बातचित घरके १६ भाग मुक्तक विशेष हुइल

सागर कुस्मी
२६ फाल्गुन २०८०, शनिबार
बातचित घरके १६ भाग मुक्तक विशेष हुइल

बातचित घरके १६ भाग मुक्तक विशेष हुइल

सागर कुस्मी
धनगढी ।
बातचित घरके लग्टार महिन्वाँरी कार्यक्रम १६ भाग उसरल बा । फागुनके ओरौनी सनिच्चरके रोज थाकस कैलालीके सभा हल (बातचित घर) मे मुक्तक विशेष वाचन हुइल हो ।

समसमायिक बातचितहे समेटके रचल मुक्तकहे लेके लावा लावा स्रस्टनसे मुक्तक वाचन कैगैल रहे । मुक्तकमे देशके परिस्थिति, राजनीतिक अवस्था, सांस्कृतिक चिन्तन, सामाजिक चेत, सामाजिक रुपान्तरण, जनचेतना, प्रेरणा, भाव ओ सन्देश मुलक मुक्तक सुनागैल रहे ।

इ कार्यक्रममे कन्चनपुरके युवा स्रस्टा शितल चौधरी, अन्जली गमुवाँ, कैलालीके युवा स्रस्टा रबिता महतो, शिव कठरिया, संजय चौधरी, अर्पण चौधरी, सुशील चौधरी, दिपक चौधरी, अनिल कुस्मी लगायत डुइ डुइठो मुक्तक सुनैले रहिंट ।

अस्टेके कार्यक्रमहे फिलिम निर्देशक चन्द चौधरी ‘चाँद’, फिलिममे निर्देशन करल कुछ अनुभवके बात बटवैटी गीत गाके कार्यक्रमहे ढेर चौंकस करैले रहिंट । बातचित घरमे हुइना कार्यक्रमसे प्रभावित होके अपन लेखनमे रुचि बर्हटी गैल ‘चाँद’के कहाइ बटिन । अइना दिनमे अस्टे अस्टे लग्टार कार्यक्रम हुइटी रहि कलेसे थारु भासा साहित्यमे कलम चलाइ सेक्ना उहाँ बटैलैं ।

बातचित घरके साहित्यिक चिराकी, हरचाली त्रैमासिकके प्रकाशक-सम्पादक साहित्यकार सागर कुस्मी ‘संगत’ बातचित घरके कार्यक्रम हुइल दिनसे साहित्यिक रचना सिर्जैनामे ढेर जोस जाँगर आइल बटैलैं । उहाँ कलैं, इहिसे अपन लेखनके विकास ओ ढेर सिकाइ हुइल बा, लावा लावा स्रस्टा ओइने जलम हुइल बटिन । बातचित घरके हरेक कार्यक्रममे लावा लावा लेखक ओइनके सहभागी हुइटी रहल उहाँके कहाइ बा ।

भाग १६ हे सफल पारडेलकमे सक्कु सहभागीनहे बातचित घरके किसनुवाँ माधव थारु सैगर धन्यवाद डेलैं । उहाँ कलैं, बातचित घरके कार्यक्रम साहित्यसे जोरके मेरमेराइक कार्यक्रम कैना योजना बा । हरेक कार्यक्रम विशेष बनाइक लाग फरक फरक क्षेत्रमे डखल हुइल मनैंनहे नेउटके कार्यक्रम कर्टी आइल बटैलैं । अइना दिनमे हुइना हरेक कार्यक्रमहे नैछुटाइ पर्ना अर्जि फेन करलैं ।

अइना चैत महिनाके २४ गते बातचित घरके जलम दिनके मौकामे वार्षिक उत्सवहे भव्य ओ सभ्य रुपमे मनाइक लाग डरगरके सामाजामा हुइटी रहल बातचित घरके बरघर ठाकुरप्रसाद करियाप्रधान जनैलैं ।

बातचित घरके १६ भाग मुक्तक विशेष हुइल

सागर कुस्मी