अपन अस्तित्व ओ पहिचान बचाइ

कालु राम चौधरी
२० आश्विन २०७८, बुधबार
अपन अस्तित्व ओ पहिचान बचाइ

गजल
सक्कु युवा लरी हम्रे संघर्षक् लराइ ।
अपन अस्तित्व ओ पहिचान बचाइ ।

हेरैटी जाइटा चालचलन रीतिरिवाज,
आई गोचाली अपन लगाम लगाइ ।

मेहनती थारु हम्रे आदिबासी हुइटी,
मर्वक् भुट्भुटाइल देव दुर्गा जगाइ ।

सँस्कृतिसे भरल – पुरल बटी थारु हम्रे,
लेहंगा फरिया गहनासे समाज सजाइ ।

पुर्खनके सिरजाइल इहे सम्पत्ति हो,
सजना मेना धमार माँगर गीत गाइ ।

कालु राम चौधरी
मसुरिया ४ लिक्मा, कैलाली

अपन अस्तित्व ओ पहिचान बचाइ

कालु राम चौधरी

मसुरिया ४ लिक्मा, कैलाली