डाइबाबा हम्रन जलम डेके इ दुनियाँ डेखैनै ।
जिन्गीके लाग सारा दुख पीरा टक बिसरैनै ।
हम्रे सब बात बिसरा गैलि हम्रे जब रोइ टब,
सक्कु ढन्ढा छोर्के डाइबाबा हम्रहन खेलैनै ।
अपन डाइबाबन्के कर्जा कबु उटारे नैसेकब,
बाबा मिठ खवैनै टो डाइ कोनम् दुध पिवैनै ।
जब रातके हमार निन्ड नैपरे टब पुरान पुरान,
राजा रानीनके मिठमिठ कहानी सुनैटि सुटैनै ।
हाँठमे हाँठ जोरके हमार पौलीसे पौली मिलैटी,
टाटे टाटे कहटी अंगनामे ढिरे ढिरेसे नेगैनै ।
तिलक डंगौरा
जानकी गाँउपालिका –१ दुगौली कैलाली