मन बहलैना थारुगीत

रेनुका चौधरी
३० भाद्र २०७८, बुधबार
मन बहलैना थारुगीत

मन बहलैना थारुगीत

१.लसुनक् पटिया किनारा लागल गटिया ।
हाइ मोर साली लसरलसर करली ।।

२.छुटिमुटी टलुवामे बक्टी बोले कोंककोंक ।
अझकलिक बठिनियन बरा चोंकचोंक ।।

३.छुटुमुटु खोल्टामे मच्छी चम्के ।
मोर भाटुक हाँठमे घरी चम्के ।।

४.छुटुमुटु टोपीमे गुल्यार फुनना ।
गोचनके अंगनामे मोर खेलना ।।

५.बाबु भैया गोंडा बिने गइलैं ।
सुपली हेरवाके रोइटी घरे अइलैं ।।
रेनुका चौधरी

मन बहलैना थारुगीत

रेनुका चौधरी