गजल

सागर कुस्मी

गजल: गुरही बिसेस

४ भाद्र २०८०, सोमबार
सागर कुस्मी

गजल: पुग्ना ठाउँ जैना समय लागठ

३२ श्रावण २०८०, बिहीबार
कोपिला शर्मा

गजल: जिनगी लम्मा हो कि कहानी बुझे नैसेक्नु

३० असार २०८०, शनिबार
सागर कुस्मी

गजल: मै डुर हुइटुँ

२८ असार २०८०, बिहीबार
दिपक चौधरी

मोर बुर्हिया अकेली बियार काटट हुइहीं

९ असार २०८०, शनिबार
सागर कुस्मी

इ भगनवाँफें कैसिन तक्दिर डेहल

५ असार २०८०, मंगलवार
सन्देश दहित

पानी निबरसक हैरान बा खेट्वा आँखर होके

१ असार २०८०, शुक्रबार
बलराम चौधरी

काहे ऐसिन मै पहिलबार सोंचलेले रहुँ

३२ जेष्ठ २०८०, बिहीबार
बलराम चौधरी

अपन ढकढिउरम ढर्ना मन लागल

३१ जेष्ठ २०८०, बुधबार
बलराम चौधरी

गजल-समाधान खोजटा

२४ जेष्ठ २०८०, बुधबार