हमार चारुओर घुमता यी कोरोना काल आझकल ।
धनी धनी हुईटै गरबि कहाँ पैही रोटी दाल आझकल ।।
देश खुब गरम बा राजनिति कुर्सीक खिचातानीसे ।
कोरोनामे फे राज नेतानके ऐसिन ताल आझकल ।।
अपन मनै चिन्ह चिन्ह कोरोनाक खोप लागथ यहाँ ।
पहुँव नाई रहल जनताके के पुछी हाल आझकल ।।
अस्पतालमे दवाई ओ अक्सिजनके कमी हुईल बेला ।
कालाबजारीसे मालामाल हुईटै दलाल आझकल ।।
कोरोना खोपके पहुँचसे दुर बाटी छोट जनता हमे्र ।
बिना कामके नबर्हाई यहोर ओहर चाल आझकल ।।
असिराम डंगौरा
जोशीपुर–५,सिमराना