गित
चाहे ढरटी सटहसे हिल्जाए,
पट्ठर चाहे ठाँउसे डोल्जाए,
लेकिन टोहाँर मैया प्यार ना डोले ।
हावा चले सुर–सुर गगनमे,
टारा चम्के चमचम गगनमे,
पंक्षी घुमे फँटुवा और रनबनमे,
इ डिल घुमे फनफन हजुरके नयनमे,
चाहे टारा ढर्टिमे बिलिन होजाए,
पंक्षी चाहे रनबनमे भुल जाए,
राट सुन्डर पुर्निके राट के बेला
बिहान सुन्डर सुर्योडयके लाली किरनके बेला
मौसम सुन्डर बसन्ट रिटुके के बेला
साली सुन्डर मढुर मुस्कान के बेला
चाहे राट, डिनमे बडल जाए
मौसम चाहे बेमौसममे बडल जाए ।
लेकिन टोहाँर मैया प्यार ना डोले ।
– मोहनलाल चौधरी
धनगढी, कैलाली