गजल
समस्या परल बेलम उ समाधान खोजटा ।
गरीबके घरेम जलम लैके मकान खोजटा ।
गरीबफें मनै होइँ सपना डेख्ना ठिके टो हो,
मेहनट कर्के आब अलग्गे पहिचान खोजटा ।
चलो ठिके बा सब अंगरि बराबर नाइ रहट,
टबुनफें उ डुख्यारा आझ सम्मान खोजटा ।
भाग्यमे लिखल नाइ रलेसेफे का करी हजुर,
अपन इज्जत नाम ओ अलग्ग्गे शान खोजटा ।
जिन्गी जिना सँच्मे बरा कर्रा हो, हो गोचाली,
उ जिएक्टन ठाउँ ठाउँमे चिन्हाजान खोजटा ।
बलराम चौधरी
जानकी गाउँपालिका १ धर्मापुर, कैलाली