गजल: जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ्

श्याम शराबी
१५ बैशाख २०८०, शुक्रबार
गजल: जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ्

गजल

महि लागठ जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ् ।
सक्कु मनैनके विचार वस्ट वस्ट नैरहठ् ।

मन कहठ बिन काम कर्ल ऐस किल करुँ,
मुले संघर्ष बिनाके भविष्य स्पष्ट नैरहठ् ।

सायद सक्कु जहन्क सोंच अक्क हुइट ट,
इ समाज इ दुनियाँ कब्बु भ्रस्ट नैरहठ् ।

घुसखोरी ओ नातावाद जर नैगारट ट,
हमार डेस वर्षौंसे जस्टक टस्ट नैरहठ् ।

धनी गरीब बिचके डेवाल ढ्यांग नैरहठ ट,
इ शराबी कब्बु शराब पिक मस्ट नैरहठ् ।

श्याम शराबी
राजापुर–४ बर्दिया

गजल: जिन्गी सोंचल जस्ट नैरहठ्

श्याम शराबी