गजल-समाधान खोजटा

बलराम चौधरी
२४ जेष्ठ २०८०, बुधबार
गजल-समाधान खोजटा

गजल
समस्या परल बेलम उ समाधान खोजटा ।
गरीबके घरेम जलम लैके मकान खोजटा ।

गरीबफें मनै होइँ सपना डेख्ना ठिके टो हो,
मेहनट कर्के आब अलग्गे पहिचान खोजटा ।

चलो ठिके बा सब अंगरि बराबर नाइ रहट,
टबुनफें उ डुख्यारा आझ सम्मान खोजटा ।

भाग्यमे लिखल नाइ रलेसेफे का करी हजुर,
अपन इज्जत नाम ओ अलग्ग्गे शान खोजटा ।

जिन्गी जिना सँच्मे बरा कर्रा हो, हो गोचाली,
उ जिएक्टन ठाउँ ठाउँमे चिन्हाजान खोजटा ।

बलराम चौधरी
जानकी गाउँपालिका १ धर्मापुर, कैलाली

गजल-समाधान खोजटा

बलराम चौधरी