गजलभाषा संस्कृतिक साहित्यके मुल फुटैटी आउ शुभकामना बावै ।सब मनैन अक्के मालामे गुँठके जुटैटी आउ शुभकामना बावै। अइसिन बनाउँ स्टेज दर्शक लोगनके मनमे हलचल मच जाए,पुरान संस्कृतिक ढमार, मागर, बजैटी आउ शुभकामना बावै । मिठ मैगर साहित्यसे सारा माहौल मन्के नाचगानसे राहरंगी बने,झुम्रम, सखियम, मघौटम फेन ...
ढमार गीत सुनो सैयाँ हो मोर जिन्जाउ बिडेस कमाइ हो ।नोन भाट कप्वा घरहिँमे खैबि संगसंग जिनगि बिटैबि हो ।सुखडुख...
कविताकटना सुग्घर बटो नेपाल डाइ उत्तर पाँजर ढौरागिन पहरवा ढकढक उज्जर ।चाँदिक गहनासे भरपुर बा तलतल टल्केहस...
गजलछोर्के जैबो महिन टुँ जिट्टि नै पैबो ।खोज्बो इ डुनियाँमें कहुँ नै भेटैबो । खुस नै रहबो डुर होके महिनसे...
कैलाली जिल्लाके लम्कीचुहा नगरपालिका वडा नम्बर ६, गुलरा कैलालीके गायिका समीक्षा चौधरी थारु गायिकामध्ये एक...
अभिन छोटे रहुँ । मने जानेजुकुर होगैल रहुँ । बुडुक् महा डुलारु रहुँ । छोटेमे बुडुक् संग कबु बन्सी लगाइ टे कबु...