‘लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ’

प्रतिमा चौधरी
६ बैशाख २०८०, बुधबार
‘लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ’

‘लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ’

दाङ जिल्लाके तुलसीपुर उपमहानगरपालिका वडा नम्बर १२ कचिला गाउँके मोडेल प्रतिमा चौधरी, थारु कलाकार मध्ये एक हुइँट । मोडलिङमे मजा प्रतिभा रहल प्रतिमा चौधरी, बाबा जगत चौधरी ओ डाइ प्रबिना चौधरीक् कोखसे २०६० साल असार महिनाके २५ गते इ धर्तीमे पैला टेकलैं । थारु आधुनिक गीत सांगीतिक क्षेत्रमे एक दर्जनसे ढेर गीतमे अभिनय कैके एक अभिनेत्रीके रुपमे स्थापित हुइल बटि । इहे क्रममे सांगीतिक क्षेत्रमे केन्द्रित होके सागर कुस्मीसे करल छोटमिठ बातचित यहाँ प्रस्तुत कैल बा ।

१.प्रतिमा बाबु अप्ने कलाकारिता क्षेत्र ओर कहियासे लगली ? अभिनय कैना आशिर्वाद कहाँसे पैली ?
मोर कलाकारिता क्षेत्रमे लागल ५ बरस हुइटा । मै लावा मोडेलके परगा बरहैटी बटुँ । छोट्टेसे मोर नाचगानमे रुचि फेन रहे । महिन फेरु चौधरी (भाटु) ओ राकेश चौधरीक् (डान्सर गुरु) ढेर सहयोग मिलल् । अस्टेके मै अपन अपन यात्राहे आघे लैजैटी बटुँ ।

२.अप्नेक् बाल्यकाल कैसिक बिटल ? जिन्गीमे कबु नैभुले सेक्ना सबसे यादगार पल का बा ?
मोर बाल्यकाल स्कुल जाके डाइ बाबनके साथमे रहिके बिटल । ठिकठिके सुखमयसे बिटल । मोर जिन्गीमे डाइबाबाके साथ अन्तिम पल बिटाइल मै कबु नैबिसरैम । जौन दिन मोर बाबा इ संसार छोरके गैलक दिन महिन बहुत रुवाइठ । ओहे मोर एकदम यादगर पल हो ।

३.अब्बेसम थारु ओ नेपाली सक्कु मिलाके कैठो सम गीतमे अभिनय कैसेक्ली ?
आझसम थारु ओ नेपाली मिलाके दर्जनसे ढेर भिडियो बजारमे आइल बा । खेलल् टे बहुट बा । अभिन अइना क्रम जारी बा । अभिन टमान ठाउँसे सुटिंगके लाग बलावा अइटी बा ।

४.गीत संगीत क्षेत्रमे लागके का पैली ओ का गुमैली ?
गीत संगीतमे लागेबेर सुरुसुरुमे मोर पढाइमे समस्या आइल रहे । मने आब ओइसिन नैहो । मै अपनमे रहल कलाहे बाहेर डेखाइ पैना अवसर पैनु इहे मोर लाग सबसे भारी अवसर हो । थारु समुदायसे एकठो कलाकारके रुपमे अपनहे चिन्हैना मौका पैनु । आझ सब कोइ महिन पर्दामे डेखटैं महिन बहुत खुसी लागठ ।

५.अप्नेहे मेरमेराइक गीतमे मोडलके रुपमे डेख्जाइठ । खास कैके कसिन गीतहे प्राथमिकता डेठी ? कैसिन गीत मन परठ ?
महि खास कैके अपन थारु संस्कृति झल्कैना थारु गीत मन परठ । थारु गीतहे जो मै प्राथमिकता डेठुँ । महिन हमार थारु पहिचान बोकल गीत मन परठ । मै अपन थारु कला संस्कृतिहे बहुत मैंयाँ करठुँ । अपन थारु कला संस्कृतिहे आघे बर्हैना पहुरैना मोर कर्तव्य हो ।

