लकडाउनके सम्झना

सागर कुस्मी
३ जेष्ठ २०७८, सोमबार
लकडाउनके सम्झना

कोरोनाके बन्द माहोल मे सतर्क हुइटि इ ज्यान सारहे तीन महिना गाउँ गैल रहे । इहे क्रममे खाली समयहे सजोग करक लाग एक दिन संघरिया रामलक्ष्मण चौधरीसे भेंट हुइल । ओहे बेर उहाँ अपन सम्पादनमे प्रकासन करल निसराउ साप्ताहिक अंक १३, २०६० साल चैत २९ गतेक् मोर हाठेम् पक्रोइलैं । इ संस्मरणमे ओहे अंकके बारेम कुछ बातचित यहाँ लिख्गैल बा ।

निसराउ साप्ताहिक थारु भाषक् पत्रिका हो । राष्ट्रिय अव्यवस्थित वस्ती समाधन समाज कैलाली शाखाके मुख पत्र हो इ निसराउ पत्रिका । इ पत्रिका २०५९÷०६० सालमे प्रकासन हुइल रहे ।

पहिल पानामे कार्यकर्तनके गुनासोमे कार्यक्रम संचालन कना शिर्षकमे पहिल समाचर के रुपमे छपल बा । डोसर समाचार बा, प्रशिक्षक तालिम समापन । टिसर समाचार हा,े जिल्ला जनसरकार प्रमुखके मृत्यु पैचालिस दिन बन्द खाली हल्ला । ओस्टेके चौठा समाचार बा, नाका बन्दी के कारण जनता आतंकित । इहे पानामे टरे ओर लक्की चौधरीक् दुई ढुंगा बिचमे रहल तरुल कना लेख फेन छपल बा । उ समयके इ लेख समसमायिक लेख हो । बिज्ञापन व्यापार के लगानी हो । यदि व्यापार कर्ना बा कलेसे बिज्ञापन फेन करे जाने परठ । ओहे मारे पहिल पाना मे दुई ठो बिज्ञापन फेन ठाउँ पैले बा ।

निसराउ साप्ताहिक अंक १३ के डुसरा पाना लेख ढैना ठाउँ हो । एम्ने दया शंकर चौधरीक् व्यवस्थित परिवार सुखके आधार कना शिर्षकमे छपल बा । इ पाना पत्रिका प्रकासन परिवार के सक्कु जहनके नाउँ फेन बा । सम्पादकमे राम लक्ष्मण चौधरी । प्रकासकके रुपमे राष्ट्रिय अव्यवस्थित वस्ती समाधान समाज जिल्ला कार्यालय कैलाली शाखा बा । इ संस्थाके केन्द्रिय कार्यालय काठमाण्डौंमे रहिस । सल्लाहकारमे कृष्ण बहादुर चौधरी, रामदास चौधरी, लालटुराम चौधरी, बुद्धिराम चौधरी बटैं कलेसे कानुनी सल्लाहकार देवीलाल चौधरी, हेमन्तराज पन्त बटैं । ओस्टेके संरक्षकमे बटैं सनम सत्तेहरी । फारवेस्ट कम्प्युटर सेन्टर मे सेटिङ होए । इ पत्रिकाके सेटिङ ओ दिजाईनर लक्की चौधरी हुइँट । उहाँ समाचार फेन लिखित ओ सम्पादनमे फेन सहयोग करिँट निसराउक् टिमहे ।
इहे पानामे हेरैती बा हमार संस्कृति कना शिर्षकमे सम्पादकिय फेन लिखल बा । संस्कृति सम्बन्धी इ सम्पादकीय ओजन्डार बा । इहे पाना मे सबसे टरे ओर पाठक प्रतिक्रिया फेन ठाउँ पैले बा । प्रतिक्रिया पठुइया जोन्हाँपुर कैलालीक् भरथरी चौधरी हुइँट ।

इ पानामे सनम सत्तेहरीक् वर्तमान समस्यक् निकास संविधान सभा कना शिर्षकमे लेख छपल बा । इहे पाना मे गणतन्त्र मागके लाग पार्टीहुक्रन सहमटी हुइपर्ना बिद्यार्थीके दवाब कना समाचार फेन छपल बा कलेसे पाँचठो छोट्छोट बिज्ञापन फेन बा ।

