लेहेंगा चोलिया लगैना मन परठ

अस्मिता चौधरी
२६ आश्विन २०८०, शुक्रबार
लेहेंगा चोलिया लगैना मन परठ

गजल
लेहेंगा चोलिया लगैना मन परठ ।
अपन पहिरन बचैना मन परठ ।

आधुनिकीकरण जत्रा अइलेसेफें,
माठेमे मगिया सजैना मन परठ ।

पिजा बरगर बियर भोटका खैलेसेफें,
मनो उहे ढिकरी खवैना मन परठ ।

डिजे बाजामे ड्याङ्डुङ्ग नचलेसेफें,
मँडररियाहे मंडरम नचैना मन परठ ।

दुई अर्थ लगना बाटसे हँसैलेसेफेन,
सोंग डेखाके सक्हुन हँसैना मन परठ ।
अस्मिता चौधरी
भजनी ३ कैलाली

लेहेंगा चोलिया लगैना मन परठ

अस्मिता चौधरी