राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

वीरबहादुर राजवंशी
३ जेष्ठ २०७८, सोमबार
राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

संघीय गणतन्त्र नेपालके जल्दाबल्दा सवालके इतिहासके मोर मोरके कालखण्डके अवशेष अध्ययन कर्ना बेला बखतमे न्यायपुर्ण आन्दोलन हुइल डेखजाइट् । जट्रा न्यायपुर्ण आन्दोलन हुइलेसेफे, उ सक्कु आन्दोलनहे निष्कर्ष विहिन शासकहुकरे बनाइल बटैं । नेपालमे जोन बेला २२ से २४ से राज्य रहे ओहे राज्य एकीकरणके नाममे भाषा, संस्कृति ओ इतिहास मेटाके भौगोलिक एकिकरण रहल बा । जुन एकीकरणके उदेश्य भौगोलिक एकताके साथमे वहाँ हुइल पहिचान सहित हुइपर्ना ।यि सवालमे नितान्त चुक्टि, चुकैटी अनइल बटैैं । यी बिषय अभिनफे कायम रहल अवगत नै बाट ।खास कैके झापा आन्दोलन, किसान आन्दोलन, सशस्त्र वर्गीय जनयुद्ध, जन आन्दोलन (विशेष पहिचान भाँसी डोरी, झलारी बोतल, गुलरिया सहिद गेट जरैना काण्ड) हुइल, उ सक्कु पहिचान सहितके अधिकारीके आन्दोलन रहे ।


आजके मनैनके डिमागमे दलाल पुँजीवादी चिन्तन ग्रसित हुइल ओरसे आर्थिक विकास किल सम्भव नैहोके यहाँ घटल घटना ओ परिणामले डेखाइल बा । जव सम नेपालमे दलाल पुँजी संग राष्ट्रिय अर्थतन्त्रके विकास होके प्रतिस्पर्धाद्वारा ,अपनत्व,पहिचान सक्कुनके स्वामित्व हुइना मेरके अधिकार सम्पन्न नैहुइ,तब सम यहाँ मेर मेर उत्पीडन से मुक्त हुइना असम्भव डेखाइट् ।आज नेपालमे सक्कुनके पहिचान ,स्वामित्व ओ अधिकार एक्केठो डालोमे गिजोलिएके छ।त्यो चिन्न चिनैना गाह्रो हुइल बा ।यि शासकके कुटनीति कुत्सित मनसायके प्रतिफल हो ।वास्तवमे यहाँ हुइल सम्पूर्ण जनताहे पहिचान सहितके अधिकार हो ।जेम्मे कुछ शासक यि या उ रुपमे करोडौं जनसमुदायहुकन भ्रममे पारी शासन करले बाटैं । यहाँ मेर मेर उत्पीडन मध्ये क्षेत्रीय ,जातीय ओ वर्गीय उत्पीडनहे लोकतान्त्रिक माध्यमसे बाघ ओ बाख्राहे एक्केठो खोरमे डारल बा ।यिहिन सामान्य रुपमे मनन् करे सेक्जाइट कि पहिलसे सत्ता शासनके बागदोर सम्हरलक ओ सम्हाल्न करटि रहल शुरुवातमे प्रतिस्पर्धा हुइबेर हिमालसे तराईमे आइल जस्टो हुइटैं ।जब शासक ओ शासितहुकनके बिचमे प्रतिस्पर्धा हुइ बोर केकर हाटमे परि ?कना बाटमे सामान्य चेतना हुइल हुकनफे जानकारी बा ।यहाँहुकन समान विकास करक लाग शासकहुकन संग रहल कला शासितहुकरे कलात्मक ओ मौलिकताहे आत्मसाथ कर्ना वातावरण बनाइल हुइपर्ना ।संघीय नेपालके परिवेशमे संघीयता ,गणतन्त्र ,समावेशी ओ धर्म निरपेक्षता जसिन प्रगतिशील हुइलेसेफे आन्तरिक राष्ट्रियता मजबुत बनैना भाषा सहितके पहिचान हो ।


