जोंजा

वीर बहादुर राजवंशी
३ जेष्ठ २०७८, सोमबार
जोंजा

कंचनपुर जिल्ला कृष्णपुर नगरपालिकामे वि.स.२०५४ साल वैशाख महिनामे थारू भाषा तथा साहित्य उत्थान मञ्च (गोचाली परिवार २०२८) के महाकाली मावि बन्जरियामे साँस्कृतिक झलकके कार्यक्रम ओर्वाके बन्जरिया गाउँमे दुर्गाप्रसाद चौधरी जीके अध्यक्षतामे ७ सदस्यीय गोचाली परिवारके कंचनपुर जिल्ला समिति गठन हुइल रहे । समितिके पदाधिकारीमे दुर्गाप्रसाद चौधरी (अध्यक्ष), जोगराज चौधरी (उपाध्यक्ष), पेंपुराम चौधरी (सचिव), रामकृष्ण चौधरी (कोषाध्यक्ष), रामप्रसाद चौधरी ओ हेमकान्त चौधरी सदस्यमे चयन हुइल रहिंट


बाँकी सदस्य पाछे ठप्ना कहिके समिति निर्माणके प्रचार प्रसार विस्तार हुइनाक्रममे इलाका प्रहरी कार्यालय गुलरियासे प्रशासन धरपकड, गिरफ्तार, सोधपुछ, छापा मर्ना ओ तारिख लगैना प्रारम्भ कैके डारल, काहे ? काहे कि यहाँके पहुँचवाला लोग कार्यक्रममे टेन्ट, व्यानर, चिठ्ना ओ साँस्कृतिक कार्यक्रम अवरोध करल ।
नेपाल राज्य यी समुदायके भाषा तथा साहित्य डबैले बा । यी कार्यक्रम प्रगतिसिल, विद्रोही, चेतना मुलक रहे । उ कार्यक्रममे बर्दिया निवासी वेपत्ता पारगैल सगुन लाल चौधरीके भाषण माँगरसे शुरु कैलैं । खुकुरी नाच प्रदर्शन झलक प्रस्तुत कैगैल, कलेसे डोसरओर मध्ये पश्चिम नेपालके राप्ती अञ्चल रोल्पा जिल्ला ओर वि.स.२०५२ सालसे सशस्त्र दिर्घकालिन वर्गीय जनयुद्व शुरु होसेकल रहे ।


आखिरमे जैसिनफें न्यायपुर्ण आवाज उठेलेसे फेन राज्य संग जोरल बा । राजनीति संग जोरल बा । ओहेमारे कठैं (उयष्तिष्अक अयmभ दबचचष्भच या तजभ नगल) राज्य सत्ताके जन्म बन्ढुकके नलिसे जन्मन्ठ । यी इतिहासमे जोनफे न्यायपुर्ण आन्दोलन जहाँ जटरा दमन हुइल बा, उहाँ ओटरे मात्रामे प्रतिरोध हुइल डेखजाइठ ।
ओस्टेक जिल्लामे वि.स.२०५६ मे तत्कालीन पिपलाडी गाविस वडा नम्बर १ पराउमे, बर्दिया भौरा टप्पा निवासी नेकपा (माओवादी) के केन्द्रीय सदस्य, माननीय महिला, बालबालिका ओ समाजकल्याण मन्त्री, माननीय कृषि ओ भुमिसुधार मन्त्री, थारुवान राष्ट्रिय मुक्तिमोर्चा नेपालके केन्द्रीय अध्यक्ष, थारुवान जनपरिषदके (जनसरकार) केन्द्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय रामचरण चौधरीके प्रमुख आतिथ्यमे ओ देवीलाल चौधरीके अध्यक्षतामे ७ सदस्यीय थारुवान राष्ट्रिय मुक्तिमोर्चा नेपाल कंचनपुरके जिल्ला समिति तपसिल अनुसार गठन हुइल ।


देवीलाल चौधरी (अध्यक्ष), गंगाराम राना (उपाध्यक्ष), दानसिह दहित (सचिव), मोतीलाल चौधरी (सदस्य), कन्हैया राना (सदस्य), बुद्धिराम चौधरी (सदस्य), वीर बहादुर राजवंशी औरे सदस्यीय मुक्तिमोर्चाके पुर्णताके बाद थारु जनजागरण अभियान लेके व्यापक प्रचारप्रसार संगठन विस्तार हुइल ।


ठाउँठाउँमे थारुवान राष्ट्रिय मुक्तिमोर्चा, सम्पुर्ण उत्पीडित एक हुइटि कना नारा संगठन विस्तार, मसाल (जोंजा) जुलुस, भित्ते लेखन होए । एकर प्रचार देशभर दाङसे कंचनपुरसम हुइबेर प्रशासन थारु समुदायहे चरम यातना, दमन, मानसिक तनाव, घृणा हुइल ओरसे योङ कम्युनिस्ट लिगसंगके संयुक्त संघर्षसे प्रतिरोध हुइल ।


वि.स.२०४८ साल संसदमे प्रस्तुत राष्ट्रियता, जनतन्त्र ओ जनजीविका जस्ते ४० सुत्रिय माग करेबेर सम्बोधन नैहुइल ओरसे वर्गीय जनयुद्ध प्रारम्भसंग नैतिक, आर्थिक, भौतिक रुपमे यि समुदाय समाहित हुइल । राजनीति चेतनाके बिकास ओ राज्यके दमनके कारणसे अपन जिउधनके रक्षाके लाग थारु समुदाय दमनके प्रतिरोधमे समय परिस्थिति बडलटि परिवेशमे लोकतान्त्रिक आन्दोलन नेपालके संविधानमे उत्साहपुर्ण यि उत्पीडित वर्ग समुदायहुकनके रगत ३० जने वेपत्ता ओ १४६ जने शहिदहँुकरे जन्म डेना डाइ बाबाके शिर ठार्ह हुइना मेरके सहभागिता हुइलि । लोकतान्त्रिक गणतन्त्रात्मक नेपालके संविधान २०७२ कुवाँर ३ गते अँट्वार संघीयता, गणतन्त्र, समावेशी ओ धर्मनिरपेक्षता सहित जारी हुइल । टबमारे नेपालके संविधान संग राष्ट्रियताके मैंयाँ बा ।

जोंजा

वीर बहादुर राजवंशी

गुलरिया, कंचनपुर