गजल

संगम चौधरी

गजलः मनके आँखी उघार डेहो

४ जेष्ठ २०८०, बिहीबार
संगम कुस्मी

गललः प्रयास सफल हुए टोहाँर

१ जेष्ठ २०८०, सोमबार
एच एम परिश्रमी

गजलः अक्केसँग नेँगाइ हुइठ टे

१ जेष्ठ २०८०, सोमबार
ठाकुर अकेला

गजलः गरीब घरक छावा हेरो उ बुट गइल

२८ बैशाख २०८०, बिहीबार
महेश कुचिला

गजलः गोन्द्री बिछाक का पैलो

२८ बैशाख २०८०, बिहीबार
सागर कुस्मी

गजलः सखिया झुम्रक टार मजा लागठ

१७ बैशाख २०८०, आईतवार
श्याम शराबी

गजल: जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ्

१५ बैशाख २०८०, शुक्रबार
निसा नमुवाँ

जट्रा डुख्लेसेफें हृदय हाँसक निछोर्लो

१२ बैशाख २०८०, मंगलवार
सागर कुस्मी

महंगी बर्हटी बा लर्कन पर्हैना कर्रा बा

११ बैशाख २०८०, सोमबार
सलिन चौधरी

रातदिन दुःख कैके अपन भविष्य बनाइटुँ मै

१० बैशाख २०८०, आईतवार