नेपालके प्रदेश नं २बाहेक अउरे कोनोफे प्रदेशमे मौलिकता ,क्षेत्रीयता ओ जातीय उत्पीडनसे मुक्त हुइना खालके नै हो ।यद्यपि संघीयता ओ गणतन्त्र नै बेठीक नै कहठु । केवल महेन्द्र राजाके बनाइल संरचना ५ विकासक्षेत्र, १४अञ्चल, ७५ जिल्ला कहल झै ७प्रदेश, ७५३ स्थानीय तह ओ केन्द्र शासित भौगोलिक आर्थिक करिडोर बाहेक कुछ नै हो । यहे कारण बहुमत उत्पीडित समुदायहुकनके अपनत्व स्वीकार करल नैडेख्ठैं । उल्ता ऐतिहासिक पहिचान ओ अस्तित्वके घाँटी कत्ना ओ संघीयताके फुर्ति लगैना बाहेक कुछ हुइ नाइसेकि । नेपालमे राष्ट्रियता मजबुत ओ विकास कर्ना स्थानीय जनसमुदायहुकनके पहरेदार उहाके पहिचान सहितके संघीयताके अवधारणा ओ अपनत्वसे आन्तरिक राष्ट्रियता व्यवस्थित करलेसे किल, समग्र राष्ट्रियता कायम करे सेक्जाइ । नेपालमे स्वाधीनताके प्रयोगमे रहल सवाल बहुट कम्जोर बा । काजे कि अधिकांश बहुसंख्यक मनै हुकरे शासितके महसुस हुइल डेखाइट् ।

प्रस्तुत बिषय हरेक राजनीतिक दल संघ संस्थामे व्यापक छलफल हुइपर्ना परिवेशमे गुमराह ,अन्योल, परनिर्भर ओ डराउ मनिस्थिति डेखाइट् ।हाइमे उम्किन अपन अपन दल,मोर्चामे निर्भीक अटल निर्मम् कठोर हइटि मित्रतापुर्ण राष्ट्रियतामे एक हुइपर्ना ।आज सम कोनो राजनीतिक दलमे असिन प्रकारके नेतृत्व छायामे परल हुहि,बाहेर नैडेखाइ हो,आफेनै डेहेल हुइट् ।
यहे कारण निरन्तर मित्रतापुर्ण अन्तर संघर्ष संगठित सम्बन्धित राजनीतिक दल,मोर्चा ,समाज ओ परिवार भित्तर बस्तुगतबैज्ञानिक सक्कुजे स्वीकार करे सेक्ना गरि प्रतिस्पर्धा करेपर्ना ।जब सक्कुनके समान बुझाईके हुइल,कलेसे किल राष्ट्रिय आकांक्षा सुखि नेपाली समृद्ध नेपालके उदृद्व हुइठ् ।यि सक्कुनके साझा जिम्मेदारी हुइपर्ना । तर विडम्बना एक अर्को खुला प्रतिस्पर्धा करेपर्ना निषेधके प्रक्रिया प्रारम्भ हुइट् । असिन प्रकारके राष्ट्रिय परिवेशमे उत्पीडनमे पल समुदाय झन बढी मेहेनट करेपर्ना ।
बहुदलीय प्रतिस्पर्धाके राष्ट्रिय राजनीतिक परिदृश्यमे अस्तित्वमे रहल सककु जहन अंगिकार गरि अपन अपन परिवार,समाज,मोर्चा ,संघ संस्था राजनीतिक दलभित्तर समान विचार ,समान सोचके विकास हुइना जरुरि बा ।आज समके घटनाक्रममे“ फुटाउ ओ राज गर“नीति अबलम्वन कैगिल द्वन्द्वात्मक भौतिकबादी दृष्टिकोणहे आत्मसात करेपर्ना ।वस्तुमे गुण ओ अवगुण बा ।यहसे के ग्रहण कर्ना मनै ,परिवार ,समाज,मोर्चा ओ दलटहुकन सम हुइपर्ना । एकर उप्पर उल्लेखित बिषयहे सवाल जबाफ अपनेक ओ हमार काँधमे आइल बा हमार । धन्यवाद ।

राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

वीरबहादुर राजवंशी

कृष्णपुर–६ कंचनपुर