‘व्यवसायिक कलाकार बन्ना बहुत कठिन बा’

रोशन रत्गैंयाँ
२६ चैत्र २०७९, आईतवार
‘व्यवसायिक कलाकार बन्ना बहुत कठिन बा’

‘व्यवसायिक कलाकार बन्ना बहुत कठिन बा’

दाङ जिल्लाके दंगीशरण गाउँपालिका वडा नम्बर ४ मौली गाउँके गायक रोशन रत्गैंयाँ, थारु गायक मध्य एक हुइँट । सुमधुर स्वर, कला, गला खानी रोशन रत्गैंयाँ २०४७ साल जेठ महिनाके १ गते इ धर्तीमे गोरा टेकलैं । थारु आधुनिक गीत ओ लोक गीत गाके सांगीतिक क्षेत्रमे नाम ओ दाम कमाइल गायकाके रुपमे स्थापित हुइल बटैं । ओहकान गाइल गीत २ दर्जन थारु ओ आधा दर्जन नेपाली गीत गासेक्ले बटैं । हाल उहाँे काठमाडौंहे कर्म थला बनाके सांगीतिक क्षेत्रमे आघे बर्हटी बटैं । इहे क्रममे समसमायिक विषयमे सागर कुश्मीसे करल छोटमिठ बातचित यहाँ प्रस्तुत कैल बा ।

१.अप्ने गायन क्षेत्र ओर कहियासे लगली ? गीत गैना आशिर्वाद कहाँसे मिलल् ?
गैना ट मै २ कक्षा पर्हबेरसे गाऊँ । तर औपचारिक रुपम २०६८ सालमे पहिल गाना रेकर्ड करैनु । पहिलो गीत ‘तिमिले मुटु टुक्रा पार्यौ नि माया गर्छु भनी’ कना गीत हो । जौन गीत महिला आवाज मे अन्जु पन्त फे गैले बाटी । गीत गैना आशीर्वाद खासमे थारु गाउँके डस्या, माघ जसिन टरटिहुवारमे हुइना नाचगानसे सुरु हुइटी मोर डाइ गैना ओ मन्डरा बजाइट डेख्के, अग्रज कलाकार गायक नारायण गोपाल, रामकृष्ण ढकाल, यम बराल, राजेश पायल राइ, लगायतके गीत रेडियोसे सुन्के आउर गैना उर्जा मिले ।

२.अप्नेक बाल्यकाल कैसिक बिटल बटा डिना ? जिन्गीमे सबसे यादगार पल कुछ बा, जौन कबुनै भुले सेक्ना ?
मोर बाल्यकाल सामान्य बिटल । मै पैह्लेसे सोझ रहुँ । गीत गैना नच्ना रमाइलो कर्ना मन पर्ना ओर्से जहाँ कार्यक्रम होए उहैं जाउ मै । अपन स्कुल किल नाही, जौन स्कुल, कलेजमे कार्यक्रम होए उहैं स्कुल, कलेजके बिद्यार्थी बन्के गीत गाए जाउँ मै । मोर संघरियन बलाइँट अपन अपन स्कुलमे । बहुत रमाइलो रहे बाल्यकाल । स्कुलमे गीत गैना, गाउँमे संघरियनसे नाचगान कर्ना । बाल्यकालके अविस्मरणीय क्षण कलेक मै ८ कक्षामे पर्हेबेर तुल्सीपुर अपन पहर्ना स्कुल बङ्क कर्के ठनिक दुर नारायणपुर फिलिम हेरे गैली एक्ठो संघरियासे । माया नमार कना फिलिम लागल रहे । उ फिलिमके गाना एक्दम मजा मजा रहे । उहेमारे हम्रे साइकिलमे ओट्ना दुर फिलिम हेरे गैली ताकी तुल्सीपुरके मनै कौनो क्लास छोर्लेक नाडेखिंट कैह्के । उहे फिलिम टे तुल्सीपुर फेन लागल रहे रना टे । उ पल अविस्मरणीय बा ।

३.गीत संगीत क्षेत्रमे लागके का पैली ओ का गुमैली ?
गीत संगीत मोर रुचि चाहना ओ प्यासन अन्तर्गत परठ । प्राय मै ढेर पाइल बटुँ । नाउँ बा, सबजे चिन्ठैं ओ अपन छुट्टे पहिचान बनैना कोसिसमे बटँु । सबसे बरा दर्शक श्रोताके मैंयाँ पैले बटुँ । दाम अर्थात कमाही टे ओट्ना नैहो तर सबसे बरा सक्कुनके मैंयाँ हौशला पैले बटँु । गुमैना खासे गुमाइलहस् नैलागठ । तर फेन मै डिग्री समके अध्य्यन कर्ना मौका पैनु । घरके मनै जागिर काहे नैखाइठुइटे कठैं । मोर संगक् संघरियन कौनो सरकारी जागिरके मजामजा पोस्टमे, कौनो बैदेशिक रोजगारमे युरोपियन कन्ट्रीसे करोडौ कमाके बिल्डिङ घर जोर्ले बटैं । गाडी जोर्ले बटैं । कौनो बैङ्क, संघसस्था ओ अपन बिजनेस कर्ले बटैं । आर्थिक रुपमे महिसे ढेर आघे बिल्गैठैं । मै यी लाइनमे आके और संघरियनके जस्ते लाइफ गुमैनु की जैसिन अपन मनमे लागठ । तर फेन नाम बा । दाम टे ढिरेसे हुइ कना आशा लागठ ।

