संविधान कहिया ?

रामप्रकाश चौधरी ‘अन्धकार’
१३ आश्विन २०७८, बुधबार
संविधान कहिया ?

कविता



माग्के पैना ठाँउमे बटो
डेके खैना ठाँउमे बटो
टुँ जोगी हो कि दाता
चलाख हो कि लाटा
हे ! सभासद्ज्यू
नेपालीनके भाग्य विधाता
र्खै ! हमार संविधानके खाका ?

पाँच करोडके माग रहे
एक क्षेत्रक ऊ भाग रहे
आन्दोलन कैलो ओक्रेलग्
आन्दोलनकारी बन्के
हे ! सभासद्ज्यू
संविधानके ज्ञाता
खै ! हमार संविधमनके खाका ?

भागमे परल एक करोड
पाँच करोडके चल्टी रहल जोर
टुँ संविधान खरिदकर्ता हो कि
या निर्माता
हे ! सभासदज्यू
संविधानके जनम् दाता
खै ! हमार संविधानके खाका ?

सवाल सुन्लोे या नै सुन्लो
सवाल बुझलो या नै बुझलो
संघीयतासे देश टुक्रा परी
दिमाग हुइलक लोग
पहिचानसे मारकाट हुइ
भ्रम पाल्के बैठुइया लोग
यी विचार गलत बा टोहार
खण्डित कैना भित्री चाहना हो टोहार
एक डोसरहे देखैटी
संविधान बन्ही नैडेना
खेल हो या खेलमस्टी

हे ! सभाउद्ज्यू
संविधानके दाता
खै ! हमार संविधानके खाका ?

नेपाल गौतम बुद्घके देश
शान्ति ओ अहिंसाके पुजारी
नेपाल सगरमाथाके देश
अटल अडिग स्वाभिमानी
नेपाल भृकुटी ओ सीताके देश
सब्के साझा फुलवारी
लिख्न काकरे अन्कनाइटो
यी देश सब्के हो
काकरे डराइटो
हे ! सभासद्ज्यू
पहिचानसहितके संघियता
खै ! हमार संविधानके खाका ?

जनतनके कौनो बात नै सुन्ठो
मै हुँ कहुइयनके भाग नै मिल्ठो
जेठ १४ क वचन पुरा नै कैलो
मोर लावा वरस माघ आइल, गैल्
माघ ८ मे संविधान घोषण कैना भाखा
हे ! सभासद्ज्यू
खै ! हमार संविधानके खाका ?


रामप्रकाश चौधरी ‘अन्धकार’
गोवरडिहा – ६ द्यौखरदाङ

संविधान कहिया ?

रामप्रकाश चौधरी ‘अन्धकार’

गोवरडिहा – ६ द्यौखरदाङ