नेपाली अनुहार

गुरुप्रसाद कुमाल 'बुलबुल'
९ फाल्गुन २०८०, बुधबार
नेपाली अनुहार

कविता
नेपाली अनुहार 

कुछ मनै
आँख लाल डेख्लाँ
जाँर पियठ कहलाँ ।

कुछ मनै
ढेबर करिया डेख्लाँ
सिकरेट पियठ कहलाँ ।

मुले मै जाँरडारु नैपिठुँ
पिउइयनहे नापिहाे कहठुँ
सिकरेट पिउइयनहे फें
राेग लागठ
जिन पियउना कहठुँ ।

गुरुङ डाडु
गुरुङहस् डेख्लाँ
भयवा गुरुङ हुइ ? पुछ्लाँ ।

मगरिनियाँ डिडि
मगरहस् डेख्लि
मगर स्याउ लिजे ? कहलि ।

थारू डाडु फें
थारूहस् डेख्लाँ
थारू भासम् बाट कैलाँ
का बा भैयु हालचाल ?

कुमालनके
कुमाल जाे कहलाँ
जिउजिउ कैलाँ
मै फें जिउ हजुर कहलुँ ।

कुछघरि आघे
अपन अनुहार ऐनम् हेरलुँ
अक्केठाे अनुहार
कसिके गुरुङहस् बिल्गठ ?
कसिके मगरहस् बिल्गठ ?
कसिके थारूहस् बिल्गठ ?
कसिके कुमालहस् बिल्गठ ?
फेर साेच्लुँ,
नेपाली अनुहार अस्टेटे बिल्गठ हुइ ।

गुरुप्रसाद कुमाल ‘बुलबुल’
लमही नगरपालिका-४ सेमरहवा, दाङ डेउखर

नेपाली अनुहार

गुरुप्रसाद कुमाल 'बुलबुल'