४.अप्ने सक्कु मेराइक गीत गाइल डेख्जाइठ । खास कैके कसिन गीतहे प्राथमिकता डेठी ? खास कैके कैसिन गीत मन परठ ?
मै सक्कुमेरके गीत गैठुँ । तर खासमे मोर क्लासिकल तथा सेमि क्लासिकल गीत गैना मन परठ । मोर बेसफें क्लासिकल म्युजिक के हो । मै ३ बरससम् काठमाडौमे क्लासिकल म्युजिक अध्ययन कर्ना मौका पैनु । औरे गीत फेन मन परठ । अपन लोक भाका गैनाफें मन परठ । पप ओ र्याप फेन गैठुँ कबुकाल्ह ।

५.अपन गाइल गीत मध्य सबसे मन पर्ना गीत कौन हो ?
मोर गाइल मध्य लोक अर्थात कल्चरल गीतमे ‘ए हाँ री’ कना महोट्या (झुम्रा) आधुनिकमे सेमि क्लासिकलमे ‘सितरी बयाल बहल मनम बहार छाइल’ मन परठ । ओस्टेके नेपाली भाषाके मोर पहिल गीत गीत ‘तिमिले मुटु टुक्रा पार्यौ नि माया गर्छु भनी’ कना मन परठ । मै दुई दर्जन थारु ओ आधा दर्जन नेपाली गीत गासेकले बटुँ ।

६.गीत गाके यहाँसम पुगसेक्ली । इ समयमे कैसिन कैसिन दुख, समस्या ओ बाधा आइल ?
यहाँसम पुग्नु । अभिन पुग्ना डेस्टिनेसन बाँकी जो बा । पक्काफें यहाँसम पुग्ना ओट्ना सहज नैरहे । संघर्ष करेक परठ । दुख कस्ट आइठ हरेक क्षेत्रमे सफल हुइकलाग । मोर एसएलसिके बाद घरक डाइ बाबा ११ कक्षामे साइन्समे नाउँ लिखा डेले रहैं । तर मै ६ महिना साइन्स छोर्के चिप्पेचिप्पे एजुकेसन इङ्लिसमे ट्रान्स्फर कर्के बिषय चेन्ज करलेनु । ओसटेके संगीत क्लास ओ एफएम (दाङके मध्य पश्चिम एफएम) जोइन कैनु । बिहान कलेज, दिनके एफएम । साँन्झके म्युजिक क्लास ११÷१२ मे पर्हेबेर फेन । ब्याचलर पास कर्के काठमाडौं फेन डिग्री पर्हे जाइटुँ कैह्के घरसे नम्नुु । तर डिग्री पहर्नासे ज्यादा संगीत क्लास जैनामे ध्यान डेहे लग्नु । भुख्ले पियासे ढेर नेंगले बटँ । २०७१ सालमे मै काठ्मान्डौ अइनु । कर्मथलो बनैनु । २०७२ साल भुकम्पमे फेन काठमाडौमे बहुत दुख पागैल । एक्चो उहे सालमे मै म्युजिक क्लास जाइटहँु साझके गोझुम टे जम्मा १५ रुपिया बा । म्युजिक क्लास जैना किल १५ रुपिया भाडा लागे । जाउँ कि नाजाउँ दोधारमे पर्नु । टब फेन गैनु । जाइबेर भाडा पुगल । घुम्ना बेला रात होजाए । नेंगटी कालिकास्थान अनामनगरसे भक्तपुर अइनु २ घन्टा लागल । बरा दुख लाग ढेर समय नेंगटी आइल रहुँ उ ब्याला । दुख कस्ट सक्कु क्षेत्रमे सफल हुइकलाग करेक परठ ।

