गहिर चोट भिट्टरके अझकल डुख्बे नैकरठ

अनिता चौधरी
३२ जेष्ठ २०८०, बिहीबार
गहिर चोट भिट्टरके अझकल डुख्बे नैकरठ

मुक्तक
टुँ मोर मै टोहाँर बन्के जिन्गीक लडिया टरप ।
दुखपिर जत्राफें एक डोसर्के आधार बन्के सरप ।
जिन्गीक पौली जहाँसम जाइ टोहाँर संग प्यारा,
आइ कलेसे खुशी छोट छोटफें मैयाँसे ढरप ।

मुक्तक
गहिर चोट भिट्टरके अझकल डुख्बे नैकरठ ।
पटा पैनु बिना स्वार्थके कोइ रुक्बे नैकरठ ।
अमुल्य उपहार भगवानके अक्केली रना मोर,
सायद दुख बिना जिन्गी मोर आब चल्बे नैकरठ ।

गहिर चोट भिट्टरके अझकल डुख्बे नैकरठ

अनिता चौधरी