६.अपन खेलल् गीत मध्ये सबसे मन पर्ना गीत कौन हो ?
मोर खेलल् गीत मध्ये ए हाँ री टुहिन डेख्कन भाटु हो लगठा महिन डर कना गीत हो । एम्ने थारु सांस्कृतिक झलक डेखाइल बा । अब्बेसम् मै थारु गीत ए हाँ री, हाँ हाँ रे, दिदिके देवर, आँखी चस्मा, ओ नेपाली गीत यो दाजु को मिर्मिरे आँखा कना गीतमे अभिनय कैसेक्ले बटुँ । अभिन बहुत गीत अइना क्रम जारी बा ।

७.अभिनय कैके यहाँसम पुग्ली । इ समयमे कैसिन कैसिन दुख, समस्या, ओ बाधा आइल ?
गीत खेल्टी खेल्टी यहाँसम आके बाधा अड्चन कलेक रातीक् सुटिंगमे समस्या भोगे परठ । निन लागठ निनके मारे नाचे नैसेक्बो टे खोेब गारी मिलठ । समयमे खाइ नैमिलठ् । भुँख, पियास, दुख कष्ट सहे परठ ।

८.एकठो कलाकार बनक् लाग कत्रा दुख करे परठ ?
एकठोे सफल कलाकार बनक लाग अपनमे मेहनत लगलशीलता हुइ परठ । घर, परिवार, संघरियन अस्टेक सक्कु ओहाेंरसे सहयोग फें मिले परठ । टब किल सफल कलाकार बने सेक्जाइठ । जबसम दुख नैकरबी टबसम सफल हुइ नैसेक्बी । हर चुनौतीसे सामना करे परठ । लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ । जे लरे सेकठ ओहे आघे पुगठ ।

९.अभिनय बाहेक आउर कौन काममे समय बिटाइटी ?
मै अभिनय बाहेक घरके काममे, संगे संगे अपन पर्हाइ लिखाइमे समय डेटी बटुँ । खाली रहल बेलामे सुटिंग कैना, बाँकी समय घरक् काम ओ पर्हाइ । अब्बे कक्षा १२ के कमर्सके पर्हाइ सेक्के बैठल बटुँ ।

१०.मनैंन्के जिन्गीमे गीत संगीतहे कैसिक परिभाषित करठी ?
बहुत मार्मिक बात पुछ्ली डाडु । गीत संगीतके ठिक्के इहे हो कहिके परिभाषा कैना बहुत कठिन बा । हरेक मनैं फरक फरक तरिकासे व्याख्या करले बटैं । मनैंनके जिन्गीमे गीत संगीत कलक अपनमे रहल कला प्रतिभा डेखैना कला हो । जिन्गीमे आघे बर्हक् लाग डगर डेखैना ठाउँ हो । अपन करियर बनैना ठाउँ हो । संगीत मनैंनके दुख बिस्रैना लडिया हो । आझ हमार भासा कला संस्कृति बा टबे टे हमरे बटी । ओहे मारे कला हमार पहिचान हो । इतिहास हो । इ समाजहे जिवन्त बनाइठ् ।

११.आरौनीमे कुछ बाँकी बा कि कहे पर्ना ?
अस्टेके महिन मैंयाँ कैके यहाँसम पुगुइया डाइ बाबा, सक्कु संघरियन, सम्झे चाहुटुँ । सल्लाह सुझावके अस्रामे बटुँ । महिन यहाँसम पुगैलक्मे मोर आवाजहे हमार समुदायमे पुगैलक्मे अपनेनके टीमके उत्तरोत्तर प्रगतिके कामना फेन करटुँ । जुगजुग जलम भर हमार यात्रा चल्टी रहे । धन्यवाद ।

‘लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ’

प्रतिमा चौधरी