चौठा पानामे कांग्रेस एकताक लाग कोइरालाके आग्रह कना समाचार बा । ओस्टेके प्यासिभ चौधरीक् लिखल आँश ओ समय शिर्षकमे छोटमोट कथा बा । ओस्टेके जगदिश चौधरीक् मायालु बनैना का बेकार बात हो ? कना शिर्षकमे निबन्ध फेन ठाउँ पैले बा ।

इ पाना साहित्य विशेष बिल्गाइठ् । एम्ने लक्की चौधरीक् गजल, टीकापुर ९ बनगाउँ कैलालीक् सुरेन्द्र चौधरीक् बिन्ती कविता, रतनपुर ५ बसन्ता कैलालीक् जनक चौधरीक महिनहे पुगि कना कविता, पिन्टुराम चौधरीक् दुई दिनके माया कना कविता, सिताराम चौधरीक् मनके व्यथा कविता ओ गोपाल चौधरीक् लगायत के ४ ठो चुट्किला फेन छ्पल बा । कुछ बिज्ञापन एम्ने फेन परल बा ।

इ छैठो पानामे आपन नयाँ जीवन निर्धारणमे बाटैं पूर्व माओवादी हुक्रे कना एक्ठो समाचार ओ बिबस चौधरीक् आझकालके हालत कना लेख फेन बा । ओ छोटछोट बिज्ञापन फेन बा ।

इ पाना खास कैके बिद्यार्थी ओइनके रोजाइमे पर्ना पाना हो । काकरे कि एम्ने राशिफल डारल बा । राशिफल हेर्के बहुट जाने इ पत्रिकाके ग्राहक बनल रहिंट । ओस्टके थापापुर ३ थापापुर कैलालीक् धनबहादुर चौधरीक् जनतामे राजनीतिक वितृष्णा बढ्ती जाइता शिर्षक कना लेखके आघेक् अंकके बाँकी अंश छपल बा ।

इ पाना कलक ओरौनी पाना हो । बचल कुचल उबरल टुबरल इ पानामे डारल बिल्गाइठ । आघेक् पाना मनिक कुछ बचल समाचारके अंश इ पाना मे रहठ् । विशेष सुचना, जान्कारी, बिज्ञापन, पत्रिका ग्राहक शुल्क लगयत इ पानामे डारल बा ।

संस्थाके व्यवस्थापन बर्हिया ओ मजा नैहुइलक ओर्से संस्था धेर दिन चले नै सेकल । एक ओर पत्रिका बन्द होगैल । डोसर ओर संस्था फे बन्द । पत्रिका नियमित संचालन कैना बहुत कठिन काम हो । उ फे थारु भाषामे । पाठकफे नियमित नैपर्हके फेन हो । पत्रिका अप्नही नै चलठ । सामुदायसे सहकार्य कैके चलैले टब किल दिर्घकालिन हुइ सेकठ । प्रकासन समूह जो अप्नही भावी योजना बनाइ सेक्लेसे एकर भविस्य अवस्य फेन ओजरार रहठ । हरेक सामुदायके संस्कृति , भाषा, साहित्य टब बचठ जब उ सामुदायके भाषा दस्तावेज हुइठ । हरेक चिजके अपन अपन ठाउँ मे महत्व रहठ । हमार थारु सामुदायके फेन बहुट पुरान ईतिहास बटिस । भाषा साहित्य कलक समाजके एक्थो जिवन्त ईतिहास हो । ओहे मारे एकर संरक्षण कैना सक्कुजुनके दायित्व हो ।

इ निसराउ पत्रिकामे हरेक हप्ताके रुपमे प्रकासन हुइलेसे फेन साहित्य हे कुछ जोर टे लगैले रहे । मने ओत्रैसे सक्कु चिज सिमोटल नैडेख गैल रहे । लावा लावा स्रस्टा फेन कुछ लेख रचना सिर्जना करे भिरल रहिंट । पत्रिका नियमित जो नैहुइलेक कारण भर्खर लिखे भिरल युबा फेन लगतार कलम चले नैसेक्लिन । जैसिन हुइलेसे उ समयमे फेन कुछ स्रस्टन्के साहित्यिक रचना भर सिर्जल इ गर्भ के बाट हो । छुट्पुट रुपमे हुइलेसे फे कुछ कवि कलम चलैलैँं ।

