छाइके जनम

ठाकुर अकेला
११ आश्विन २०७८, सोमबार
छाइके जनम

छाईके जनम


भात भन्सा अँगना बारी कर्ना किल टोहार काम नै हो
दिलके दकढिउरी डन्डौर पर्ना किल टोहार काम नै हो


लावा जुगजमानाके धानी हुइटो जिन बिस रैहो
पियक प्यास मेटा डर्ना किल टोहार काम नै हो


धानी हे अपन खेलौन बनैना मन ओ समाज हे
सुख दुख के पीडा सह ढर्ना किल टोहार काम नै हो


डहरचण्डी मैया जस्ते बन के समाज फेरे परी
डेउटन्के पाटामे दिया बर्ना किल टोहार काम नै हो


जिन डगमगैहो गोरा लक्ष्य मे गोहीन् के साथ बा
ई समाज डरले हेर्ना किल टोहार काम नै हो


ठाकुर अकेला
मनाउँ –८, लौरंगा, बर्दिया

छाइके जनम

ठाकुर अकेला

मनौउं -८, लौरंगा , बर्दिया