्ढयाके ससुइया कटि रठिन ओ कठिन मै फेन टोर जस्टे डुइ जिउक हुइनु । अविनास पेटेम रहे उहिसे पहिले बहुट लर्का बचाइ नैसेक्नु । कामक कारण नोडुरनोडुर भर्वा उठैना खानपिन मजासे खाइ नैपैनाके ओरसे बहुट लर्का गुमइनु । पटुहिया टै चिन्टा नाकरिस । अपन सेक्ना काम करिस । जिउसे उप्पर काम ना करिस । खैना चिज खैटि रहिस । बिसैना समयमे बिसाइस अपन जिउक ख्याल ओ बच्चक ख्याल करिस कैह्के सन्ढयाहे सम्झैटि रठिन ससुइया ।

सन्ढयाहे बहुट मैयाँ कर्ठिन ओ बहुट ख्याल कर्ठिन ससुइया । अपन छाइ जस्टे मन्ठिन सन्ढयाहे । सास, पटोरके सम्बन्ढ बरे मजा रठिन । हँस्ठैं रमैठैं सास पटुहिया । हँस्टि रमैटि समयमे अचानक अविनासके मोटरसाइकल डुर्घटनामे पर्के अस्पतालमे बटैं कना खबर सुनके डुनु जहनके खुसी पलभरमे हेरा जैठिन । जबे लग्गन टबे हग्गन कहेहस । एकओर सन्ढयाहे व्यठा लग्ना बेला ओहोर अविनास अस्पतालमे मौट संग लरटहिन । एकओर सन्ढया छावा जन्मैठि एकओर अपन गोसियाहे गुमैठि ।

अविनासके मौटके खबर पाके सन्ढया चिल्लाइ लग्ठि ओ जोरजोरसे रोइ लग्ठि । सन्ढया अपन जिन्गी उज्रल महसुस कर्ठि । मने फेन अपन ससुइयाके मैयाँ पाके ओ छुटिमुटि बच्चा अविनासके मैयाँके पहिल पहुराके ख्याल कर्ना बहै्रना ओकर भविष्य बनैना ओ डाइक जिम्मेवारी पुरा कर्ना सोंच्ठि । अविनासके एकएक बचनहे समझके सन्ढया उहे घरेम जिना, उहे घरेम मुना अपन सास ससुइयाके हेरचाह कर्ना कैह्क बचन करलेठिन ।

सन्ढया सुखडुखमे अपन ससुइयक मैयाँ साठ पैठि रठि । एकठो डाइके मैयाँ जस्टे ससुइयाके मैयाँ पाके घरसे कहँु नैजैना निर्णय करलेठि । अपन ससुइयाके यि बाट सुनके सन्ढयाके सास ससुर्वा खुसी हुइठैं । खुसीके आँस गिरजैठिन ओ सन्ढयाहे अपन छाटिम लगाके सन्ढयाहे ढन्यवाड छाइ कटि खोब रोइठैं । सन्ढयाहे अविनासके कहल बाट याड अइठिन । सन्ढया मोर कुछ होजाइ कलसे डाइ बाबाके मजासे ख्याल कर्हो । मै ओ टुँ बाहेक इनके साहारा औरे कोइ नैहुइठ । टोहाँर ओ मोर आसामे जियल बटैंै । घर छोर्के कहुँ ना जैहो बिन्टि बा सन्ढया कैह्के अविनास कले रहिंट । सन्ढया अविनासके सामु करल बाचा पुरा कर्ठि । उह घर अपन ससुइया ससुरुवाके रेखडेख कना ओ छावा विवसहे हुर्कैनामे लागजैठि ।

सन्ढया जवान रठि । बीस बाइस बरसके । सन्ढया अपन जवानीहे चोखा ढर्ले रठि । अविनासके बचन ओ मैयाँमे जीवन बिटैटि रठि सन्ढया । मने सन्ढयाके ससुइया ससुरुवाहे सन्ढयाके अक्केली रना ओ जिन्गी कटैना कर्रा डेख्के सन्ढयाहे अक्केली कवाइल डेख्के मजा नैलग्ठिन । डुनुजे सल्लाह करलेठैं । पटुहियक् लग जोरिया ओ अपन लाग छावा खोज्के लन्ना कैह्के । सन्ढयाके ससुइया ओ सल्लाह कर्के सन्ढयाहे सुनैठैं । यि बाटसे सन्ढया फेन राजी हुइठि । सन्ढया अपन जिन्गिक लम्मा सफर सम्झठि ओ अविनासके कहल बाट याड अइठिन । डाइ बाबाके ख्याल करहो जब सम रहि टब सम ।

सन्ढया औरे जीवन जोरियाके संग रलेसे फेन अविनासके मैयाँ भरल शब्ड ओ अविनासके बचनके पालन कर्ठि । अविनास अपन जन्म डेना डाइबाबाहे बहुट मैयाँ करिंट ओ आडर सम्मान करिंट । ओ बनैना वालाहे हरडम ढन्यवाड डिंट । यि डुनिया हमार डुइ डिनके घर हो । हम्रे यहाँ पहुनी खाइ आइल जस्टे बटि । आझ बटि काल्ह नैरहे सेकब । आघेपाछे एकडिन जरुर स्वर्गमे सबजे भेंट होब कैह्के अविनास अपन परिवारहे सम्झाइँट् ।

सन्ढयाके सास ससुरुवा एकठो छावा बनाके जीवन जोरिया बनाडेले रठिन । सन्ढया ओ सुसिल एक डोसरहे अपन गोसिया ओ गोसिनियाँ होके ढयान डेठैं । डुनुजे अविनासके डाइबाबाहे अपन डाइ बाबा मानके सेवा सुसार कर्ना बाचा कर्ठैं । सन्ढया ओ सुसिल छावा विवसके भविष्यके बहुट ख्याल कर्ठैं । सुसिल विवसहे अपने छावा मानके पुरा मैयाँ डेठैं । सन्ढया अपन उ घरक पटुहियाके पुरा जिम्मेवारी पुरा कर्ठि । असिके उ घरेम फेनसे खुशी घुमके आजैठिन ओ सारा परिवार एक डोसरमे रमाइ लग्ठैं । ओराइल ।

संगम चौधरी
पुनर्वास २ कंचनपुर

पटुहिया

संगम चौधरी