गजल

सागर कुस्मी "संगत"

गजल

१५ फाल्गुन २०८०, मंगलवार
सागर कुस्मी

गजल

११ पुष २०८०, बुधबार
अशोक रस्टेहवा

टोहाँर महल मोर घर बहुट फरक बा ।

९ पुष २०८०, सोमबार
गणेश चौधरी

रंङ्गिन रह जिन्गी अन्ढार हुइटी जाइटा

१८ मंसिर २०८०, सोमबार
अस्मिता चौधरी

लेहेंगा चोलिया लगैना मन परठ

२६ आश्विन २०८०, शुक्रबार
सागर कुस्मी

गजल: गुरही बिसेस

४ भाद्र २०८०, सोमबार
सागर कुस्मी

गजल: पुग्ना ठाउँ जैना समय लागठ

३२ श्रावण २०८०, बिहीबार
कोपिला शर्मा

गजल: जिनगी लम्मा हो कि कहानी बुझे नैसेक्नु

३० असार २०८०, शनिबार
सागर कुस्मी

गजल: मै डुर हुइटुँ

२८ असार २०८०, बिहीबार
दिपक चौधरी

मोर बुर्हिया अकेली बियार काटट हुइहीं

९ असार २०८०, शनिबार