‘लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ’
दाङ जिल्लाके तुलसीपुर उपमहानगरपालिका वडा नम्बर १२ कचिला गाउँके मोडेल प्रतिमा चौधरी, थारु कलाकार मध्ये एक हुइँट । मोडलिङमे मजा प्रतिभा रहल प्रतिमा चौधरी, बाबा जगत चौधरी ओ डाइ प्रबिना चौधरीक् कोखसे २०६० साल असार महिनाके २५ गते इ धर्तीमे पैला टेकलैं । थारु आधुनिक गीत सांगीतिक क्षेत्रमे एक दर्जनसे ढेर गीतमे अभिनय कैके एक अभिनेत्रीके रुपमे स्थापित हुइल बटि । इहे क्रममे सांगीतिक क्षेत्रमे केन्द्रित होके सागर कुस्मीसे करल छोटमिठ बातचित यहाँ प्रस्तुत कैल बा ।
१.प्रतिमा बाबु अप्ने कलाकारिता क्षेत्र ओर कहियासे लगली ? अभिनय कैना आशिर्वाद कहाँसे पैली ?
मोर कलाकारिता क्षेत्रमे लागल ५ बरस हुइटा । मै लावा मोडेलके परगा बरहैटी बटुँ । छोट्टेसे मोर नाचगानमे रुचि फेन रहे । महिन फेरु चौधरी (भाटु) ओ राकेश चौधरीक् (डान्सर गुरु) ढेर सहयोग मिलल् । अस्टेके मै अपन अपन यात्राहे आघे लैजैटी बटुँ ।
२.अप्नेक् बाल्यकाल कैसिक बिटल ? जिन्गीमे कबु नैभुले सेक्ना सबसे यादगार पल का बा ?
मोर बाल्यकाल स्कुल जाके डाइ बाबनके साथमे रहिके बिटल । ठिकठिके सुखमयसे बिटल । मोर जिन्गीमे डाइबाबाके साथ अन्तिम पल बिटाइल मै कबु नैबिसरैम । जौन दिन मोर बाबा इ संसार छोरके गैलक दिन महिन बहुत रुवाइठ । ओहे मोर एकदम यादगर पल हो ।
३.अब्बेसम थारु ओ नेपाली सक्कु मिलाके कैठो सम गीतमे अभिनय कैसेक्ली ?
आझसम थारु ओ नेपाली मिलाके दर्जनसे ढेर भिडियो बजारमे आइल बा । खेलल् टे बहुट बा । अभिन अइना क्रम जारी बा । अभिन टमान ठाउँसे सुटिंगके लाग बलावा अइटी बा ।
४.गीत संगीत क्षेत्रमे लागके का पैली ओ का गुमैली ?
गीत संगीतमे लागेबेर सुरुसुरुमे मोर पढाइमे समस्या आइल रहे । मने आब ओइसिन नैहो । मै अपनमे रहल कलाहे बाहेर डेखाइ पैना अवसर पैनु इहे मोर लाग सबसे भारी अवसर हो । थारु समुदायसे एकठो कलाकारके रुपमे अपनहे चिन्हैना मौका पैनु । आझ सब कोइ महिन पर्दामे डेखटैं महिन बहुत खुसी लागठ ।
५.अप्नेहे मेरमेराइक गीतमे मोडलके रुपमे डेख्जाइठ । खास कैके कसिन गीतहे प्राथमिकता डेठी ? कैसिन गीत मन परठ ?
महि खास कैके अपन थारु संस्कृति झल्कैना थारु गीत मन परठ । थारु गीतहे जो मै प्राथमिकता डेठुँ । महिन हमार थारु पहिचान बोकल गीत मन परठ । मै अपन थारु कला संस्कृतिहे बहुत मैंयाँ करठुँ । अपन थारु कला संस्कृतिहे आघे बर्हैना पहुरैना मोर कर्तव्य हो ।
६.अपन खेलल् गीत मध्ये सबसे मन पर्ना गीत कौन हो ?
मोर खेलल् गीत मध्ये ए हाँ री टुहिन डेख्कन भाटु हो लगठा महिन डर कना गीत हो । एम्ने थारु सांस्कृतिक झलक डेखाइल बा । अब्बेसम् मै थारु गीत ए हाँ री, हाँ हाँ रे, दिदिके देवर, आँखी चस्मा, ओ नेपाली गीत यो दाजु को मिर्मिरे आँखा कना गीतमे अभिनय कैसेक्ले बटुँ । अभिन बहुत गीत अइना क्रम जारी बा ।
७.अभिनय कैके यहाँसम पुग्ली । इ समयमे कैसिन कैसिन दुख, समस्या, ओ बाधा आइल ?
गीत खेल्टी खेल्टी यहाँसम आके बाधा अड्चन कलेक रातीक् सुटिंगमे समस्या भोगे परठ । निन लागठ निनके मारे नाचे नैसेक्बो टे खोेब गारी मिलठ । समयमे खाइ नैमिलठ् । भुँख, पियास, दुख कष्ट सहे परठ ।
८.एकठो कलाकार बनक् लाग कत्रा दुख करे परठ ?
एकठोे सफल कलाकार बनक लाग अपनमे मेहनत लगलशीलता हुइ परठ । घर, परिवार, संघरियन अस्टेक सक्कु ओहाेंरसे सहयोग फें मिले परठ । टब किल सफल कलाकार बने सेक्जाइठ । जबसम दुख नैकरबी टबसम सफल हुइ नैसेक्बी । हर चुनौतीसे सामना करे परठ । लक्ष्यमे पुगक् लाग चुनौतीसे लरे परठ । जे लरे सेकठ ओहे आघे पुगठ ।
९.अभिनय बाहेक आउर कौन काममे समय बिटाइटी ?
मै अभिनय बाहेक घरके काममे, संगे संगे अपन पर्हाइ लिखाइमे समय डेटी बटुँ । खाली रहल बेलामे सुटिंग कैना, बाँकी समय घरक् काम ओ पर्हाइ । अब्बे कक्षा १२ के कमर्सके पर्हाइ सेक्के बैठल बटुँ ।
१०.मनैंन्के जिन्गीमे गीत संगीतहे कैसिक परिभाषित करठी ?
बहुत मार्मिक बात पुछ्ली डाडु । गीत संगीतके ठिक्के इहे हो कहिके परिभाषा कैना बहुत कठिन बा । हरेक मनैं फरक फरक तरिकासे व्याख्या करले बटैं । मनैंनके जिन्गीमे गीत संगीत कलक अपनमे रहल कला प्रतिभा डेखैना कला हो । जिन्गीमे आघे बर्हक् लाग डगर डेखैना ठाउँ हो । अपन करियर बनैना ठाउँ हो । संगीत मनैंनके दुख बिस्रैना लडिया हो । आझ हमार भासा कला संस्कृति बा टबे टे हमरे बटी । ओहे मारे कला हमार पहिचान हो । इतिहास हो । इ समाजहे जिवन्त बनाइठ् ।
११.आरौनीमे कुछ बाँकी बा कि कहे पर्ना ?
अस्टेके महिन मैंयाँ कैके यहाँसम पुगुइया डाइ बाबा, सक्कु संघरियन, सम्झे चाहुटुँ । सल्लाह सुझावके अस्रामे बटुँ । महिन यहाँसम पुगैलक्मे मोर आवाजहे हमार समुदायमे पुगैलक्मे अपनेनके टीमके उत्तरोत्तर प्रगतिके कामना फेन करटुँ । जुगजुग जलम भर हमार यात्रा चल्टी रहे । धन्यवाद ।