पत्रिका निरन्तर चलैना महा कररा काम हो । समाज सेवा कैना हो । समाजमे रहल नुकल छुपल बातहे बाहेर लानडेना पत्रकारके काम हो । सहि, सत्य सुचना डेना, खबरदारी कर्ना काम हो । जे दुख पिडा संघर्ष से जुझे सेकठ ओहे टिकठ पत्रकारितामे । इहे सफल हुइठ इ पेशामे । पत्रकारिता मर्यादित, सम्मानित पेशा हो । यम्ने बहुत अवसर फेन बा ।
कैलाली जिल्ला पत्र पत्रिकाके लाग मल्गर ठाउँ मानजाइठ् । यहाँ अब्बे पहुरा थारु दैनिक, हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका नियमित प्रकाशन हुइटी बा । भरखर फेनसे निसराउ दर्ता होके प्रकाशन हुइ भिरल बा । इहे पत्रिकामार्फत आझ बहुट जाने कलम चलाइ भिरल बटैं ।
महिन अभिन फे याद बा, निसराउ पत्रमहिन अभिन फे याद बा, निसराउ पत्रिका हकर के काम कैलक् । मोर पत्रकारिता लगाब यहैंसे बर्हटी गैल । पाछे पहुरा साप्ताहिक फेन जगदिश चौधरीक् संग हकर होके संगे काम कर्नु । सुचना डिउँ टे लक्की चौधरी समाचार बनाके छापडिट । ओस्टेके २०६३ सालसे हमार पहुरा अर्ध साप्ताहिक निक्रे लागल । अस्टे करटे करटे मोर पत्रकारिता सुरु हुइल हो । इ पत्रिका एल. एन चौक, लक्ष्मीनारायण मन्दिरके आघे रहल लक्की चौधरीक् फारवेस्ट कम्प्युटर से निक्रे । सेटिङ, दिजाइन सब ओहैं होए । बिहान भर पत्रिका पुगाउ । कलुवा खाके दिन भर मार्केटिङ करु । टब सम समाचार लिखे जाने सिखगैल रहुँ । हमार पहुरा अर्ध साप्ताहिमे असारमे निक्रल पत्रिकामे टेंर्हिक बँढुवा मर्मत होसेकल शिर्षक मे छपल समाचार, मोर बाइलाइन रहल पहिला समाचार रहे । कुछ दिन मै, मोर भैया, ओ डाइ हम्रे ओहे बँढुवामे मँजुरि कैले रहि । ठेकेदार ओइने मोरे घरक् बक्टिक अन्डा खाके अभिन सम पैसा नैडेले हुइँट । ओहे समाचार लिख्लक् ओइने अझकल गाउँ ओर अइठैं टे मुह घुमैठैं । एक्ठो घरक् मुर्गा खाके बिना पैसा टाप कसडेनैं
ओहे समयमे संगे पत्रकारिता कर्ना निमुवाबोझिक् जोखन चौधरी हसुलिया ओर पत्रिका पुगायँट । मै गाउँ गैल बेला अपन गाउँओर फेन पत्रिका बितरण करुँ वोखनके संगे । ओहे मेहनत ओ लगाब महिन आझ यहाँ सम पुगाइल । संगेक् संघरियन टमान जाने पत्रकारिता से दुर होसेकल बटैं । कुछ संघरियन अभिन पत्रकारितामे टिकल बटैं । राम दहित ओ मै संगे काम करे भिर्लि । उ चौराहा ओर बितरण करिंट टे मै क्याम्पसरोड । हम्रहिनसे आघे अविनाश दहित फेन पहुरा ओर छिरल रहिट ।
संघरियन पत्रकारिता ओर किल लग्नैं कलेसे मै पत्रकारिता ओ साहित्यकारिता डुनु ओर । जेडा समय गजल मुक्तक लेखन मे समय डेहे लग्नु । समाचार लेखन कम हुइटी गैल । जेकर परिणाम अब्बे २०७१ सालसे हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका जन्मल । मने अत्रैमे मै सिमित रहिके रहे नैसेक्नु । अपन सीप, कला ओ ज्ञानहे बाँटक लाग फेनसे २०७७ सालसे निसराउ साप्ताहिक दर्ता होके लागल बटुँ ।
चलि आब इ यात्रा कहाँ सम पुगाइठ । अप्नेनके मैयाँ ममता, प्यार ओ आशिर्वाद मिल्टि रहि कलेसे अभिन फे आउर आघे जाइ सेकम । थारु भाषक् पत्रकारिताहे आउर उप्पर पुगाइ सेकम विश्वास बा ।
लेखक हरचाली त्रैमासिक के प्रधान सम्पादक हुँइटैं ।

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सागर कुस्मी