७.एक्ठो सफल गायक बनक लाग का का करे परठ ? संगीत साधना कहाँसे सिख्ली ?
सफल गायक हुइकलाग पहिले टे अपन रुचि बेजोड हुइ परल । प्यासनेड हुइ परल । गड गिफ्ट भोकल हल्का सुनेक लाग ठिक हुइक परल । साधना अर्थात सिखेक् परल । संगीतके कुछ ज्ञान लेलेसे सफल हुइना सहज हुइठ । हचुवाके भरमे अइनासेफें कुछ बुझके ओ सिख्के आइबेर टिकाउ हुइठ । मै सुरुमे दाङमे २०६४ सालमे एक बरस पशुपती संगीत पाठशालामे सिख्नु ओ २०७१ सालसे श्री संगीत पाठशाला काठमाडौंमे ३ बरस क्लासिकल म्युजिक सिख्नु ।

८.गायन बाहेक आउर केहोंर समय बिटाइटी ?
गायक बाहेक मै म्युजिक एरेन्जर (संगीत संयोजन) कैना काम फेन सुरु कैले बटुँ । शब्द लिख्ना, संगीत कैना अस्टे अस्टे संगीतसे जोरल काम जो कैठँु । पुर्ण रुपमे संगीत क्षेत्रमे बटुँ ।

९.मनैंनके जिन्गीमे गीत संगीतहे कैसिक परिभाषित कर्ठी ?
मनैंनके जिन्गीमे गीत संगीत कलेक् आनन्द, रमाइलो, मनोरन्जन लेना माध्यम हो । सुखदुख जैसिन परिस्थितिमेफें गीत संगीत उर्जा डेहठ । आनन्दित बनाइठ । ओसिन टे संगीत कलेक गायन, बाड्य बादन ओ नृत्यके मिस्रन हो । जेकर माध्यमसे हर प्राणीनहे आनन्दित बनाडेहठ ।

१०.अब्बे थारु गीत संगीतके अवस्था कैसिन बा ?
अब्बे थारु गीत संगीतके अवस्था बहुत सुधारोन्मुख बा । संगीतके माहोल थारु समुदायमे मजा हुइटी बा । पहिले गाउँगाउँमे हिन्दी, नेपाली गाना ज्यादा बजाइँट । अझकल थारु गीत संगीत ज्यादा बोलठ । यी खुसिक बात बा तर अभिनफें थारु कलाकार हुक्रे ढेर साथ सहयोग सल्लाह सुझाब ओ हौसला प्रेरणा ज्यादा पाइल नैसेक्ठुँइट । व्यवसायिक रुपमे कमे कलाकार बिल्गैठैं । उ फें अपन ब्यक्तिगत रुपमे रिस्क लेके व्यवसायिक बनल बटैं । आन्तरिक पीडा अभाव टे ढेर बा कलाकारन्के । खासमे लगानी नैउठ्ना समस्या बा । पहिले जैसिन सिडि, क्यासेट बिक्री होके आम्दानी कर्ना जबाना नैहो । युट्युब हो आम्दानी डेना । युट्युबसे ओट्ना ढेर नैआइठ । हमार थारु मार्केट छोट बा । हिन्दी, नेपाली गीतके ओट्ना भिउज नैजाइपाइठ । ओहेमारे व्यवसायिक कलाकार बन्ना बहुत कठिन बा ।

११.अब्बे थारु गीतमे छाडापन बिल्गाइठ इहि कैसिक रोके सेक्जाइ ?
गीत संगीत कलेक भावना व्यक्त कैना माध्यम हो । गीत बनैना कौनो परिधी नैहो । तर फेन समाजमे अपाच्य हुइना शब्द, भिडियो नैबनाइल मजा । काहेकि कलाकार टे समाजके ऐना हुइँट । समाजहे केहोंर लैजैनामे कलाकारके फेन भारी भुमिका रहठ । जे छाडा शब्द ओ भिडियो बनैठैं हुक्रहिन मोर सल्लाह का बा की आधुनिकताके नाउँमे हम्रे अपाच्य हुइनासम् गीत संगीत नैबनैना चाही । परिवर्तन चाहठ तर समाजमे पाच्य हुइनासमके ।

१२.ओरौनीमे, का सन्देश डेहे चाहटी ?
जैटीजैटी, सक्कु दर्शक श्रोता हुक्रहिन महिन मैंयाँ कैल बटी, मोर गीत संगीतहे मैंयाँ कैडेले बटि ढेरसे ढेर धन्यवाद । अइना दिनमे फेन साथ डेबि । सल्लाह सुझाब फेन डेबि । मोर युट्युब च्यानल लाइक, शेयर, कमेन्ट कैडेबी । लावा लावा गीत फेन आइठ यी च्यानलमे हेर्के सुन्के साथ डेबि । अप्नेन्के साथ, मैंयाँ, सल्लाह सुझब बिना हमरे आघे बर्हे नैसेकब । मैंयाँ कैडेबी । आझके यी बातचितके लाग अपनेनके सक्कु टिमहे धन्यवाद ।

‘व्यवसायिक कलाकार बन्ना बहुत कठिन बा’

रोशन रत्गैंयाँ