कविता
नेपाली अनुहार
कुछ मनै
आँख लाल डेख्लाँ
जाँर पियठ कहलाँ ।
कुछ मनै
ढेबर करिया डेख्लाँ
सिकरेट पियठ कहलाँ ।
मुले मै जाँरडारु नैपिठुँ
पिउइयनहे नापिहाे कहठुँ
सिकरेट पिउइयनहे फें
राेग लागठ
जिन पियउना कहठुँ ।
गुरुङ डाडु
गुरुङहस् डेख्लाँ
भयवा गुरुङ हुइ ? पुछ्लाँ ।
मगरिनियाँ डिडि
मगरहस् डेख्लि
मगर स्याउ लिजे ? कहलि ।
थारू डाडु फें
थारूहस् डेख्लाँ
थारू भासम् बाट कैलाँ
का बा भैयु हालचाल ?
कुमालनके
कुमाल जाे कहलाँ
जिउजिउ कैलाँ
मै फें जिउ हजुर कहलुँ ।
कुछघरि आघे
अपन अनुहार ऐनम् हेरलुँ
अक्केठाे अनुहार
कसिके गुरुङहस् बिल्गठ ?
कसिके मगरहस् बिल्गठ ?
कसिके थारूहस् बिल्गठ ?
कसिके कुमालहस् बिल्गठ ?
फेर साेच्लुँ,
नेपाली अनुहार अस्टेटे बिल्गठ हुइ ।
गुरुप्रसाद कुमाल ‘बुलबुल’
लमही नगरपालिका-४ सेमरहवा, दाङ डेउखर